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    पंकज ने बरसाई थीं नीरज पर गोलियां, जांच में मिले पुख्ता सुबूत

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Wed, 05 Apr 2017 10:48 AM (IST)

    पुलिस सूत्रों की मानें तो नीरज सिंह समेत अन्य चारों पर गोलियां बरसाने वालों में एक शूटर पंकज है।

    पंकज ने बरसाई थीं नीरज पर गोलियां, जांच में मिले पुख्ता सुबूत

    जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या में जिन लोगों का नाम पुलिस की फाइल में आ चुका है, उनमें डबलू मिश्र के अलावा पंकज और संतोष ऐसे नाम हैं, जो अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं। इधर, पुलिस सूत्रों की मानें तो नीरज सिंह समेत अन्य चारों पर गोलियां बरसाने वालों में एक शूटर पंकज है। घटना की जानकारी संतोष को थी। इनका सीधा कनेक्शन मारे गए रंजय सिंह के साथ था। पंकज सीधे तौर पर रंजय और संजय की रिश्तेदारी में भी है।

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    पुलिस के अनुसार, पंकज का आपराधिक इतिहास रहा है। पंकज का कनेक्शन कैमूर और बनारस से भी है। बिहार-यूपी के आपराधिक गिरोहों में उसकी पैठ भी है। पुलिस उसके नक्सली सांठगाठ पर भी नजर रख रही है। नीरज हत्याकांड में पकड़ कर जेल भेजे गए धनंजय सिंह ने भी पुलिस के समक्ष ये बात कबूली है कि रंजय की हत्या के बाद संतोष, पंकज और संजय को साजिश करते सुना था। वहीं संजय की स्वीकारोक्ति के आधार पर भी यह बात कोर्ट में पेश की गई है कि वारदात होने के बाद डबलू मिश्र, पंकज और संतोष धनबाद छोड़कर फरार हो गए थे। संतोष यूपी का रहने वाला है। पंकज के अलावा दो और शूटरों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है। हालांकि अभी तक पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है। लेकिन इतना जरूर कह रही है कि रंजय हत्याकांड का सीधा कनेक्शन नीरज सिंह हत्याकांड से है।

    कौन थे और दो शूटर, यही जानना बाकी:

    पुलिस सूत्रों की मानें तो पंकज को शूटर और संतोष को सहयोगी के तौर पर देखने के बाद भी उन्हें पकड़े बगैर वारदात का खुलासा नहीं हो सकता है। क्योंकि रंजय सिंह के भाई संजय सिंह ने सिर्फ इतना ही बताया है कि उसने सूचनाओं का आदान-प्रदान किया था और वारदात के बाद यहां से फरार हो गया था। संजय के कोर्ट में सौंपे गए बयान में सिर्फ डबलू, पंकज और संतोष के नाम सामने आए थे। हालांकि, संजय और धनंजय ने मीडिया से यह कहा था कि पुलिस ने टार्चर कर झूठी कहानी गढ़ते हुए पहले से लिखी कहानी पर उनका दस्तख्त लिया है।

    अब सवाल ये है कि इस पूरे मामले में डबलू की भूमिका केवल लाइनर की थी या और कुछ। जहां तक नीरज के वाहन पर फायरिंग की बात है तो पुलिस के एक्सपर्ट ये मान कर चल रहे हैं कि कम से कम तीन तरफ से गोली चली थी। यदि तीन तरफ से फायरिंग हुई है तो कम से कम से तीन शूटर पुलिस को सामने लाना होगा। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि इन शूटरों को कवर कौन दे रहा था। पुलिस के अनुसार संतोष के बारे में संजय ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसका सिंह मैंशन में आना-जाना था। 

    कभी देवेंद्र की हत्या के लिए धनबाद आया था पंकज

    पंकज के बारे में पुलिस के पास ये सूचना भी है कि वह वर्ष 2014 में देवेंद्र नामक किसी व्यक्ति की हत्या के लिए धनबाद आया था। उस वक्त उसे वारदात को अंजाम दिए बिना ही वापस लौटना पड़ा था। पंकज के बारे में कहा जा रहा है कि उसका कनेक्शन मुन्ना बजरंगी गिरोह से भी जुड़ा था। वह यूपी के कई बड़े गिरोह के लिए भी काम कर चुका है।

    रंजीत रवानी की भी तलाश

    नीरज सिंह हत्याकांड में पुलिस को धनबाद के ही रहने वाले रंजीत रवानी की भी तलाश है। रंजीत रवानी और रंजय सिंह के बीच भी दोस्ती की बात सामने आ रही है। सबसे खास बात ये है कि नीरज समेत चार की हत्या के बाद रंजीत रवानी भी गायब हो चुका है।

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