Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: पानी जमा होने से फसलों को हो रहा नुकसान, प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 07:44 PM (IST)

    कृषक संग्राम परिषद ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। ज्ञापन में नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की आशंका जताई गई है और बांधों की निगरानी की मांग की गई है। परिषद ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने सरकारी बीज धान की आपूर्ति करने और कालाबाजारी रोकने की मांग की है।

    Hero Image
    बारिश की स्थिति से निपटने व प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, खड़गपुर। बारिश की स्थिति से निपटने व प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर कृषक संग्राम परिषद ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है।

    ज्ञापन में कहा गया कि जिले में भारी बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

    ज्ञापन में कंसावती-रूपनारायण सहित विभिन्न नदियों के बांधों की निगरानी व रखरखाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई है।

    किसानों को मुआवजा देने की मांग

    जिन खालों की सफाई का काम चल रहा था उनमें बनाए गए क्रास बांधों को तुरंत हटाने, सभी खालों में जमा कचरा व जलकुम्भी को साफ करने का काम तुरंत शुरू करने, प्रभावित सब्जी व फूल किसानों को तुरंत मुआवजा देने देने की मांग की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ ही प्रभावित अमन धान किसानों को फिर से बीज लगाने के लिए सरकारी बीज धान की आपूर्ति करने, सब्जी की बिक्री में कालाबाजारी रोकने के लिए टास्क फोर्स की निगरानी बढ़ाने की मांग शामिल है।

    पानी जमा होने से धान की बुआई प्रभावित

    समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले अमन चक्र में प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें तुरंत मुआवजा दिया जाए।

    ज्ञापन में कहा गया है कि भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों में पानी जमा हो गया है, जिससे अमन धान की बुआई प्रभावित हुई है। इसके अलावा सब्जी व फूल की खेती भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

    यह भी पढ़ें- Jharkhand News: झारखंड में 7 जिलों के सीनियर अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी, सामने आई बड़ी लापरवाही

    यह भी पढ़ें- Jharkhand Liquor Policy 2025: झारखंड में अघोषित शराबबंदी, जमाखोरों की चांदी