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    Surya Gochar 2025: मेष राशि में गोचर करेंगे भगवान सूर्य, शुरू होंगे मांगलिक कार्य; इन राशियों की चमकेगी किस्मत

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 06:03 PM (IST)

    लंबे अंतराल के बाद सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिससे मांगलिक कार्य फिर से शुरू होंगे। आचार्य चेतन पांडेय के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन से खरमास समाप्त हो जाएगा और विवाह आदि शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। 14 अप्रैल को मेष संक्रांति का पुण्य काल होगा जिस दिन लोग स्नान-ध्यान कर विसुआ मनाएंगे और सत्तू का भोग लगाएंगे।

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    मेष राशि में गोचर करेंगे भगवान सूर्य। (फोटो जागरण)

    संवाद सूत्र, हजारीबाग। लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर भुवन भाष्कर मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसी के साथ मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगा।

    अब शादी के लग्न प्रारंभ हो रहे हैं और ढोल ताशे भी बजने प्रारंभ हो जाएंगे। यह जानकारी जन्मकुंडली, वास्तु और कर्मकाण्ड परामर्श केंद्र के आचार्य चेतन पांडेय ने दी।

    खरमास का समापन

    उन्होंने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य देव रविवार की रात्रि शेष राशि परिवर्तन कर रहे हैं। उनके घर बदलने की घटना के साथ ही पिछले एक माह से चला आ रहा खरमास अब समाप्त हो जाएगा।

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    मेष संक्रांति का महत्व

    खरमास समाप्त होते ही पिछले एक माह से बंद पड़े वैवाहिक समेत अन्य मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। 14 अप्रैल को मेष संक्रांति का पुण्य काल होगा।

    आचार्य चेतन पांडेय।(जागरण)

    आचार्य ने बताया कि मेष संक्रांति के पुण्य काल के मौके पर स्नान-ध्यान कर लोग विसुआ मनाएंगे।

    सत्तू का महत्व

    इस दिन नए चने के सत्तू, नए गुड़ और आम घर के फल का टिकोरा महुआ का लड्डू अपने इष्ट देवी देवताओं को भोग लगाएंगे और स्वयं ग्रहण भी करेंगे। इस दिन सत्तू खाने और खिलाने का दौर दिन भर चलता है। कई घरों में लोग सत्तू का दान भी करते हैं।

    मेष राशि में सूर्य का प्रभाव

    भगवान सूर्य के मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश शुभ माना गया है। मेष राशि में सूर्य उच्च का फल देते हैं। ज्योतिष में सूर्य को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। सूर्य को आत्मा और पिता का कारक भी कहा गया है। मेष राशि भगवान मंगल की राशि है। यह उच्च की राशि मानी गई है।

    मेष राशि में भगवान सूर्यनारायण के प्रवेश करने पर सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य के मुहूर्त प्रारंभ हो जाते हैं। वर्तमान समय में सूर्य मीन राशि में थे। सूर्य के धनु और मीन राशि में रहने पर खरमास लगता है।

    सूर्य को मजबूत करने के उपाय

    इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। सूर्य को मजबूत करने के लिए रोजाना सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें और सूर्य चालीसा का पाठ करें।

    मीन से निकलेंगे सूर्य, मंगल की राशि में करेंगे प्रवेश

    सूर्य रविवार की रात्रि शेष 5:29 बजे मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। यहां यह अगले एक माह तक अर्थात् 14 मई तक रहेंगे। मेष राशि सूर्यदेव की उच्च राशि होती है और इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं।

    वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी ग्रह जब अपनी उच्च राशि में रहता है, तब इसका शुभ फल जातकों के जीवन पर पड़ता है। सूर्य के उच्च की राशि में गोचर करने से कई राशि के लोगों को फायदा मिलने के संकेत हैं। मेष राशि, सिंह राशि और कुंभ राशि के लोगों के लिए यह शुभ संकेत है। 

    सूर्य देव के मीन राशि में गोचर से मीन मलमास प्रारंभ हो जाता है। जिसकी वजह से एक माह तक यानी सूर्य के मीन राशि में रहते विवाह आदि मंगल कार्यों पर रोक लग जाती है।

    सूर्य के मीन से निकलकर मेष राशि में गोचर के साथ मीन मलमास समाप्त हो जाएगा रुके हुए मांगलिक कार्यक्रम, विवाह आदि फिर से शुरू हो जाएंगे। 14 अप्रैल से ही विवाह के लग्न शुरू हो रहे हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।