जागरण संवाददाता, गिरिडीह। सरिया प्रखंड के बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिका अंजली कुमारी ने चार सेविकाओं को 13 दिसंबर को कान पकड़कर उठक-बैठक करा दी। और तो और इसका वीडियो बनाकर सेविकाओं के वाट्सएप ग्रुप में वायरल कर दिया।
आरोप है कि सेविकाओं ने आनलाइन खरीदारी की, इसलिए ऐसा किया गया। प्रकरण के तूल पकड़ने पर शुक्रवार को बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने सेविकाओं और पर्यवेक्षिका को कार्यालय में बुलाकर मध्यस्थता की कोशिश की। आरोपित से माफी मंगवाई गई।
सेविकाओं ने क्या बताया?
सेविकाओं ने बताया कि 13 दिसंबर को कार्यालय में बैठक थी। तभी बच्चों के पोषाहार के लिए आनलाइन राशन खरीदने पर पर्यवेक्षिका भड़क उठीं। चार सेविकाओं को बैठक में ही कान पकड़कर सबके सामने उठक-बैठक करने को मजबूर किया। इसका वीडियो भी बनाया।
वीडियो ग्रुप में डाले जाने पर सेविकाएं भी गुस्से में आ गईं। तब पर्यवेक्षिका ने उसे डिलीट कर दिया। सेविकाओं का आरोप है कि सब कमीशनखोरी का खेल है। विभाग की पसंद की दुकान से राशन नहीं खरीदने पर बवाल हुआ। इसकी सूचना प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी राखी चंद्रा और विभाग के बड़े बाबू को दी।
दोनों पक्षों की बैठक
शुक्रवार को 11 से एक बजे तक दोनों पक्षों की बैठक हुई। पर्यवेक्षिका ने गलती मानकर माफी मांग ली। पीड़िता बागोडीह आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ललिता देवी, हरिजन टोला की लक्ष्मी देवी, पंदनाटांड़ की रीता देवी एवं खेरोन की नूरेशा खातून ने कहा कि अधिकारियों के समक्ष अंजली ने माफी मांग कहा है कि दोबारा ऐसा नहीं करेंगे। अब हम चारों मिलकर निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है।
आनलाइन खरीदारी का नहीं है नियम
प्रभारी सीडीपीओ राखी चंद्रा ने बताया कि इन सेविकाओं ने आंगनबाड़ी केंद्र के लिए आनलाइन खरीदारी की। विभागीय नियम है कि वैसी दुकान से खरीदारी करनी है, जो भौतिक रूप से धरातल पर हो। इसलिए पर्यवेक्षिका ने बिना हमारी अनुमति के सेविकाओं से डांट-फटकार की। उसने घटना के लिए माफी मांग ली है। अंजली दायित्वों को लेकर पूर्णरूपेण परिपक्व नहीं है, हालांकि स्थिति अब सामान्य है।
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