कैश देकर खरीदी बाइक, फिर भी बैंक से किस्त जमा करने के लिए आ गया फोन; गाड़ी लेने से पहले आप भी हो जाएं सावधान
जमशेदपुर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसमें कम कीमत पर नई बाइक उपलब्ध कराने का झांसा देकर लगभग 400 लोगों से धोखाधड़ी की गई है। पीड़ितों को बैंक से नोटिस मिला कि वे किश्त की रकम नहीं जमा कर रहे हैं और उनके वाहन जब्त कर लिए जाएंगे। मामला अधिवक्ता राहुल गोस्वामी के पास पहुंचा जिन्होंने पुलिस-प्रशासन से लोगों को न्याय दिलाने की मांग की।

10 से 15 हजार रुपये कम कीमत पर नई बाइक उपलब्ध कराने की बात
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घटना के शिकार हुए लोगों ने बताया कि जब वे लोग बाइक खरीदने शोरूम में गए तो वहां मौजूद नीरज कमल, मो हसन, अमजद, अनिमेष पाथर और दीपक सिंह ने उन सभी से कहा कि जितनी बाइक की कीमत है। उससे 10 से 15 हजार रुपये कम कीमत पर नई बाइक उपलब्ध करा देंगे। -
प्रलोभन में आकर वे लोग राजी हो गए और कुछ ही घंटे में उन्हें उनके मनचाहा वाहन या शोरूम के बाहर दे दी गई, या फिर उनके घर पहुंचा दिया गया, और साथ में ओनर बुक सहित अन्य कागजात भी सौंप दिया गया। बाद में जानकारी हुई कि कुछ लोगों को डुप्लीकेट ओनर बुक दिया गया है।
बाइक खरीदने वालों में मचा हड़कंप
साइबर ठगी से बचना हो तो भेजे गए किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचें
चंदवा (लातेहार) के ग्रीन फिल्ड एकेडमी में सोमवार को साइबर अपराध की रोकथाम के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ऑनलाइन लुटेरों के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। इसके लिए कई तरीके बताए गए।
कार्यशाला के दौरान विद्यालय के निदेशक अरविंद सिंह ने कहा कि तकनीकी संपन्नता के साथ-साथ साइबर ठग भी हाइटेक होते जा रहे हैं। अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगने में कामयाब हो रहे हैं। कई मामलों की शिकायत पुलिस थानों में दर्ज होती है।
पुलिस दर्ज हो रहे मामलों पर कार्रवाई भी कर रही है, बावजूद साइबर ठग अपने तरीके से अनवरत ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बताया कि साइबर अपराधी इन दिनों एपीके फाइल डाउनलोड कराकर ठगी कर रहे हैं।
कोई भी अनजान व्यक्ति अनजान लिंक भेजता है, उसे टच करने के बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल का एक्सेस उस ठग के पास चला जाता है। मोबाइल में जो भी डाटा होता है, उसे आसानी से साइबर ठग देख लेता है। ऐसे लिंक को क्लिक करने के बाद उससे कामर्शियल डेटा मांगा जाता है।
इस लिंक का डेटा देते ही मोबाइल फोन का पूरा एक्सेस साइबर क्रिमिनल के पास चला जाता है। साइबर ठग मोबाइल पर मौजूद जानकारी खंगाल ई-बैंकिंग और दूसरे तरह के आनलाइन कार्य के डाटा को हैक करने के साथ ही बैंक अकाउंट को भी खाली कर देते हैं।
विद्यालय के प्रधानाचार्य उदय नारायण कपूर ने एनसीआरबी पोर्टल की जानकारी दी। बताया कि साइबर ठगी से पीड़ित जब लोग साइबर सेल पहुंचते हैं तो उनकी ठगी गई राशि को होल्ड कराने के साथ ही साइबर सेल हैक हुए मोबाइल को सही करके वापस भी देती है।
आनंदी सोरेन व अनुराधा सिंह ने बताया कि कोई भी बैंक आनलाइन केवाईसी नहीं करता है और ना ही कोई जानकारी फोन के माध्यम से दी जाती है।
उन्होनें विद्यार्थियो को सचेत करते हुए कहा कि वो खुद के साथ अपने घर और आसपास के लोगों को संबंधित जानकारी साझा करें ताकि लोग साइबर ठग के झांसे में आने से बचें और उनकी गाढ़ी कमाई को कोई लूट न सके।
इस दौरान अपील की गई कि अपने मोबाइल से संबंधित डाटा और पासवर्ड किसी भी परिस्थिति में किसी को भी शेयर ना करें। इस दौरान विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखें।
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