Anuj Kannaujia: भाई का एनकाउंटर, बदला और मुख्तार से संपर्क... अपराध की दुनिया में अनुज कन्नौजिया की कैसे हुई एंट्री?
मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने झारखंड में मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। उसकी मौत के साथ ही अपराध की दुनिया में उसका आतंक खत्म हो गया है। 22 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय कई हत्याओं का आरोपी था। मऊ आजमगढ़ और गाजीपुर में फैलाया था खौफ। जानते हैं अनुज कन्नौजिया ने जरायम की दुनिया में कैसे और क्यों कदम रखा?

जयप्रकाश निषाद, मऊ। पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बना मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर अन्नुज कन्नौजिया 22 साल पहले जरायम की दुनिया में कदम रखा था। ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहा था। एसपी इलामारन ने बताया कि अनुज कन्नौजिया की काफी दिनों से तलाश की जा रही थी। वह अपने ठिकाने बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था।
अनुज कन्नौजिया चिरैयाकोट के भटौली नवापुरा का निवासी था। भटौली नवापुरा निवासी प्रमोद सिंह की हत्या अनुज कन्नौजिया के बड़े भाई मनोज कन्नौजिया ने वर्ष 1993 में दिनदहाड़े गांव की नहर पुलिया पर कर दी थी। उस समय मनोज कन्नौजिया मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़ा था।
वर्ष 1999 में मऊ नगर के भीटी में पुलिस एनकाउंटर में मनोज कन्नौजिया को पुलिस ने मार गिराया था। प्रमोद सिंह की हत्या में पूर्व जिला पंचायत सदस्य व सेचुई निवासी गुड्डा सिंह गवाह थे और वह मुकदमा की पैरवी कर रहे थे। भाई की मौत के बाद अनुज कन्नौजिया प्रतिशोध की भावना में रहने लगा।
शूटरों से करवा दी थी शरद सिंह की हत्या
वह भाई के मुकदमे की पैरवी से गुड्डा सिंह के पैरवी करने से खुन्नस खाया था। यही वजह थी कि 13 जून 2003 को गुड्डा सिंह के भतीजा शरद सिंह की हत्या उसके शूटरों ने कर दी। इसके बाद तो अपराध की दुनिया का वह बादशाह बन गया।
वह मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जनपदों में ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। 21 अक्टूबर 2006 में दीपावली की शाम लगभग आठ बजे सरसेना बाजार में लगी मूर्तियों का अनावरण कर घर जा रहे गुड्डा सिंह को पीछे से आए शूटरों ने रास्ते में ही गोलियों से भून दिया।
ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या में भी था शामिल
अनुज कन्नौजिया ने 2009 में गाजीपुर तिराहा स्थित यूबीआई के सामने मऊ के ए श्रेणी के ठेकेदार मन्ना सिंह की दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी। 2010 में मन्ना सिंह हत्या के गवाह रामसिंह मौर्या की सरेआम दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के एआरटीओ आफिस के सामने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दिया। इसके बाद उसने आजमगढ़ जिले के तरवां क्षेत्र में 2014 में हत्या की घटना को अंजाम दिया।
दो दिन पहले ही अनुज पर इनामी राशि एक लाख से ढाई लाख की गई थी
डीजीपी कार्यालय ने बीते गुरुवार को ही अनुज कन्नौजिया पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की थी। वह पिछले पांच वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था। पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ मऊ जिले के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला में दो और चिरैयाकोट में तीन मुकदमे दर्ज थे।
गाजीपुर और आजमगढ़ में भी उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज थे। अनुज पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पहले भी कई प्रयास कर चुकी है। सबसे पहले अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
प्रशासन ने उस पर दबाव बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आजमगढ़ स्थित उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इसके अलावा, उसके परिवार वालों पर भी गैंग्सटर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और जेल भेज दिया गया।
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