JMM Foundation Day 2021: बीजेपी को रोकने के लिए ममता से हाथ मिलाने को हेमंत तैयार, कहा-राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 में भाजपा को रोकने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। सोरेन ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ममता दीदी ( पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) हमारे समान विचारधारा की हैं।
दुमका, जेएनएन। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 में भाजपा को रोकने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। सोरेन ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ममता दीदी ( पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) हमारे समान विचारधारा की हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा षडयंत्र के तहत बिसात बिछा रही है। अभी के हालात में भाजपा को रोकना जरूरी है। ममता दीदी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से अभी कोई बात नहीं हुई है। राजनीतिक घटनाक्रम पर हमारी नजर है।
तृणमूल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 लड़ने का एलान कर रखा है। झामुमो की रणनीति झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की है। इसके तहत झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पश्चिम बंगाल में चुनावी सभा भी कर चुके हैं। लेकिन झामुमो को पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के ऑफर का इंतजार है। झामुमो वहां पर तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते है। इसके संकेत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को दुमका में झामुमो के 42वें स्थापना दिवस समारोह में दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकना जरूरी है। इसके लिए पश्चिम बंगाल की राजनीतिक घटनाक्रम पर हमारी नजर है।
मांगने से नहीं मिलता अधिकार
मुख्यमंत्री ने दुमका के गांधी मैदान में झामुमो नेताओं-कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलन से उपजी पार्टी है। हमने आंदोलन से झारखंड हासिल किया है। मांगने से अधिकार नहीं मिलता, जो दल लड़ते हैं वही मंजिल पाते हैं। उन्होंने कहा कि झामुमो भी अपना दायरा बढ़ाएगा। झामुमो पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में संघर्ष करता रहा है।
आपकी सरकार आपके एजेंडे पर कर रही काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में आपकी सरकार आपके एजेंडे पर काम कर रही है। सरकार दस रुपये में धोती, साड़ी, लुंगी दे रही है। गरीबों को राशन मिल रहा है। नौजवानों को नौकरियां दे रहे हैं। शहीदों के परिजनों को भी नौकरियां दी जा रही है। यह साल नियुक्तियों का होगा। निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए कानून बना रहे हैं।