Dhanbad News: मछुआरों के लिए खुशखबरी! इस योजना के तहत सरकार देगी आवास, इन लोगों को मिलेगा लाभ
धनबाद जिले के मत्स्य पालकों के लिए खुशखबरी है! राज्य सरकार वेद व्यास आवास योजना के तहत 17 आवासों का निर्माण करेगी। इससे मछुआरों के जीवन स्तर में सुधार होगा और उन्हें स्थायीकरण में मदद मिलेगी। योग्य मत्स्य पालकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं कुछ पात्रता मानदंडों का पालन करना होगा। यह योजना मछुआरों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी।

रवि चौरसिया, धनबाद। जिले के मत्स्य पालकों का अब अपना आवास होगा। राज्य सरकार मत्स्य पालकों के लिए वेद व्यास आवास योजना के तहत जिले में कुल 17 आवासों का निर्माण किया जाएगा। सरकार की इस पहल से मत्स्य पालकों के जीवन स्तर में सुधार के साथ उन्हें स्थायीकरण में मदद मिलेगी। यह पहल उन परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी जो मत्स्य पालन से जुड़े हैं और जिन्हें अपने घर की तलाश है।
जिले में ज्यादातर मत्स्य पालकों ग्रामीण क्षेत्रों में होते है जो निम्न वर्ग से आते है और उनके लिए सबसे बड़ी समस्या आवास की कमी होती है। यह समस्या खासकर उन समुदायों के लिए जिनकी आजीविका प्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। मत्स्य पालक समुदाय भी अक्सर इसी चुनौती का सामना करते हैं।
जिला मत्स्य पदाधिकारी उषा किरण ने बताया कि राज्य सरका की यह योजना मत्स्य पालकों के लिए न केवल उन्हें आश्रय प्रदान करेगा बल्कि उनको सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त होगा।
कहा इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य मत्स्यपालकों से आवेदन आमंत्रित किया गया हैं। हालांकि योजना के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन मत्स्य पालकों करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि जिले में लगभग दो हजार मत्स्य पालक है। जो राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा मत्स्य पालकों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न तरह के योजनाओं का लाभ उठा कर आत्मनिर्भर बनने की राह पर है।
फिलहाल वेद व्यास योजना के तहत जिले में 17 आवास बनाने कि योजना है। जिला मत्स्य कार्यालय ने इस योजना के तहत मत्स्य पालकों से आवेदन मांगे हैं।
इन मानदंडों को पूरा करने वाले मत्स्य पालक ही कर सकते है आवेदन-
- अनिवार्य रूप से मत्स्य पालक हो।
- आवेदक को यह प्रमाणित करना होगा कि वह सक्रिय मत्स्य पालक है और उसकी आजीविका मत्स्य पालन पर टिकी है।
- आवेदक के पास अपनी निजी जमीन होनी चाहिए, जिस पर प्रस्तावित आवास का निर्माण किया जा सके।
- यह योजना विशेष रूप से उन मत्स्य पालकों के लिए है जिन्हें आवास की तत्काल आवश्यकता है और जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।
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