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    प्रधानमंत्री जी, जब से हटी सुरक्षा; मैं खौफ में जी रही हूं

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 19 May 2017 09:43 AM (IST)

    दो सालों से सुरक्षा हटा ली गई है। मुझे नक्सलियों से धमकी तक मिली है। मैं खौफ में जी रही हूं।

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    प्रधानमंत्री जी, जब से हटी सुरक्षा; मैं खौफ में जी रही हूं

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर की पूर्व सांसद सुमन महतो ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपना और राज्य के नक्सल पीडि़तों का दर्द बयान किया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। बीते दो सालों से सुरक्षा हटा ली गई है। कई बार मुझे नक्सलियों से धमकी तक मिली है। इसकी सूचना मैंने झारखंड सरकार को समय-समय पर दी है। व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मिलकर उन्हें पूरी व्यथा सुना चुकी हूं। जब से सुरक्षा हटी है मैं खौफ में जी रही हूं।

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     बीते एक दशक से नक्सल आतंक का दंश झेल रही हूं। मेरे पति पूर्व सांसद सुनील महतो की वर्ष 2007 में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद से मैं और मेरा पूरा परिवार आतंक के साए में जी रहा है। जिस घर के पुरुष को नक्सलियों ने मार दिया हो, उस परिवार का हश्र क्या होता है, कोई मुझसे पूछे। छोटी-छोटी बेटियां जब पिता के बारे में सच जानना चाहती हैं, तो मां के सामने क्या दुविधा होती है, वह मेरी व्यथा है।

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     कई वर्षों तक मेरे पति की हत्या की जांच सीबीआइ करती रही और इसके बाद नतीजा सिफर निकला। जिस नक्सलियों ने कई घरों के चिराग बुझा दिए हों, उन नक्सलियों को राज्य सरकार लाखों रुपये दे रही है, तो जनता में कैसा आक्रोश होता है, यह झारखंड की जनता बताएगी। मेरा और प्रभावित परिवारों की चिंता है कि जब ये नक्सली खुलेआम कहीं भी आ जा सकेंगे, तो हमलोगों का क्या होगा? मेरी दो बेटियां हैं। यदि मुझे कुछ होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? मेरा विरोध न तो नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर है, न ही उनको मुख्यधारा में लाने को लेकर।

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