Maiya Samman Yojana: 'घर में हो रहा झगड़ा, मंईयां सम्मान का पैसा दिला दीजिए', महिलाओं ने सुनाई आपबीती
झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना ने अब पारिवारिक जीवन पर भी बुरा असर डालना शुरू कर दिया है। कई महिलाओं ने घर में झगड़े की शिकायत की है। मंईयां सम्मान की राशि नहीं मिलने से परेशान महिलाओं की भीड़ सीएससी केंद्रों से लेकर प्रखंड कार्यालयों तक देखी जा रही है। मुस्लिम महिलाएं तो रोजा रहते हुए प्रखंड कार्यालयों में पहुंच रही हैं।
जागरण टीम, मैथन। Jharkhand News: झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना अब आए दिन लोगों के लिए नई-नई परेशानी खड़ी कर रही है। इसकी वजह से अब पारिवारिक झगड़े देखने को मिल रहे हैं। अब कई महिलाओं ने इसे लेकर अपनी आपबीती बताई है। योजना की राशि नहीं मिलने से परेशान महिलाओं की भीड़ सीएससी केंद्रों से लेकर प्रखंड कार्यालयों तक देखी जा रही है।
इस भीषण गर्मी की परवाह किए बिना महिलाएं इन कार्यालयों में पहुंचकर यह जानने की कोशिश कर रही है कि उन्हें क्यों मंइयां सम्मान योजना के लाभ लेने से वंचित किया गया है।
मुस्लिम महिलाएं तो रोजा रखकर प्रखंड कार्यालयों में पहुंच रही हैं। मगर अधिकारियों से संतोषजनक जबाब नहीं मिलने के कारण मायूस होकर घर लौट रही है।
कई महिलाओं के नाम काटे गए
वहीं गलफरबाड़ी के एग्यारकुंड प्रखंड कार्यालय में मंईयां सम्मान योजना के लाभ से वंचित होनेवाली महिलाओं की सूची चिपका दी गई है। बुधवार को काफी संख्या में महिलाओं को सूची में अपना नाम ढूंढते देखा गया। सूची में नाम देखने के बाद क्यों उनका नाम काटा गया या होल्ड पर रखा गया है।
यह जानने के लिए सरकारी बाबूओं के कार्यालयों में चक्कर लगाते देखा गया। मगर कई भी पदाधिकारी महिलाओं के सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे थे। कई महिलाओं का कहना था कि 2500 रुपये का पहला किस्त मिलने के बाद भी हमलोगों के खाते को होल्ड पर रख दिया गया है। जबकि कई सुखी- सम्पन्न परिवार वाले को योजना का लाभ दिया जा रहा है। सरकार की यह दोहरी नीति सही नहीं है।
पति-पत्नी में हो रहा झगड़ा
कमारडीह के मन्नान अंसारी ने टुंडी बीडीओ विशाल पांडेय ने मिलकर अपना दुखड़ा सुनाया। कहा कि बगल के पड़ोसी परिवार में मंईयां सम्मान योजना की राशि मिल रही है। मगर हमारी पत्नी को इस लाभ से वंचित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में हर दिन हम पति-पत्नी के बीच राशि के लिए झगड़ा हो रहा है। हुजूर, योजना का लाभ दिला दीजिए तो घर में शांति आ जाएगी। वहीं मनियाडीह की सरिता देवी ने कहा कि सर, हमारी गोतनी को लाभ मिल रहा है। हमें नहीं मिल रहा है।
इस कारण सास से उलाहना सुनना पड़ता है। कोल्हर की प्रिया कुमारी ने कहा कि सर, हमारी सभी सहेलियां की राशि मिल गई है। सिर्फ हमें ही नहीं मिला है। हम शिबू सोरेन डिग्री कालेज की छात्रा हैं। तनिक योजना का लाभ दिला दीजिए।
मंईयां सम्मान योजना के लाभ लेने के लिए शिवलीबाड़ी के सीएससी सेंटर में महिलाओं की भीड़ लग रही है। बुधवार की सुबह भी दर्जनों महिलाएं घंटों कतार में खड़े होकर कर अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। कुछ महिला यह जानने के लिए आई थी कि क्यों उसका नाम योजना से काटा गया है या होल्ड पर रखा गया है तो कुछ महिलाएं आधार से बैंक खाता लिंक कराने के लिए पहुंची थी।
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जिस महिला का नाम योजना से काट दिया गया है वह काफी नाराज दिखी। उनका कहना है कि पांच किस्त राशि मिलने के बाद जब एक साथ 7500 रुपये देने की बारी आई तो उसका नाम ही काट दिया गया। जबकि हमारे घर के पास की कई महिलाओं को योजना का लाभ मिला रहा है। अगर सरकार को योजना की राशि देनी है तो सभी को दें। इस तरह का भेदभाव नहीं करे।
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क्या कहतीं हैं महिलाएं
मंईयां सम्मान योजना के लिए कई बार फार्म भरा। मगर आज तक इसका लाभ नहीं मिला पाया। आगे से इसका लाभ मिल जाए इस उम्मीद से आज शिवलीबाड़ी सीएचसी केंद्र में आधार कार्ड से अपना मोबाइल लिंक कराने पहुंची हूं। सायदा खातून, तालडांगा निवासी
मंईयां सम्मान योजना के चक्कर में सरकार हमारा पेंशन भी बंद कर दिया गया है। कई माह से पेंशन नहीं मिल रही है। आधार कार्ड से मोबाइल लिंक कराने सीएचसी केंद्र पहुंची हूं। लोगों का कहना है कि ऐसा करा देने से पेंशन मिलने लगेगी। आशा देवी, तालडांगा स्टेशन रोड निवासी
हमारे साथ धोखा हुआ है। सभी किस्त मिले हैं, मगर 7500 की राशि नहीं मिली। तीन दिनों से सीएससी सेंटर का चक्कर लगा रही हूं। पता नहीं क्या होगा। सरकार हमें भी योजना का लाभ दे। टीना मुखर्जी, तालडांगा निवासी
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