मंईयां सम्मान योजना ने बढ़ाई टेंशन, लिस्ट से हजारों महिलाओं के नाम कटे; बोलीं- सब कुछ सही फिर भी काट दिया नाम
Maiya Samman Yojana सरकार की मंईयां सम्मान योजना इन दिनों चर्चा में है। होली के पहले हेमंत सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के खाते में मंईयां सम्मान योजना की राशि डाली थी लेकिन कई महिलाओं के खाते में यह राशि नहीं आई। चतरा प्रखंड क्षेत्र में मंईयां सम्मान योजना से 1519 महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं जिससे महिलाएं नाराज हैं।
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा)। Maiya Samman Yojana: प्रखंड क्षेत्र में मंईयां सम्मान योजना से 1519 महिलाओं के नाम हटा दिए गए, जिससे महिलाएं नाराज हैं। इस योजना के तहत लाभुकों को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद मिलती थी, लेकिन अब उनका लाभ बंद हो गया है।
होली से पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को तीन महीने का एक साथ 7500 रुपये खाते में मिला। लेकिन जिनका नाम कट गया है, वे इस सहायता राशि से वंचित रह गए। इससे प्रभावित महिलाएं मायूस हैं और लगातार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं।
प्रखंड कार्यालय खुलते ही उमड़ रही लाभुकों की भीड़
प्रखंड कार्यालय खुलने के साथ ही लाभुकों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। महिलाओं का कहना है कि बिना किसी सूचना के उनके नाम हटा दिए गए, जिससे वे परेशान हो रही हैं।
कई महिलाओं का दावा है कि वे अभी भी योजना की योग्य हैं, फिर भी उनका नाम सूची से हटा दिया गया। इससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
जानकारी के अनुसार सरकार के निर्देश पर सेविकाओं द्वारा लाभुकों का भौतिक सत्यापन किया गया था। जिसके आधार पर 1519 महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए।
सत्यापन के दौरान कुछ महिलाओं के दस्तावेज अधूरे पाए गए, तो कुछ को योजना के मानकों के अनुसार अपात्र माना गया। हालांकि, कई महिलाओं का दावा है कि उनके दस्तावेज सही हैं, फिर भी उनका नाम काट दिया गया।
गुस्से में हैं महिलाएं
लाभुकों ने प्रशासन से दोबारा जांच करने और नाम जोड़ने की मांग की है। कुछ महिलाओं ने प्रखंड कार्यालय और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। इस फैसले से प्रभावित महिलाओं में गुस्सा और निराशा है।
पटमदा-बोड़ाम की महिलाओं में मायूसी
वहीं, दूसरी ओर झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, पटमदा और बोड़ाम में विवादों में घिरती नजर आ रही है।
हजारों महिलाओं को जनवरी से मार्च तक की 7500 रुपये की एकमुश्त किश्त नहीं मिली है, जिससे उनके चेहरे पर निराशा छा गई है।
गुरुवार को बोड़ाम बैंक के बाहर एक बीसी सेंटर पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई, जो अपनी पासबुक और आधार कार्ड के साथ अपनी किश्त की स्थिति जानने के लिए उत्सुक थीं।
कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले तो योजना का लाभ मिला, लेकिन इस बार राशि उनके खाते में नहीं आई है। महिला सुमित्रा देवी ने कहा कि हमने सोचा था कि इस पैसे से घर के कुछ काम हो जाएंगे, पर अब तो सब अधूरा लग रहा है।
वहीं, राधा कुमारी ने बताया कि उन्होंने इस राशि से छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई थी, जो अब अधर में लटक गई है।
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