Gumla News: सिजेरियन डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में छोड़ दिया कपड़ा, इलाज में बिक गई गाय-भैंस
गुमला के सदर अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में 7 सेमी का कपड़ा छोड़ दिया गया जिसके बाद महिला को दोबारा ऑपरेशन कराना पड़ा। इलाज के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गुमला। सदर अस्पताल गुमला के चिकित्सक व स्टॉफ पर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। महिला की सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने उसके पेट में सात सेंटीमीटर लंबा कपड़ा छोड़ दिया।
तकलीफ बढ़ी तो महिला को दोबारा ऑपरेशन करवाकर कपड़े को बाहर निकलवाना पड़ा, लेकिन दोबारा ऑपरेशन कराने में उसे अपनी चार गाय और पांच भैंस बेचनी पड़ी।
अदालत में दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित परिवार के मुखिया गुमला सदर प्रखंड के करौंदी निवासी दिलीप साहू ने इस संबंध में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर किया है।
इसमें सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. निर्मला, डॉ. रौशन खलखो, सहायक पिंकू, निशा, बिनु आदि को आरोपित बनाया है। पूर्व में गुमला थाना, एसपी और डीसी से भी शिकायत की गई है।
9 मई 2024 को हुआ ऑपरेशन
परिवाद पत्र के अनुसार दिलीप साहू की पत्नी नीलू कुमारी ने 9 मई 2024 को सदर अस्पताल में सिजेरियन के बाद पुत्र को जन्म दिया था। 17 मई को उसे डिस्चार्ज किया गया। कुछ ही दिनों बाद उसके पेट में दर्द और रक्तस्राव से परेशानी होने लगी।
जब चिकित्सक से दिखाया तो उसकी पत्नी को आयरन और दर्द की दवाएं दी गईं। इसके बाद भी आराम नहीं होने पर 21 अगस्त को नीलू अपने मायके बोकारो चली गई।
ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ा कपड़ा
वहां मुस्कान हॉस्पिटल में इलाज कराया, तब अल्ट्रासाउंड में इस बात की पुष्टि हुई कि ऑपरेशन के दौरान लगभग साढ़े सात सेमी का कपड़ा पेट में ही रह गया है। डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करने की बात कही।
इसके बाद दिलीप साहू पत्नी को लेकर गुमला आए और चिकित्सकों से इस संबंध में बात की, लेकिन चिकित्सकों ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनके स्तर से कोई गलती नहीं हुई है।
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डॉक्टरों की लापरवाही से पीड़ित महिला के स्वजन।
7 लाख से ज्यादा रुपये हुए खर्च
- इसके बाद दिलीप साहू ने गुमला थाना, एसपी और डीसी से भी गुहार लगाई। जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तब दिलीप पत्नी को लेकर बोकारो गए और वहां उसका ऑपरेशन कराया।
- महिला के इलाज में अब तक सात लाख से अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं। दिलीप ने सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. निर्मला, डॉ. रौशन खलखो, सहायक पिंकू, निशा, बिनु के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
गुमला सदर अस्पताल में महिला का सुरक्षित ऑपरेशन हुआ था। 9 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थी। किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई थी। सुरक्षित टांका कटवाने के बाद महिला को छुट्टी दी गई थी। किस आधार पर आरोप लगाया जा रहा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
डॉ. निर्मला मुंडू, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल गुमला।
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