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    Jamshedpur News: फैन के अनोखे जश्न का गवाह बना जमशेदपुर, माधुरी के जन्मदिन पर लौटा 'सिंदूर'

    Updated: Fri, 16 May 2025 10:10 AM (IST)

    जमशेदपुर में माधुरी दीक्षित के एक प्रशंसक पप्पू सरदार ने उनके जन्मदिन पर अनूठी पहल की। पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए ऑपरशेन सिंदूर से प्ररेणा लेकर उन्होंने एक विधवा का पुनर्विवाह कराकर उसकी जिंदगी में फिर से सिंदूर भरा। इसके साथ ही उन्होंने गरीबी से जूझ रही दो और युवतियों की शादी करवाई। साकची बाजार में उनकी दुकान विवाह मंडप बनी जहां ये नेक काम संपन्न हुआ।

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    माधुरी के जन्मदिन पर नवविवाहिताओं के साथ पप्पू सरदार

    जासं, जमशेदपुर। Madhuri Dixit Birthday: साकची बाजार की एक छोटी-सी दुकान में हर सुबह एक अनोखा दृश्य उभरता है। पप्पू सरदार, जो बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित को अपनी बड़ी बहन मानते हैं, उनकी तस्वीर के सामने अगरबत्ती जलाते और हाथ जोड़ते हैं। इस बार माधुरी के जन्मदिन पर पप्पू ने कुछ खास किया।

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    विधवा की शादी करवाकर जिंदगी में भरा रंग

    पप्पू ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर की भावना को अपनाया और विधवा की शादी करवाकर उनकी जिंदगी में फिर से सिंदूर का रंग भरा।

    पिछले 25 सालों से पप्पू हर 15 मई को माधुरी का जन्मदिन धूमधाम से मनाते आए हैं। इस साल पप्पू का मन उदास था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने 26 जिंदगियों को छीन लिया था।

    पीएम मोदी से ली प्रेरणा

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्द 'दुश्मन ने हमारी बहनों के माथे का सिंदूर छीनने की कोशिश की', उनके कानों में गूंजने लगे। पप्पू ने ठान लिया कि इस बार माधुरी के जन्मदिन पर वे कुछ ऐसा करेंगे, जो दुख की इस घड़ी में उम्मीद की किरण जगा सके।

    तीन गरीब युवतियों की कराई शादी

    उन्होंने शहर और आसपास के इलाके बिरसानगर और घोड़ाबांदा की तीन गरीब युवतियों को चुना। इसमें बिरसानगर की रेखा कुमारी विधवा थीं। पप्पू सरदार ने इस महिला के जीवन में फिर से सिंदूर लौटा दिया। रेखा के पहले पति असमय चले गए थे। इसके अलावा गरीबी से जूझ रही सुमिता तंतुबाई और सुलेखा प्रमाणिक के हाथ पीले किए।

    पप्पू ने कहा, मैं चाहता था कि इन बहनों को सम्मान मिले, दया नहीं। खकन, नवीन और नयन, ये तीनों साधारण नौकरी करने वाले युवक थे, जिन्होंने न सिर्फ इन महिलाओं को, बल्कि उनके अतीत को भी पूरे सम्मान के साथ अपनाया।

    पप्पू ने गर्व से कहा, ये लोग पैसे से अमीर नहीं, लेकिन नेकदिल जरूर हैं। पप्पू का माधुरी के प्रति प्रेम सिर्फ प्रशंसा नहीं, एक मिशन है। वे पहले भी माधुरी के नाम पर गाजीपुर में एक अनाथ लड़की की शादी करवा चुके हैं। उनकी दुकान की दीवारें माधुरी की तस्वीरों से सजी हैं, और उनका दिल उनकी प्रेरणा से भरा है।

    दुकान बनी मंडप

    15 मई की शाम पप्पू की दुकान किसी मंदिर-सी सज उठी। बाहर तीन मंडप सजे थे, जहां हिंदू रीति-रिवाज से विवाह संपन्न हुए। कन्यादान का पवित्र रस्म दुल्हनों के परिवारों ने निभाया।

    शादी का हर खर्च कपड़े, गहने, बर्तन, बिस्तर, कुर्सियां, यहां तक कि प्लास्टिक की डाइनिंग टेबल पप्पू ने दोस्तों और शुभचिंतकों की मदद से पूरा किया।

    जब उनसे खर्च के बारे में पूछा गया तो पप्पू मुस्कुराए और बोले, सांसों का क्या हिसाब? माधुरी दीदी से मिला प्यार अनमोल है। हम भाई-बहन मिलकर जो करते हैं, उसका कोई मोल नहीं।

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