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चिरकुंडा और बराकर के बीच बन रहे नए पुल की लोगों को जल्‍द मिलेगी सौगात, काम में तेजी लाने का निर्देश

झारखंड एवं पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली बराकर नदी पर निर्माणाधीन टू लेन पुल के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश पथ प्रमंडल सचिव ने दिया है। यह योजना वैसे भी एक साल लेट चल रही है। पुल निर्माण की प्रगति को लेकर विभाग लगातार समीक्षा कर रहा है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Jun 2022 09:08 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jun 2022 09:08 AM (IST)
स्थानीय लोगों को पुल बनने से कई तरह के लाभ होंगे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: चिरकुंडा के लोगों को पश्चिम बंगाल जाने के लिए अब 100 साल पुराने क्षतिग्रस्त पुल से नहीं गुजरना होगा। जल्द ही नए पुल का सौगात मिलने वाली है।

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झारखंड एवं पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली बराकर नदी पर निर्माणाधीन टू लेन पुल के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश पथ प्रमंडल सचिव ने दिया है। यह योजना वैसे भी एक साल लेट चल रही है। पुल निर्माण की प्रगति को लेकर विभाग लगातार समीक्षा कर रहा है। साथ ही पुल निर्माण की गुणवत्ता पर भी नजर बनाए हुए रखने की हिदायत दी गई है। चिरकुंडा बराकर के बीच बनने वाले इस पुल के लिए झारखंड सरकार ने तीन साल पहले ही पहल की थी, लेकिन कोरोना काल के कारण दो साल मामला लटक गया। अब फिर से इस पर काम शुरू हुआ है। फिलहाल पिलर का काम शुरू किया गया है। स्थानीय लोगों को पुल बनने से कई तरह के लाभ होंगे।

650 मीटर लंबा होगा पुल पैदल चलने के लिए अलग होगा व्यवस्था

पुल की लंबाई 650 मीटर और चौड़ाई 14.8 मीटर होगी। इसकी लागत करीब 55 करोड़ रुपये है। पैदल चलने के लिए अलग से फुटपाथ भी बनाया जाएगा। गौरतलब है कि पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण बड़े व वजनदार वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही इस पुल की आयु सीमा भी समाप्त हो गई है। पुल के कमजोर होने के कारण लोगों को 10 किमी घुमकर डिगुडीह चेकपोस्ट होकर जाना आना पड़ता है। इस वजह से टोल टैक्स का अतिरिक्त भार भी लोगों को उठाना पड़ता है।

इधर, पुराने पुल से हटकर करीब 15 मीटर की दूरी पर नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। यह चिरकुंडा की तरफ से दाहिने साइड की ओर बनाया जा रहा है। इसका ठेका दारोगा प्रधान ठेका कंपनी को दिया गया है। कार्यालय आदेश नवंबर में दिया गया है। दो साल में काम पूरा करने का निर्देश है।


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