Maiya Samman Yojana: मंईयां सम्मान योजना से इन महिलाओं का कटेगा नाम, 2500 रुपया मिलना हो जाएगा बंद
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना के तहत अब कार्रवाई शुरू हो गई है। अधिकारियों ने हर स्तर से जांच शुरू कर दी है। पता चला है कि कुछ महिलाओं अवैध तरीके से पैसे उठा रही हैं। सरकार ने उन महिलाओं की कैटेगरी बनाई है जो कि इस योजना की शर्त को पूरा नहीं कर पा रही हैं।

संवाद सहयोगी, तिसरी (गिरिडीह)। Jharkhand News: गिरिडीह मुख्यालय में स्थित सभागार में एलडीएम अमृत कुमार चौधरी के नेतृत्व में बैंक मैनेजर और मंईयां सम्मान योजना के कर्मी की बैठक की गई।
बैठक में प्रखंड में स्थित सभी मैनेजर को संबोधित करते हुए एलडीएम ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना के सभी लाभुक का नाम,खाता नंबर, जांच करे। अवैध तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
इन महिलाओं का कटेगा नाम
जांच के दौरान जिन लाभुक के खाता में मंईयां सम्मान योजना के साथ विधवा, महिला सम्मान योजना की राशि जा रही है, उसे चिह्नित करें और उनका नाम काटा जाएगा। एक खाता में एक से अधिक मंईया सम्मान योजना की राशि आ रही हो तो उन महिलाओं के खिलाफ भी एक्शन होगा।
18 साल से नीचे की किशोरी की भी होगी पहचान
18 साल से कम उम्र की किशोरी यदि सम्मान योजना का लाभ ले रही है तो उनका खाता नंबर एक्सेल में डाल दे।महिला के स्थान पर पुरुष और नाम में अंतर होने वालों को भी चिह्नित करें। बता दे की तिसरी प्रखंड में मंईयां सम्मान योजना क लिए 17800 आवेदन प्राप्त हुआ है।
बैठक में कई अधिकारी रहे मौजूद
उसमें 15625 लाभुको को मइंया सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है। बैठक में एसबीआइ खिजूरी के मैनेजर अनु रंजन कुमार, तिसरी एसबीआइ मैनेजर जयंत कुमार बरनवाल, इंडियन बैंक चंदोरी मैनेजर ए कमल, एमओ राजन कुमार, प्रखंड समन्वयक संतोष वर्मा, आपरेटर मंदीप कुमार, सांडिल, सहित कई कर्मी मौजूद थे।
हेमंत सरकार केंद्र की योजनाओं के प्रति उदासीन : भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर केंद्र की योजनाओं को धरातल में उतारने में उदासीनता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री केंद्रीय मंत्रियों को मांगपत्र सौंपते हैं, लेकिन पहले से चल रही केंद्रीय योजनाओं का राज्य में बुरा हाल है।
मनरेगा में केंद्र सरकार के हिस्सेदारी के पैसे का यूटिलिटी सर्टिफिकेट राज्य ने नहीं सौंपा। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी केंद्र और राज्य का संयुक्त योगदान होता है। केंद्र ने इस योजना में जो पैसे दिए, उनका राज्य सरकार ने फिर से समय पर यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं दिया।
इस कारण प्रधानमंत्री आवास योजना में भी झारखंड काफी निचले पायदान पर है l आयुष्मान योजना में केंद्र से अंशदान मिल जाने के बावजूद राज्य सरकार ने अनेक निजी अस्पतालों को समय पर भुगतान नहीं किया था।
हर घर में नल से जल योजना का बुरा हाल कर दिया। केंद्र सरकार राज्य को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। राज्य सरकार केंद्र के पैसे का सदुपयोग करें।
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