Maiya Samman Yojana: इस एक गलती की वजह बढ़ी महिलाओं की परेशानी, खाते में नहीं आए 7500 रुपये; जल्द सुधारें
झारखंड सरकार ने महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की है। हाल ही में एक साथ महिलाओं के खाते में तीन महीने के 7500 रुपये भेजे गए हैं लेकिन कई महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिला। इसके बाद से महिलाएं इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। Maiya Samman Yojana: झारखंड में मंईयां सम्मान योजना कि राशि नहीं मिलने की वजह से परेशान महिलाएं हर दिन प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कोई अपने छोटे बच्चे को साथ लेकर तो कोई कलेजे के टुकड़े को पड़ोसी के हवाले छोड़कर रिजर्व ऑटो में सवार होकर मंईयां सम्मान योजना की राशि लेने के लिए प्रखंड कार्यालय पहुंच रही हैं।
काउंटर पर लगी महिलाओं की भीड़
कड़ी धूप में भूखे-प्यासे कतार में खड़ी महिलाएं और युवतियां इस बात को लेकर आज भी दुविधा में हैं कि काउंटर पर बैठे बाबू आज भी कोई न कोई बहाना बनाकर पल्ला झाड़ ही लेंगे।
वे बिना लाभ लिए ही घर लौटेंगी, बावजूद इसके वे मैदान में डंटी हैं। दरअसल, ज्यादातर मामलों में खाते की गलत जानकारी की वजह से महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कई महिलाओं को नहीं मिला योजना का लाभ
पूर्वी सिंहभूम समेत राज्य भर में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की एकमुश्त तीन महीने की राशि जारी कर दी गई है, लेकिन जिले में काफी लंबे समय से मंईयां सम्मान के लिए टकटकी लगाए लाभुकों की आस अब भी अधूरी है।
जमशेदपुर प्रखंड समेत जिले भर में मंईयां सम्मान योजना के लिए तीन लाख से ज्यादा लाभुकों ने आवेदन किए हैं। इसमें कुछ लाभुकों को गाहे-बगाहे योजना का लाभ तो मिला है, लेकिन कुछ लाभुक ऐसे हैं, जिनके खाते में एक बार भी राशि नहीं डाली गई।
कुछ लाभुकों के आवेदन में आईएफएससी कोड में गलती है तो कुछ का आधार लिंक नहीं है, हर दिन कार्यालय से यही जानकारी देकर उन्हें वापस लौटा दिया जाता है।
साथ ही आवेदकों से ये भी कहा जाता है कि आप अपने पंचायत के मुखिया से आवेदन भराकर जमा कीजिए। आलम यह है कि जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय में आज भी बड़ी संख्या में मंईयां सम्मान योजना के लिए लाभुक भटक रही हैं।
बैंक खाते की गलत जानकारी बनी वजह
योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों का जमशेदपुर समेत दूसरे प्रखंडों के चक्कर लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। लाभुकों का कहना है कि प्रखंडों में अधिकारी और कर्मचारी आधार कार्ड और बैंकों के आईएफएससी कोड में त्रुटि बता रहे हैं। मंईयां सम्मान योजना के लाभ से वंचित रहने वाले ज्यादातर लाभ शहरी क्षेत्र से हैं।
मंईयां सम्मान योजना की राशि के लिए भटक रही महिलाओं ने बयां किया दर्द
मैं मंईयां सम्मान योजना की राशि के लिए तीन बार जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय आ चुकी हूं। आने में दो सौ रुपये लग जाते हैं, लेकिन अब तक एक बार भी लाभ नहीं मिला है।
कुसुम कौर
मंईयां सम्मान के लिए पहली बार अगस्त महीने में फार्म भरा। यहां आने के बाद पता चलता है कि सर्वर ठप है। आज काम नहीं होगा। इसके बाद लौटकर चली जाती हूं। मैं काफी परेशान हूं।
बबीता देवी
इस बार पता चला कि एकमुश्त तीन महीने की राशि मिलेगी। मैं छोटे-छोटे बच्चे को छोड़कर यहां आई हूं। शाम के तीन बजने को हैं। चार बजे कार्यालय बंद हो जाएगा। इस बार भी आशा कम ही है।
आरती देवी
कदमामेरे मोहल्ले में कुछ महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि वे संपन्न हैं। हमारे जैसे कई जरूतमंद को कोई न कोई त्रुटि बताकर हर बार लौटा देते हैं।
ज्ञानपति देवी
बारीडीह बस्तीवर्जनग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर लाभुकों के खाते में राशि चली गई है। यह सही बात है कि शहरी क्षेत्र के कुछ खाताधारक इससे वंचित हैं। शत-प्रतिशत लाभुकों को लाभ दिलाने के लिए जमशेदपुर प्रखंड में तीन लॉगिन बनाए गए हैं। हालांकि अभी एक लॉगिन से काम हो रहा है। इसलिए भी देरी हो रही है। कुछ खाताधारकों के दस्तावेज में भी त्रुटि है। इसे शीघ्र दूर करने की कोशिश जारी है।
सुमित प्रकाश, बीडीओ जमशेदपुर, प्रखंड
टमदा-बोड़ाम की महिलाओं में मायूसी
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, पटमदा और बोड़ाम में विवादों में घिरती नजर आ रही है। हजारों महिलाओं को जनवरी से मार्च तक की 7500 रुपये की एकमुश्त किश्त नहीं मिली है, जिससे उनके चेहरे पर निराशा छा गई है।
गुरुवार को बोड़ाम बैंक के बाहर एक बीसी सेंटर पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई, जो अपनी पासबुक और आधार कार्ड के साथ अपनी किश्त की स्थिति जानने के लिए उत्सुक थीं। कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले तो योजना का लाभ मिला, लेकिन इस बार राशि उनके खाते में नहीं आई है।
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