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    Jharkhand: 60-70 राउंड गोलियों से थर्राया इलाका, अब अनुज कनौजिया को शरण देने वाले चिंटू पर एक्शन की तैयारी

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 03:23 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस द्वारा किए गए संयुक्त ऑपरेशन में कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया को मार गिराया। अब पुलिस जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। चिंटू ने ही अनुज को शरण दे रखा था। अनुज पिछले दो महीने से अमलतास सिटी में जमीन माफिया चिंटू के आउटहाउस में छिपा था।

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    अनुज कनौजिया ने माफिया चिंटू के घर पर ली थी शरण। (फोटो जागरण)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस द्वारा किए गए संयुक्त ऑपरेशन में कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया के मारे जाने के बाद अमलतास सिटी में सन्नाटा पसरा है।

    पुलिस अब जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। चिंटू ने ही अनुज को शरण दे रखा था।

    दोनों हाथों से एक साथ पिस्टल चलाने में माहिर अनुज पिछले दो महीने से गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर के आउटहाउस में छिपा था। मुठभेड़ स्थल से बम भी बरामद हुआ, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी।

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    माफिया के आश्रय में छिपा था शूटर

    गोविंदपुर थाना क्षेत्र में अमलतास सिटी के 20 कट्ठा के विशाल भूखंड पर बने आउटहाउस में अनुज कनौजिया ने शरण ली थी। चारों ओर 10 फीट ऊंची चहारदीवारी और उस पर लगे सीसीटीवी कैमरों से घिरा यह ठिकाना किसी किले से कम नहीं था।

    स्थानीय जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर का यह अड्डा देर रात तक शराबखोरी और अय्याशी का गढ़ बना हुआ था। पड़ोसियों का कहना है कि चारदीवारी के बाहर शराब की बोतलों का ढेर और शोर-शराबा आम बात थी। कई बार गोविंदपुर थाने में शिकायत की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

    शनिवार रात करीब 10:30 बजे यूपी और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने इस ठिकाने को चुपचाप घेर लिया। अनुज के ड्राइवर को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था।

    पुलिस ने उसे दरवाजा खटखटाने और अनुज को बाहर आने के लिए मनाने को कहा। ड्राइवर ने आग्रह किया, दरवाजा खोल दो, पुलिस कुछ नहीं करेगी, लेकिन अनुज ने न सिर्फ दरवाजा खोलने से इनकार किया, बल्कि पुलिस को ललकारते हुए गोलियां बरसानी शुरू कर दी।

    सीसीटीवी की ले रहा था मदद

    अनुज ने चहारदीवारी पर लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेकर अपनी स्थिति बदल-बदलकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस को उसकी चाल का पता चला, तो जवानों ने सभी कैमरों को तोड़ डाला। इसके बाद चारदीवारी पर चढ़कर ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग शुरू की गई।

    दोनों ओर से करीब एक घंटे तक गोलीबारी चली। लगभग 60-70 राउंड गोलियों की गूंज से पूरा इलाका थर्रा उठा। इस बीच यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शशि की बांह में गोली लगी।

    साथी जवानों ने उन्हें फायरिंग के बीच से निकालकर तुरंत टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) पहुंचाया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

    आखिरकार, भारी गोलीबारी के बीच अनुज कनौजिया मारा गया। पुलिस ने जब कमरे की तलाशी ली, तो वहां से एक बम बरामद हुआ, जिसने जांच को नया मोड़ दे दिया।

    पिस्टल चलाने में थी खास महारत हासिल

    अनुज कनौजिया की पहचान सिर्फ एक अपराधी की नहीं, बल्कि एक ऐसे शूटर की थी, जो दोनों हाथों से एक साथ पिस्टल चला सकता था। इस खासियत ने उसे मुख्तार अंसारी गैंग का एक्टिव और भरोसेमंद सदस्य बना दिया था।

    उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में हत्या, लूट और रंगदारी समेत दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। बीते गुरुवार को ही उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की गई थी।

    पिछले दो महीने से वह उत्तर प्रदेश से फरार होकर जमशेदपुर में छिपा हुआ था। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहा है। इसी आधार पर गोरखपुर एसटीएफ और झारखंड पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया।

    पड़ोसियों में दहशत, माफिया पर सवाल

    मुठभेड़ के बाद अमलतास सिटी के निवासियों में हड़कंप मच गया। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमें यकीन नहीं हो रहा कि इतना खूंखार अपराधी हमारे बीच रह रहा था। चिंटू और उसके दोस्तों की अय्याशी से हम परेशान थे, लेकिन पुलिस ने कभी ध्यान नहीं दिया।"

    चारदीवारी के बाहर मिली शराब की बोतलें और देर रात तक चलने वाली पार्टियां इस इलाके की स्याह हकीकत बयां करती हैं।

    पुलिस अब चिंटू उर्फ शशि शेखर की तलाश में जुट गई है, जो अनुज को शरण देने का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। यह मुठभेड़ न सिर्फ अनुज के अपराधी जीवन का अंत साबित हुई, बल्कि जमशेदपुर में माफिया-अपराधी गठजोड़ पर भी सवाल खड़े कर गई।

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