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    बिहार की तर्ज पर झारखंड में होंगे पंचायत चुनाव, नहीं करना होगा रिजल्टस् का इंतजार; जानें-संभावित समय

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Thu, 24 Feb 2022 09:31 PM (IST)

    Jharkhand Panchayat Elections 2022 झारखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है। अप्रैल-मई महीने में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव के दाैरान मतगणना की प्रक्रिया कैसी होगी ? राज्य निर्वाचन आयोग मंथन कर रहा है। बिहार की तर्ज पर मतगणना कराई जा सकती है।

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    झारखंड में जल्द होगी पंचायत चुनाव की घोषणा ( प्रतीकात्मक फोटो)।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। Jharkhand Panchayat elections 2022 date झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2022 की तैयारी तेज है। चुनाव कार्यक्रम की कभी भी घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग कर सकता है। झारखंड की हेमंत सोरेने सरकार पर भी जल्द पंचायत चुनाव कराने का दबाव है। चुनाव न होने की स्थिति में केंद्र सरकार ग्रामीण विकास की राशि रोक सकती है। इस कारण जल्द चुनाव होने की उम्मीद बढ़ गई है। दूसरी तरफ बिहार की तर्ज कर झारखंड में पंचायत चुनाव के दाैरान मतगणना कराने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होने पर प्रत्याशियों को लंबे समय तक परिणाम का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दूसरी तरफ अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव कराने के झारखंड सरकार ने संकेत दिए हैं।

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    पंचायत चुनाव के दाैरान बिहार में अपनाई गई ऐसी प्रक्रिया

    झारखंड में पिछला पंचायत चुनाव-2015 के दिसंबर में हुआ था। इससे पहले दिसंबर-2010 में झारखंड में पहली बार पंचायत चुनाव हुआ। दोनों बार पंचायत चुनाव का दाैर काफी लंबा चला। कई जिलों में मतदान और मतगणना के बीच समय का फासला एक महीने से ज्यादा रहा। चूंकि पंचायत चुनाव कई चरणों कराए जाते हैं। झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है। एक ही जिले में दो-तीन चरणों में चुनाव हो चुके हैं। चुनाव के दाैरान आचार संहिता के कारण विकास कार्य प्रभावित होता है। दो महीने पहले पड़ोसी राज्य बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न हुआ है। वहां पर मतगणना की एक अलग प्रक्रिया अपनाई गई। पूरे बिहार में पंचायत चुनाव की मतगणना एक साथ नहीं कराई गई। वहां प्रत्येक जिले में चुनाव के दो-तीन दिन बाद मतगणना करा परिणाम की घोषणा होती रही। सूत्रों के अनुसार झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में अपनाई गई पंचायत चुनाव प्रक्रिया का अध्ययन कर रहा है। इस तरह की प्रक्रिया झारखंड में अपनाने पर विचार कर रहा है। झारखंड सरकार की सहमति मिलने पर बिहार की तर्ज पर चुनाव कराया जा सकता है। 

    चुनाव पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू

    झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयार है। आयोग को पंचायत चुनाव को लेकर सिर्फ राज्य सरकार के आदेश का इंतजार है। इसे लेकर बुधवार को निर्वाची पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। पहले दिन गढ़वा, पलामू, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका के निर्वाची पदाधिकारियों को चुनाव संपन्न कराने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर आयोग की तैयारी पूरी है। राज्य सरकार जब चाहे पंचायत चुनाव करा सकती है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद एक जनवरी की अर्हता तिथि से सभी जिलों में मतदाता सूची का प्रकाशन कर लिया गया है। स्ट्रांग रूम भी चिह्नित कर लिए गए हैं। मतदान केंद्रों की मैङ्क्षपग हो चुकी है। निर्वाची पदाधिकारियों तथा सहायक निर्वाची पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी निर्वाची पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव में मतदान कराने से लेकर मतगणना तक की बारीकियों से अवगत कराया गया।

    25 तक चलेगा प्रशिक्षण

    प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 फरवरी तक चलेगा। गुरुवार को लातेहार, चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, जामताड़ा, धनबाद, बोकारो तथा सिमडेगा के पदाधिकारियों तथा 25 फरवरी को रामगढ़, लोहरदगा, गुमला, खूंटी, रांची, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। एसी, एसडीओ, सीओ, बीडीओ को निर्वाची पदाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो इस प्रशिक्षण में शामिल होंगे। जिला परिषद सदस्य के लिए अपर समाहर्ता, पंचायत समिति सदस्य के एसडीओ, मुखिया के लिए अंचल अधिकारी तथा वार्ड सदस्य के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्वाची पदाधिकारी बनाया गया है।

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    झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रस्तावित तिथियों को मिली मंजूरी

    झारखंड कैबिनेट ने पंचायत चुनाव की तिथियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त अनुशंसा को राज्यपाल के पास भेजने का निर्णय लिया है। अभी तक की तैयारियों के अनुसार अप्रैल-मई माह में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इसको लेकर स्पष्ट तौर पर संकेत दिया कि राज्य सरकार चुनाव की तिथियों और मैट्रिक- इंटर की परीक्षा को अलग रखना चाहती है। इस कारण से अनुमान लगाया जा रहा है कि मैट्रिक- इंटर की परीक्षा के बाद पंचायत चुनाव होंगे।