बिहार-झारखंड के बीच यहां बन रहा नया रेलवे रूट, मगर पटरियों के बिछने से पहले ही आ गई दिक्कत
गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना भूमि अधिग्रहण में फंसी हुई है जिससे 68 किमी की इस परियोजना में देरी हो रही है। रेलवे बोर्ड ने 2022 में मंजूरी दी थी और 1384 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण करनी है लेकिन इसमें देरी के कारण टेंडर प्रक्रिया रुकी हुई है। पहले चरण में 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है।

विधु विनोद, गोड्डा। गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना को धरातल पर उतारने में जमीन अधिग्रहण का पेंच फंस रहा है। 68 किमी लंबी उक्त रेल परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2022 में ही हरी झंडी दे दी है। पूरी परियोजना की राशि रेलवे ही व्यय करेगा। इसके लिए 1384 करोड़ रुपए का आवंटन भी जारी कर दिया गया है। उक्त परियोजना में राज्यांश नहीं लिया जा रहा है।
राज्य सरकार को सिर्फ जमीन अधिग्रहण कर रेलवे को देनी है, लेकिन समय पर जमीन अधिग्रहण का काम पूरा नहीं होने के कारण उक्त महत्वाकांक्षी रेल परियोजना को धरातल पर उतारने में रेलवे बोर्ड को तकनीकी समस्या आ रही है।
रेल सूत्रों के अनुसार, एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना में 90 फीसद जमीन अधिग्रहण के बाद ही टेंडर की प्रकिया शुरू की जाती है। लिहाजा उक्त परियोजना का टेंडर फाइनल नहीं हो रहा है। राज्य सरकार अगर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करती है तभी यह परियोजना आकर लेगी।
पहले चरण में 419.03 एकड़ में से 300 एकड़ अधिग्रहित:
गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना के लिए दो चरण में जमीन अधिग्रहण का काम पूरा किया जाना है। पहले चरण में गोड्डा से महागामा तक कुल 69 मौजा में 419.03 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाना है। इसमें गोड्डा अंचल में 13 मौजा, पथरगामा में 24 मौजा और महगामा में सर्वाधिक 32 मौजा में जमीन अधिग्रहण का काम प्रक्रियाधीन है।
जिला भू अर्जन शाखा की ओर से पहले चरण में अबतक करीब 300 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए अब तक 203 करोड़ रुपये का भुगतान रैयतों को मिला है। यहां अब भी 11 मौजा में अधिग्रहित जमीन की दखल दिहानी लंबित है।
दूसरे चरण में 507.87 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव:
गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना के दूसरे चरण में महागामा से मेहरमा अंचल के बीच कुल 29 मौजा की 507.57 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाना है। लेकिन बीते तीन वर्षों में यहां 180 एकड़ जमीन ही अधिग्रहित की गई है। मेहरमा अंचल के दस मौजा में रेल परियोजना के एलाइनमेंट को लेकर भी विवाद है।
वहां किसान सभा की ओर से एलाइनमेंट में किए गए बदलाव को निरस्त कर पुराने रूट पर ही रेल पटरी बिछाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। गत माह किसानों का प्रतिनिधिमंडल गोड्डा सांसद डा निशिकांत दुबे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर पुराने एलाइनमेंट में ही रेल परियोजना की स्वीकृति देने की की मांग की गई है।
बिहार-झारखंड का नया रूट संताल के लिए उपयोगी:
गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन का उद्देश्य बिहार के सीमांचल और झारखंड के संताल परगना बीच एक नया रूट बनाना है, जिससे यात्रा का समय कम हो सके और उत्तर पूर्व से आने वाली ट्रेनों का सीधा संपर्क स्थापित हो सके।
यह संताल परगना और सीमांचल इलाकों में आकस्मिक परिस्थितियों में ट्रेनों को इस रूट पर डायवर्ट कर परिचालन सुनिश्चित कराएगा। इसके तहत गोड्डा से महागामा तक 26 किमी, महागामा से मेहरमा तक 21 किमी और मेहरमा से पीरपैंती तक 10 किमी नई रेल लाइन बिछेगी।
गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना के लिए पहले चरण में गोड्डा से महागामा तक कुल 69 मौजा में 419.03 एकड़ में से 300 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर दखल-दिहानी का काम पूरा कर लिया गया है। जमीन अधिग्रहण के लिए रैयतों के बीच 203 करोड़ रुपये का मुआवजा भुगतान भी कर दिया गया है। शेष प्रक्रियाधीन है। दूसरे चरण में 507.87 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर काम शुरू किया गया है। इसमें रैयतों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसकी जांच चल रही है। - रितेश जायसवाल, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, गोड्डा
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