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    केंदुआडीह में गैस रिसाव का कहर जारी, 14 वर्षीय किशोरी अचेत; अस्पताल में भर्ती

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 08:55 PM (IST)

    केंदुआडीह में गैस रिसाव की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे 14 वर्षीय आयशा कुमारी अचेत होकर अस्पताल में भर्ती है। अब तक दो महिलाओं की जान जा चुकी है और ...और पढ़ें

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    डॉक्टरों की टीम कर रही इलाज। (जागरण)

    संवाद सहयोगी, पुटकी। केंदुआडीह क्षेत्र में जारी गैस रिसाव की स्थिति भयावह होती जा रही है। रविवार देर रात केंदुआडीह 10 नंबर निवासी आनंद कुमार सिंह की 14 वर्षीय पुत्री आयशा कुमारी गैस की चपेट में आने से अचेत हो गई।

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    उसे आनन-फानन में स्वजन द्वारा बीसीसीएल के कुस्तौर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उसकी जान बचाने में जुटी है।

    गैस रिसाव के इस संकट में अब तक दो महिलाओं की जान जा चुकी है। कुस्तौर एरिया अस्पताल में अब तक कुल 56 गैस पीड़ित मरीजों को भर्ती किया जा चुका है, जिनमें से पांच गंभीर मरीजों को सेंट्रल अस्पताल रेफर किया गया था। डॉक्टरों की टीम डिस्चार्ज हो चुके मरीजों की स्थिति पर फोन के माध्यम से नजर रख रही है।

    राहत शिविर में सन्नाटा, घरों को छोड़ने को तैयार नहीं लोग

    हिंदी भवन के समीप लगाए गए राहत शिविर में 700 लोगों के रहने और भोजन की व्यवस्था है, लेकिन विस्थापन के डर से अधिकांश लोग केवल भोजन कर वापस अपने जहरीले गैस वाले घरों में ही लौट जाते हैं।

    प्रतिदिन मात्र दो दर्जन लोग ही रात में शिविर में रुक रहे हैं। विस्थापन को लेकर अब तक 65 परिवारों ने जेआरडीए के बेलगड़िया फ्लैट के लिए आवेदन दिया है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

    यह भी पढ़ें- केंदुआडीह गैस रिसाव: अस्पताल से राहत शिविर तक अलर्ट मोड में प्रशासन और BCCL प्रबंधन, 24 घंटे एंबुलेंस व डॉक्टर तैनात

    युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य 

    गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद प्रशासन व बीसीसीएल सक्रिय हुआ है। वर्तमान में मस्जिद मोहल्ला क्षेत्र में बोरहोल कर नाइट्रोजन गैस डाली जा रही है। कुस्तौर अस्पताल में आक्सीजन युक्त 30 बेड आरक्षित किए गए हैं, जहां एरिया मेडिकल ऑफिसर डॉ. शशि कुमार रवि के नेतृत्व में तीन शिफ्टों में इलाज चल रहा है।

    आंकड़ों में स्वास्थ्य जांच 

    राहत शिविर में 6 दिसंबर से 29 दिसंबर तक कुल 622 लोगों की स्वास्थ्य जांच कर दवाइयां वितरित की गई हैं। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहा है, वहीं ग्रामीणों का साफ कहना है कि जब तक रिसाव पूरी तरह बंद नहीं होगा, वे अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।