Jharkhand News: झारखंड में 7 जिलों के सीनियर अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी, सामने आई बड़ी लापरवाही
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने नामांकन में लापरवाही बरतने पर सात जिलों के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों को शो-कॉज जारी किया है। स्कूल रुआर अभियान-2025 की समीक्षा में यह पाया गया कि कई जिलों में बच्चों के नामांकन का डेटा संतोषजनक नहीं है। अधिकारियों को जल्द से जल्द डेटा अपलोड करने और स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सात जिलों के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारियों (नामांकन के प्रभाग पदाधिकारियों) को शो-कॉज जारी करने का निर्णय लिया है। बुधवार को परिषद के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद तिग्गा की अध्यक्षता में हुई स्कूल रुआर अभियान-2025 की समीक्षा के क्रम में बच्चों के नामांकन में इन जिलों में लापरवाही सामने आई।
समीक्षा के दौरान स्कूल रुआर-2025 से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन संतोषजनक नहीं पाए जाने पर पलामू और सरायकेला-खरसांवा जिले के प्रभाग प्रभारियों को 10 जुलाई तक शत-प्रतिशत डेटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए।
यह बात सामने आई कि इस अभियान के तहत अबतक कुल 1,38,945 बच्चो का नामांकन कराया गया है। साथ ही 4,019 दिव्यांग बच्चों का भी स्कूल में नामांकन सुनिश्चित किया गया है।
आउट ऑफ स्कूल प्रभाग की समीक्षा के दौरान प्रत्यक्ष नामांकन मॉड्यूल (प्राथमिक) के अंतर्गत गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी एवं लोहरदगा के प्रभाग प्रभारियों को शो-कॉज जारी करने का निर्णय लिया गया। इन जिलों में प्राथमिक कक्षाओं में नामांकन का डाटा शून्य प्रतिशत था।
वहीं, माध्यमिक स्तर पर चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा, पाकुड और पश्चिमी सिंहभूम के प्रभाग प्रभारियों को भी शोकॉज जारी करने के निर्देश दिए गए। समीक्षा में यह पाया गया कि इस वर्ष प्राथमिक स्तर पर 26,741 और माध्यमिक स्तर पर 8,529 आउट आफ स्कूल/ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में कामयाबी मिली है।
बैठक में अभिभावक शिक्षक बैठक की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि कुल 12,273 स्कूलों ने अबतक पीटीएम से जुड़ा डाटा पोर्टल में अपलोड नहीं किया है। जिसपर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ममता लकड़ा ने सभी जिलों को जल्द से जल्द स्कूलों से डेटा भरवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि पीटीएम के लिए स्कूलों को जो राशि भेजी गई है, उसका शत-प्रतिशत उपयोग करें। स्कूलों में बिना लेसन प्लान और स्प्लिट सिलेबस का अनुपालन, मासिक रेल परीक्षा में लापरवाही बरतने और बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही गई।
प्रशासी पदाधिकारी ने चिह्नित आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था जुलाई माह से शुरू करने के निर्देश दिए। इसके लिए विद्यालयों में स्थापित विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के पुनर्स्थापन करने को कहा गया।
विषय में फेल तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई
प्रशासी पदाधिकारी ने कहा कि किसी विषय में यदि कक्षा के 20 प्रतिशत से अधिक छात्र फेल होते हैं तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मैट्रिक और इंटर के परीक्षा परिणामों का मूल्यांकन कर ऐसे शिक्षकों की सूची विभाग को भेजने के निर्देश दिए।
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