Hazaribagh News: NTPC के DGM की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप; प्रशासन पर भी उठ रहे सवाल
एनटीपीसी कोयला परियोजना केरेडारी के डीजीएम कुमार गौरव की शनिवार सुबह अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वे ऑफिस जाने के लिए घर से रवाना हुए थे। इससे पहले भी आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम की हत्या लेवी के लिए की जा चुकी है। कुमार गौरव पर कोयला डिस्पैच की जिम्मेदारी थी जिसकी वजह से उनकी हत्या को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

जागरण संवाददाता, हजारीबाग। एनटीपीसी कोयला परियोजना केरेडारी के डीजीएम कुमार गौरव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। कुमार गौरव कोयला डिस्पैच डिपार्टमेंट के डीजीएम थे। उनकी हत्या की खबर मिलने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
ऑफिस जाने के दौरान हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह हजारीबाग स्थित अपने घर से अपने कार्यालय जाने के लिए कंपनी के वाहन से रवाना हुए थे। इसी दौरान कटकमदाग थाना क्षेत्र के फतहा चौक के पास बाइक से अपराधियों ने उनके वाहन को ओवरटेक करते हुए उन पर गोली चला दी।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
आनन फानन में उन्हें आरोग्य अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। अपराधियों द्वारा तीन गोली चलाई गईं। बताया जाता है कि कुमार गौरव नालंदा बिहार के रहने वाले थे। एनटीपीसी पदाधिकारी की हत्या के बाद प्रशासन पर भी बड़ा सवाल है।
डीजीएम कुमार गौरव (फाइल फोटो)
इससे पहले भी आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम की हत्या लेवी के लिए अपराधी द्वारा की जा चुकी है। इसके तार भी लेवी से ही जोड़कर देखे जा रहे हैं। क्योंकि कुमार गौरव पर ही कोयला डिस्पैच की जिम्मेदारी थी। एसपी अरविंद सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की हत्या कर दी गई थी। अब कुमार गौरव की हत्या के बाद अधिकारियों में भय का माहौल है। इससे प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ सकता है।
पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चलाया। वहीं, अरोग्यम अस्पताल में एनटीपीसी कर्मियों ने आक्रोश जताया। साथ ही सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी उठाए। पुलिस हत्या के हर पहलु की जांच कर रही है।
2019 से लेकर अब तक कोयला कंपनी से जुड़े चार अधिकारियों की हो चुकी है हत्या
2019 से लेकर अब तक बड़कागांव और केरेडारी क्षेत्र में कोयला कंपनियों से जुड़े चार अधिकारियों की हत्या हो चुकी है। अधिकांश मामले लेवी से ही जुड़े रहे हैं। ऐसे में इस घटना में लेवी का एंगल होने से इनकार नही किया जा सकता है।
पहली घटना चार दिसंबर 2019 में हुई थी जब एनटीपीसी की आउटसोर्सिंग कंपनी त्रिवेणी सैनिक के जीएम गोपाल सिंह की हत्या गोली मारकर दी गई थी। इसके बाद 18 फरवरी 2021 एल एंडटी के इंजीनियर सत्येंद्र कुमार की फतहा चौक के कुछ दूरी पर गोली मारकर की गई थी।
वैसे ही बड़कागांव के पास ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद बाबू की हत्या इसी स्टाइल में कर दी गई थी और अब एनटीपीसी के डीजीएम स्तर के अधिकारी की हत्या की गई है। हत्या के बाद से कंपनी के कर्मियों और अधिकारियों में दहशत का माहौल है।
घटना जांच का विषय है। घटना ने सुरक्षा पर अवश्य सवाल खड़ा कर दिया है। परिवार के लिए क्या कर सकते हैं, यह बेहद जरूरी है। जिस तरह से अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है, यह कई सवाल जरूर खड़ा कर रहा है। बड़ी बात यही है कि कंपनी ने एक होनहार पदाधिकारी को खो दिया, जो भारत सरकार के लिए काम कर रहा था। उसकी किसी से दुश्मनी भी नहीं थी। आखिर घटना क्यों घटी है, यह तो जांच का ही विषय है। - फैज तैय्यब, जीएम, एनटीपीसी, केरेडारी परियोजना
पुलिस मामले की जांच की जा रही है, कई एंगल से जोड़ कर देखा जा रहा है। अपराधी पुलिस से बचेंगे नहीं। उग्रवादी घटना है या अपराधियों ने इसे अंजाम दिया है, यह जांच के बाद ही कहा जा सकता है। रांची में हुई घटना को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। - एस माइकल राज, आईजी, बोकारो
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