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    PM Kusum Scheme: किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी दे रही केंद्र सरकार, ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 03:46 PM (IST)

    पीएम कुसुम योजना से दुमका के किसानों को जोड़ने की पहल काफी धीरे है जिसे तेज करने के लिए कृषि विभाग द्वारा ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं। अब तक सबसे अधिक आवेदन सरैयाहाट प्रखंड के किसानों ने किया है यहां से 160 आवेदन आए हैं। वहीं सबसे कम आवेदन काठीकुंड से आया है जहां केवल 2 लोगों ने अप्लाई किया है।

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    पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

    राजीव, दुमका। PM Kusum Yojana: केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी पीएम कुसुम योजना से दुमका के किसानों को जोड़ने की पहल काफी धीमी है। कृषि विभाग के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के तहत किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं।

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    इसके बाद इन आवेदनों की स्क्रूटिनी व गहराई से जांच पड़ताल संबंधित प्रखंडों के बीडीओ के माध्यम से कराई जाएगी। इसके बाद अंतिम तौर पर स्वीकृति के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता वाली गठित कमेटी की बैठक में रखा जाएगा।

    इस कमेटी में जिन आवेदनों पर मुहर लगेगी उसे ज्रेडा को उपलब्ध कराया जाएगा और तब स्वीकृत किसान पीएम कुसुम योजना से जुड़ेंगे। पहले इस महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन लघु सिंचाई विभाग के जरिए होता था, लेकिन अबकी बार यह जिम्मेदारी कृषि महकमा के पास है।

    सरैयाहाट प्रखंड से मिले सबसे ज्यादा आवेदन

    फिलहाल दुमका जिले में प्रखंडवार ऑनलाइन आवेदनों पर गौर किया जाए तो सबसे अधिक आवेदन सरैयाहाट प्रखंड के किसानों ने किया है। वहीं, सबसे कम आवेदन काठीकुंड से आया है।

    कृषि महकमा के मुताबिक दुमका और रामगढ़ से प्राप्त आवेदनों का सत्यापन अभी होना बाकी है। शेष प्रखंडों से प्रखंड स्तर पर सत्यापन का काम हो चुका है। इन दो प्रखंडों से सत्यापित सूची प्राप्त होने के बाद स्वीकृति के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष रखा जाएगा।

    प्रखंडवार आवेदनों की स्थिति 11 2

     प्रखंड
      आवेदन
    दुमका  31
    सरैयाहाट  160
    जामा  19
    जरमुंडी  153
    रामगढ़  60
    गोपीकांदर  03
    रानीश्वर  05
    शिकारीपाड़ा  09
    मसलिया   15
    काठीकुंड  02

    क्या है पीएम कुसुम योजना

    पीएम कुसुम सौर सब्सिडी योजना एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को उन लोगों के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाना है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। इसका लक्ष्य सौर ऊर्जा को अधिक किफायती बनाना और ग्रामीण भारत के लिए उपलब्ध कराना है।

    इस योजना के तहत सरकार किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंप लगाने के लिए सब्सिडी देती है और इन्हें सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में भी मदद करती है जो बिजली पैदा कर सकते हैं।

    किसान एवं कृषि भूमि मालिक हो सकते हैं लाभुक

    कृषि भूमि वाले किसान इस योजना के केंद्र में हैं। शर्त यह कि इनके पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो। ऐसे किसान अपनी सिंचाई प्रणाली को बिजली देना चाहते हैं या फिर सौर ऊर्जा उत्पन्न करना चाहते हैं तो सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप या सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    इससे किसान बिजली के ऊंचे बिल या सिंचाई के लिए डीजल पंप की लागत से छुटकारा पा सकते हैं। सौर ऊर्जा से संचालित पंप खेती के लिए अधिक टिकाऊ है।

    भले ही किसान इसके प्राथमिक लाभार्थी हैं, लेकिन ग्रामीण परिवार और स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्र जैसे सार्वजनिक संस्थान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

    ग्रामीण परिवारों के लिए यह बिजली की लागत कम करने और विश्वसनीय, पर्यावरण-अनुकूल बिजली प्राप्त करने का साधन हो सकता है।

    सौर पंपों के लिए है भारी सब्सिडी

    सिंचाई के लिए सोलर पंप की जरूरत है तो किसान इसके इंस्टालेशन लागत पर 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इससे वित्तीय बोझ कम करने में मदद मिलती है।

    सौर ऊर्जा पर स्विच करना कहीं ज्यादा किफायती हो जाता है। सौर पंप गैर-नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भरता को कम करने और अधिक टिकाऊ खेती के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मददगार है।

    बेहतर उत्पादकता और जल प्रबंधन

    विश्वसनीय और लागत प्रभावी सौर ऊर्जा चालित सिंचाई प्रणालियों के साथ, किसान अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और जल संसाधनों का अधिक कुशलतापूर्वक प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे बेहतर फसल पैदावार और स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी।

    आवेदन करने के लिए किसानों जमीन की मालिकाना हक का सबूत, बिजली का बिल, आधार कार्ड और बैंक विवरण जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।

    कुसुम योजना के तहत दुमका जिले सभी प्रखंडों के किसानों से आनलाइन आवेदन किया है। अधिकांश प्रखंडों के आवेदनों का सत्यापन प्रखंड स्तर पर हो चुका है। दुमका और रामगढ़ प्रखंड का सत्यापन अभी नहीं हो सका है। सत्यापन के बाद इसकी स्वीकृति की दिशा में अग्रतर पहल होगी।

    सत्यप्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी, दुमका

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