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    कौन ले गया मुख्तार के शूटर का शव? अनुज कनौजिया को किसने दी पनाह, हर सवाल का जवाब है यहां

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 07:35 PM (IST)

    एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया मारा गया। वह दो महीनों से गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर के घर में छिपा था। पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई। अब पुलिस चिंटू की तलाश कर रही है जो अनुज को शरण दे रहा था।

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    कौन ले गया मुख्तार के शूटर का शव, अनुज कनौजिया को किसने दी पनाह?

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस द्वारा किए गए संयुक्त ऑपरेशन में कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया के मारे जाने के बाद अमलतास सिटी में सन्नाटा पसरा है। पुलिस अब जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। चिंटू ने ही अनुज को शरण दी थी।

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    अनुज पिछले दो महीने से गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर के आउटहाउस में छिपा था। मुठभेड़ स्थल से बम भी बरामद हुआ, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। आइए इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

    यहां आपको इन सवालों के जवाब मिलेंगे

    • मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कनौजिया की पुलिस से मुठभेड़ कैसे और कब शुरू हुई?
    • मुठभेड़ में अनुज के ढेर हो जाने के बाद उसका शव कहां गया, कौन ले गया?
    • अमलतास सिटी में जहां ये मुठभेड़ हुई; वहां अब माहौल कैसा है?

    माफिया के आश्रय में छिपा था शूटर

    गोविंदपुर थाना क्षेत्र में अमलतास सिटी के 20 कट्ठा के विशाल भूखंड पर बने आउटहाउस में अनुज कनौजिया ने शरण ली थी। चारों ओर 10 फीट ऊंची चहारदीवारी और उस पर लगे सीसीटीवी कैमरों से घिरा यह ठिकाना किसी किले से कम नहीं था।

    स्थानीय जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर का यह अड्डा देर रात तक शराबखोरी और अय्याशी का गढ़ बना हुआ था। पड़ोसियों का कहना है कि चारदीवारी के बाहर शराब की बोतलों का ढेर और शोर-शराबा आम बात थी। कई बार गोविंदपुर थाने में शिकायत की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

    शनिवार रात करीब 10:30 बजे यूपी और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने इस ठिकाने को चुपचाप घेर लिया। अनुज के ड्राइवर को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। पुलिस ने उसे दरवाजा खटखटाने और अनुज को बाहर आने के लिए मनाने को कहा।

    ड्राइवर ने आग्रह किया, "दरवाजा खोल दो, पुलिस कुछ नहीं करेगी," लेकिन अनुज ने न सिर्फ दरवाजा खोलने से इनकार किया, बल्कि पुलिस को ललकारते हुए गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।

    मीडिया को जानकारी देते एसएसपी किशोर कौशल व अन्य पुलिस अधिकारी।

    सीसीटीवी की आड़ में चकमा, फिर टूटी चाल

    अनुज ने चहारदीवारी पर लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेकर अपनी स्थिति बदल-बदलकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस को उसकी चाल का पता चला, तो जवानों ने सभी कैमरों को तोड़ डाला। इसके बाद चारदीवारी पर चढ़कर ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग शुरू की गई।

    इस बीच यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शशि की बांह में गोली लगी। साथी जवानों ने उन्हें फायरिंग के बीच से निकालकर तुरंत टाटा मेन हास्पिटल (टीएमएच) पहुंचाया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

    अपनी व्यथा सुनाते अमलतास सिटी के स्थानीय निवासी।

    पड़ोसियों में दहशत, माफिया पर सवाल

    मुठभेड़ के बाद अमलतास सिटी के निवासियों में हड़कंप मच गया। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमें यकीन नहीं हो रहा कि इतना खूंखार अपराधी हमारे बीच रह रहा था। चिंटू और उसके दोस्तों की अय्याशी से हम परेशान थे, लेकिन पुलिस ने कभी ध्यान नहीं दिया।"

    चारदीवारी के बाहर मिली शराब की बोतलें और देर रात तक चलने वाली पार्टियां इस इलाके की स्याह हकीकत बयां करती हैं। पुलिस अब चिंटू उर्फ शशि शेखर की तलाश में जुट गई है, जो अनुज को शरण देने का मुख्य आरोपित माना जा रहा है। यह मुठभेड़ न सिर्फ अनुज के अपराधी जीवन का अंत साबित हुई, बल्कि जमशेदपुर में माफिया-अपराधी गठजोड़ पर भी सवाल खड़े कर गई।

    अनुज कन्नौजिया की पत्नी रीना की फाइल फोटो।

    आत्मसमर्पण करने को कहा तो कर दी फायरिंग : एसएसपी

    पूर्वी सिंहभूम जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में आज रात पुलिस मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश (यूपी) का एक इनामी अपराधी मारा गया। मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ के डीएसपी भी घायल हुए हैं। पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी किशोर कौशल ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि यूपी का एक इनामी अपराधी गोविंदपुर थाना क्षेत्र में छिपा हुआ है। जिसके बाद यूपी एसटीएफ और जमशेदपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने इलाके में छापेमारी की।

    एसएसपी किशोर कौशल ने कहा, पुलिस ने अपराधी को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, जिसमें अपराधी की मौत हो गई।

    एसटीएफ के एक डीएसपी को भी गोली लगी है जिन्हें अस्पताल में इलाज के बाद छोड़ दिया गया था। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि पुलिस अपराधी के मोबाइल की काल डिटेल खंगाल रही है।

    दहशत का अड्डा बनी अमलतास सिटी

    गोविंदपुर थाना क्षेत्र की अमलतास सिटी में मुख्तार अंसारी का कुख्यात शूटर अनुज कनौजिया चिंटू उर्फ शशि शेखर के आउटहाउस में छिपा था, उसने इलाके के वर्षों पुराने भय और अपराध के घिनौने चेहरे को उजागर कर दिया। चोरी, अड्डाबाजी, शराबखोरी और अय्याशी से त्रस्त निवासियों ने एसएसपी किशोर कौशल से गुहार लगाई, पर गोविंदपुर थाने पर उनका भरोसा टूट चुका है। चिंटू के प्लॉट पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा और कथित अवैध प्लाटिंग ने सोसायटी को दहशत का पर्याय बना दिया। अमलतास सिटी के बाशिंदे लंबे समय से भय के साये में जी रहे हैं।

    मुठभेड़ स्थल से बम भी बरामद हुआ, इलाके में सनसनी।

    केके सिंह ने कहा, “चिंटू ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर करोड़ों कमाए, पुलिस चुप है।” वाईपी श्रीवास्तव ने गुस्से में बताया, “मंदिर का दानपात्र तक चोरों ने लूट लिया, शिकायत का कोई असर नहीं।” दिलीप कुमार ने चिंता जताई कि महिलाओं का बाहर निकलना दूभर हो गया है। मनोज सिंह ने पवन सिंह के घर असामाजिक गतिविधियों की शिकायत की, तो अनिल सिंह ने शराब की खाली बोतलों से पटी चारदीवारी का जिक्र किया। किरण सिंह ने प्रशासन पर सवाल उठाया, “आखिर कब तक दहशत झेलें?” सुरेंद्र सिंह ने थाने की निष्क्रियता पर तंज कसा, “शिकायतें कागज पर दफन हो जाती हैं।”

    अनुज के एनकाउंटर से गोविंदपुर थाना रहा अनजान

    अमलतास सिटी में कुख्यात अनुज कनौजिया और पुलिस के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग की गूंज से इलाका थर्रा उठा, मगर बमुश्किल एक किलोमीटर दूर गोविंदपुर थाने की पुलिस निंद्रा में डूबी रही। मुठभेड़ की सूचना से अनभिज्ञ थानेदार उल्टे मीडिया से ही पूछने लगे, “कहां हुआ एनकाउंटर?” शनिवार रात चली गोलियों की आवाज से परिसर सहम गया, पर थाने में सन्नाटा पसरा रहा। जब मीडिया कर्मियों ने जानकारी मांगी तो स्थानीय थाने की पुलिस की अज्ञानता ने उनकी मुस्तैदी पर प्रश्नचिह्न लगा दिया।

    यूपी के खूंखार अपराधी को जमशेदपुर में संरक्षण मिलना गंभीर विषय: मुंडा

    शहर में बीते रात हुई मुठभेड़ पर सवाल पूछने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जमशेदपुर में यूपी के खूंखार अपराधी को संरक्षण मिलना गंभीर विषय है। इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। वह जमशेदपुर में कैसे रह रहा था और किसके संरक्षण में रह रहा था, इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार को इसका पर्दाफाश करना चाहिए।

    वहीं, झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि गोविंदपुर में हुए मुठभेड़ में मारा गया व्यक्ति अपराधी था। अपराधियों को लेकर सरकार गंभीर है। इसपर सख्ती के साथ काम हो रहा है। विधायक सरयू राय ने कहा कि दूसरे प्रदेश से अपराधी आकर शहर में रह रहे हैं, जो चिंताजनक है। जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो ने भी इस घटना पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त शहर हो, इसपर प्रशासन को गंभीरता से काम करने की जरूरत है।

    अपराधी के शव को पोस्टमार्टम के बाद बहन ले गई उत्तर प्रदेश

    शनिवार देर रात गोविंदपुर में मुठभेड़ में मारे गए मुख्तार गैंग के शूटर उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के निवासी अनुज कन्नौजिया के शव को करीब 15 घंटे बाद मुठभेड़ स्थल से पुलिस एमजीएम अस्पताल ले गई, जहां एक्सरे करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मृतक की बहन शोभा कुमारी जो परसुडीह के बारीगोड़ा में रहती है। वह पहुंची थी। शव का पंचनामा मजिस्ट्रेट मृत्युंजय कुमार की देखरेख में पुलिस ने तैयार किया। मृतक के दायीं और बायीं पसली, दाहिने कंधे, गर्दन और दोनों हाथ की केहुनी में गोली के जख्म के निशान मिले।

    हड्डी में जगह-जगह जख्म थे। शरीर में एक भी गोली नहीं मिली। सभी गोली शरीर से आरपार हो गई थी। मानवाधिकार आयोग के नियमानुसार शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी की उपस्थिति में मेडिकल बोर्ड की टीम ने की। इस दौरान मृतक की पत्नी रीना राय और उसके स्वजन शोभा देवी से संपर्क में थे। अनुज कन्नौजिया के शव को उसकी पत्नी ने वीडियो काल कर देखा। पुलिस अधिकारियों को शव को शोभा देवी को सौंप देने को कहा।

    वहीं मामले में शोभा देवी ने बताया कि वह शव को लेकर मऊ जाएगी। मऊ के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव में शव का अंतिम संस्कार होगा। बहन ने बताया कि मार्च 2023 में परसुडीह के बारीगोड़ा उसके घर पर अनुज अपनी पत्नी के साथ आया था। घर में रहने देने को काफी आग्रह किया था। इस दौरान यूपी पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी की थी। बचकर अनुज भाग निकला था। रीना राय और उनके पति शिव रतन को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी।

    पति के नाम पर मोबाइल सिम अनुज ने लिया था, जिसका उपयोग रंगदारी मांगने के मामले में किए जाने की जानकारी पुलिस ने दी थी। इस घटना के बाद कभी अनुज से बातचीत नहीं हुई। वह गोविंदपुर में रहता था। इसकी भी जानकारी नहीं है। रीना ने फोन कर घटना की जानकारी दी थी। तब वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। शव को लेकर वह मऊ जा रही है। बता दें कि पोस्टमार्टम हाउस में सीसीआर डीएसपी मनोज ठाकुर, पटमदा डीएसपी और साकची थाना प्रभारी आनंद कुमार मिश्रा समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

    भाई की हत्या का बदला लेने के बाद बन गया शूटर

    अपराध की दुनिया में अनुज कन्नौजिया ने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए कदम रखा था। इसके बाद अपराध के दलदल में फंसता चला गया। उसकी धमक मऊ के रानीपुर और चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बाजारों में था। चिरैयाकोट बाजार में होली से पहले हीरो होंडा एजेंसी संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मऊ के कोतवाली थाने में सबसे अधिक छह, रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला थाना में दो प्राथमिकी दर्ज हैं। तीन आपराधिक मामले गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाने में दर्ज है।

    प्रेम विवाह किया था अनुज ने, पिता रह चुके शिक्षक

    अनुज कन्नौजिया ने रीना राय से प्रेम विवाह किया था। उसके दो पुत्र है। गोरखपुर जेल में बंद रहने के दौरान आजमगढ़, गाजीपुर आदि जिलों में पेशी पर जाने के दौरान वह मऊ में जीयनपुर स्थित अपनी प्रेमिका रीना राय से जरूर मिलता था। अनुज के काले कारनामे में उसकी पत्नी की भी संलिप्तता रहती थी। सबकुछ जानते हुए उसने शादी की थी। अनुज के पिता शिक्षक रह चुके हैं।

    मुख्तार अंसारी से कम नहीं थी अनुज की ठाठ

    मुख्तार अंसारी के अच्छे दिनों में उसके शूटर रहे अनुज कन्नौजिया की ठाठ मुख्तार से कम नहीं थी। गिरोह में उसका काम हथियारों की खरीद फरोख्त, शूटरों की भर्ती, सुपारी लेकर हत्याओं की साजिश रचने का काम वह करता था। मुख्तार के इशारे पर वह काम करता था। मुख्तार के बुरे दौर की शुरुआत होने के बाद से ही अनुज भी यूपी एसटीएफ की वांटेड सूची में आ गया। मुख्तार की मौत के बाद अनुज पुलिस से बचने को भागता रहा। फरारी काटता रहा और जमशेदपुर में वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

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