Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र में हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, बन रहा ये दुर्लभ नक्षत्र; जानें पूजा विधि
चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार 30 मार्च से होगी और 6 अप्रैल को महानवमी है। चैत्र नवरात्र का पहला दिन रविवार होने की वजह से देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। हाथी पर भगवती के आगमन से पर्याप्त वर्षा सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति होगी। वहीं मां की विदाई महिष (भैंसे) पर होगी। नवरात्र के 9 दिनों में रंगों के अनुसार मां का पूजन करें।

संवाद सहयोगी, हीरोडीह (गिरिडीह)। Chaitra Navratri 2025: सनातन धर्मावलंबियों के नवसंवत्सर, विक्रम संवत 2082 व शक्ति की पूजा चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार 30 मार्च से होगी और 6 अप्रैल को महानवमी है।
ब्रह्म पुराण के मुताबिक, परम पिता ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। नवरात्र के दौरान श्रद्धालु मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करेंगे। इन 9 दिनों में भक्त अलग-अलग तरीकों से मां को खुश करने का प्रयास करते हैं।
नवरात्र के अवसर पर देवी मां की कृपा पाने के लिए लोग दुर्गा सप्तशती, कील, कवच, अर्गला, दुर्गा चालीसा, बीज मंत्र का जाप, भगवती पुराण आदि का पाठ करेंगे। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से नवरात्र के 9 दिनों तक मां की अराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
6 अप्रैल को महानवमी
पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में महानवमी चैत्री शुक्ल नवमी छह अप्रैल रविवार की सुबह 9:40 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र तथा इसके बाद पूरे दिन पुष्य नक्षत्र के युग्म संयोग में महानवमी का पर्व मनाया जाएगा। इ
सी दिन श्रद्धालु देवी दुर्गा के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा कर विशिष्ट भोग अर्पण, दुर्गा पाठ का समापन, हवन, कन्या पूजन व पुष्पांजलि करेंगे। रामनवमी का व्रत करने के साथ, पूजन व शोभा यात्रा भी इसी दिन निकलेगी।
हाथी पर होगा मां दुर्गा का आगमन
पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र का पहला दिन रविवार होने से देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। हाथी पर भगवती के आगमन से पर्याप्त वर्षा, सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति होती है।
इससे देश, कृषि, पर्यावरण, जीव-जंतु व मनुष्य सभी को लाभ होगा। चैत्री शुक्ल विजयादशमी को सोमवार दिन होने से माता की विदाई महिष (भैंसे) पर होगी।
देवी के प्रिय रंगों के अनुसार करें पूजन
नवरात्र के 9 दिनों में पंडित जी के अनुसार, देवी के प्रिय रंगों के अनुसार पूजन करना शुभ माना जाता है। ऐसे में देवी मां के स्वरूप के अनुसार उनके पसंद के रंगों से पूजा-अर्चना करें।
माता के प्रिय रंग
- माता शैलपुत्री को पीले रंग का वस्त्र, फल, चंदन, पुष्प अर्पित करें। मां ब्रह्मचारिणी को हरा रंग, देवी चंद्रघंटा को पीला व हरा रंग, कुष्मांडा माता को नारंगी रंग, स्कंदमाता को श्वेत रंग।
- देवी कात्यायनी को लाल रंग, माता कालरात्रि को नीला रंग, महागौरी को गुलाबी रंग और देवी में नौंवे स्वरूप में मां सिद्धिदात्री को बैंगनी रंग के वस्त्र, पुष्प, अबीर, चंदन, फल का भोग अर्पित होगा।
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