Anuj Kannaujiya: दोनों हाथों से करता था फायरिंग, DSP ने बताई अनुज कनौजिया के एनकाउंटर की पल-पल की कहानी
Anuj Kannaujiya Encounter कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर अनुज कनौजिया शनिवार देर रात जमशेदपुर में पुलिस की गोली का शिकार हो गया। उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में यह शातिर अपराधी मारा गया। अनुज ने आत्मसमर्पण की सारी गुंजाइश ठुकराते हुए पुलिस पर गोलियां चलाईं और बम से हमला करने की नाकाम कोशिश की।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। Anuj Kannaujiya Encounter: उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर अनुज कनौजिया शनिवार देर रात जमशेदपुर में पुलिस की गोली का शिकार बन गया।
उत्तर प्रदेश (गोरखपुर) एसटीएफ और झारखंड एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में यह शातिर अपराधी मारा गया। अनुज ने आत्मसमर्पण की सारी गुंजाइश ठुकराते हुए पुलिस पर गोलियां चलाईं और बम से हमला करने की नाकाम कोशिश की।
यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शशि ने बताया कि कई जिलों में वांछित अनुज की तलाश लंबे समय से जारी थी। मुखबिर की सूचना और मोबाइल सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन का पता चला, जिसके बाद यह ऑपरेशन शुरू हुआ।
शातिर अपराधी की खोज में जुटी थी पुलिस
डीएसपी डीके शशि ने मुठभेड़ के बाद घटना का पूरा ब्योरा साझा किया। उन्होंने कहा कि अनुज कनौजिया कोई साधारण अपराधी नहीं था। वह कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का भरोसेमंद शूटर था, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट और रंगदारी जैसे संगीन मुकदमे दर्ज थे।
उसकी हरकतों ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर रखी थी। काफी दिनों से हम उसकी तलाश में जुटे थे। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में एक मुखबिर ने सूचना दी कि अनुज जमशेदपुर में कहीं छिपा हुआ है।
हमने तुरंत उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उसके मोबाइल को सर्विलांस पर डाल दिया। तकनीकी जांच से उसकी सटीक लोकेशन का पता चला।
वह गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में शरण लिए हुए था। इसके बाद हमने झारखंड एटीएस के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान की योजना बनाई।
छापेमारी और आत्मसमर्पण का मौका
डीएसपी शशि के मुताबिक, शनिवार देर रात करीब 10:30 बजे दोनों राज्यों की पुलिस टीम ने अमलतास सिटी के उस ठिकाने को घेर लिया, जहां अनुज छिपा था। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद उसे जिंदा पकड़ना था।
इसलिए हमने पहले इलाके की घेराबंदी की और फिर उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया। हमने जोर-जोर से आवाज लगाई कि वह हथियार डाल दें और बाहर आ जाए, लेकिन उसने हमारी एक न सुनी।
शशि ने बताया कि अनुज ने न सिर्फ आत्मसमर्पण से इनकार किया, बल्कि पुलिस पर हमला बोल दिया। उसने अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दी। उसकी फायरिंग इतनी तेज थी कि हमें तुरंत जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हमने उसे बार-बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं था।
बम से हमले की कोशिश
मुठभेड़ के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। डीएसपी शशि ने कहा कि अनुज ने सिर्फ गोलियां ही नहीं चलाई, बल्कि उसने पुलिस पर बम से हमला करने की कोशिश भी की।
वह अपने ठिकाने से एक बम निकालकर लाया और उसे फेंकने की तैयारी में था। लेकिन हमारी टीम की सतर्कता के चलते वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका। बम फेंकने से पहले ही हमने उसे निशाना बना लिया।
घंटे भर चली मुठभेड़, अंत में ढेर
डीएसपी शशि ने मुठभेड़ की तीव्रता का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों तरफ से करीब एक घंटे तक गोलीबारी चली। अनुज अपनी पोजीशन बदल-बदलकर फायरिंग कर रहा था, लेकिन हमारी टीम ने उसे चारों ओर से घेर रखा था। आखिरकार, हमारी जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
उन्होंने यह भी बताया कि मुठभेड़ के बाद जब पुलिस ने उसके ठिकाने की तलाशी ली, तो वहां से एक बम बरामद हुआ। यह बम इस बात का सबूत है कि अनुज किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। उसकी मौत से एक खतरनाक साजिश नाकाम हो गई।
पुलिस की मेहनत रंग लाई
डीएसपी डीके शशि ने इस ऑपरेशन को पुलिस की मेहनत और समन्वय का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि मुखबिर की सूचना से लेकर सर्विलांस और फिर संयुक्त अभियान तक, हर कदम पर हमने सावधानी बरती। झारखंड एटीएस का सहयोग इस मिशन को कामयाब बनाने में अहम रहा।
आतंक का पर्याय था अनुज
अनुज कनौजिया का नाम एक समय मऊ और गाजीपुर के इलाकों में दहशत का दूसरा नाम बन गया था। उसकी खूंखार हरकतों ने लोगों में इस कदर भय पैदा कर दिया था कि दुकानदार अपने बोर्ड से नंबर तक मिटवा देते थे, ताकि उसकी नजर न पड़े।
यूपी एसटीएफ (गोरखपुर) के डीएसपी डीके शशि ने बताया कि यह अपराधी अपने खतरनाक कारनामों के लिए कुख्यात था। उसके खिलाफ 23 संगीन मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, लूट और रंगदारी जैसे अपराध शामिल थे।
मऊ के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे, रानीपुर में पांच, चिरैयाकोट में तीन और गाजीपुर के दुल्लहपुर में भी तीन मामले दर्ज थे।
मुख्तार का भरोसेमंद शूटर
अनुज ने उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड तक अपने अपराधों का जाल बिछाया था। पुलिस को पांच साल तक चकमा देने के बाद उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी गई थी। बीते गुरुवार को ही यह राशि ढाई गुना बढ़ाई गई थी।
जेल में है पत्नी
अनुज का आपराधिक साम्राज्य सिर्फ उस तक सीमित नहीं था। उसकी गैंगस्टर पत्नी रीना भी अवैध धंधों में संलिप्त थी। 2023 में रंगदारी के एक मामले में उसे रांची से गिरफ्तार किया गया था और अब वह मऊ जेल में अपने दो बच्चों के साथ बंद है।
वहीं, 2021 में आजमगढ़ में अनुज का घर बुलडोजर से ढहाया गया था और उसकी संपत्ति को कोर्ट के आदेश पर कुर्क किया गया था। उसके परिजनों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी।
पुलिस की राहत, जांच जारी
अनुज के ढेर होने से पुलिस ने राहत की सांस ली है। यह मुठभेड़ अपराधियों के लिए सख्त संदेश है कि कानून से बचना असंभव है। हालांकि, पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह जमशेदपुर में क्या करने आया था? उसके नेटवर्क और मंसूबों की गहराई से पड़ताल की जा रही है।
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