Terror Of Tigress: चाकुलिया एरोड्रम के करीब पहुंची बाघिन; दहशत में लोग, नजर रख रही 2 राज्यों की 80 सदस्यीय टीम
झारखंड में चाकुलिया एरोड्रम के पास बाघिन जीनत की दहशत फैल गई है। वन विभाग की दो राज्यों की 80 सदस्यीय टीम उस पर नजर रख रही है। बाघिन को ट्रैक करने के लिए ओडिशा से वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स की टीम भी चाकुलिया पहुंची है। इलाके में बाघिन की आहट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं।

संसू, चाकुलिया। ओडिशा के सिमलीपाल बाघ अभयारण्य से भाग कर गुड़ाबांधा के रास्ते चाकुलिया पहुंची बाघिन 'जीनत' मंगलवार को पूरे दिन वन विभाग की टीम को छकाती रही।
दोपहर में बाघिन का लोकेशन चाकुलिया एरोड्रम से सटे सुनसुनिया गोदराशोल जंगल में पाया गया जो चाकुलिया शहर से महज 2 किलोमीटर दूर है।
बाघिन के गले में लगे रेडियो कालर के जरिए सेटेलाइट से उसका लोकेशन प्राप्त किया गया। बाघिन पर नजर रखने के लिए ओड़िशा से वाइल्डलाइफ के विशेषज्ञों की 20 सदस्यीय टीम चाकुलिया पहुंची हुई है।
इसके अलावा चाकुलिया वन क्षेत्र के 60 वनकर्मियों को भी अलग-अलग पाली में प्रतिनियुक्त किया गया है। दोनों राज्य के कई वरिष्ठ वन अधिकारी भी चाकुलिया में कैंप कर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
इनमें वन विभाग की क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) स्मिता पंकज, डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिग्विजय सिंह के अलावा सिमलीपाल अभयारण्य के निदेशक, उप निदेशक, डीएफओ, एसीएफ आदि शामिल है।
बाघिन के पंजों के निशान को देखती वन विभाग की टीम। फोटो- जागरण
इससे पूर्व सोमवार को रात भर ओडिशा एवं चाकुलिया वन विभाग की टीम वनपाल कल्याण महतो के नेतृत्व में गोदराशोल जंगल के समीप इलाके में डटी रही। मंगलवार सुबह इस टीम के लौटने के बाद दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई।
इधर, चाकुलिया शहर से मात्र दो किमी दूर बाघिन होने की खबर से ही लोगों में दहशत का माहौल है। चाकुलिया एरोड्रम से सटे मोरबेड़ा, राजाबासा, जामुआ, माचाडीहा, गोदराशोल, सानघाटी, पूर्णापानी, सुनसुनिया आदि गांवों के ग्रामीण घर से निकलने में डर रहे हैं। अपने मवेशियों को भी जंगल की तरफ नहीं भेज रहे हैं।
सीधी दिशा में आगे बढ़ रही बाघिन : आरसीसीएफ
वन विभाग की आरसीसीएफ स्मिता पंकज ने दैनिक जागरण को बताया कि सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से निकली बाघिन अभी तक करीब करीब सीधी दिशा में आगे बढ़ रही है। फिलहाल वह राजाबासा व गोदराशोल जंगल के बीच कहीं आराम कर रही है।
यदि सीधी दिशा में वह आगे बढ़ी तो रेलवे लाइन अथवा रिहाइशी इलाका आ सकता है। ओड़िशा से आई टीम मौके पर तैनात है। जरूरत पड़ी तो बाघिन को ट्रेंकुलाइज यानी बेहोश करके वापस ओडिशा ले जाया जा सकता है।
वन विभाग की टीम इस प्रयास में है कि बाघिन वापस ओड़िशा की दिशा में मुड़ जाए। सिमलीपाल से आए वाइल्ड लाइफ अधिकारी एस साई ने बताया कि बाघिन की उम्र करीब 3 साल है। अच्छी बात यह है कि अभी तक इसने कभी भी इंसान का शिकार नहीं किया है। उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
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