'अस्पताल में ड्यूटी और करेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस; ये नहीं चलेगा', सिविल सर्जन पर भी भड़के स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने धनबाद के सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। ड्यूटी से गायब डॉक्टरों और कर्मचारियों पर उन्होंने नाराजगी जताई और सिविल सर्जन को फटकार लगाई। उन्होंने अस्पताल में ड्यूटी के दौरान प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्री ने मरीजों की समस्याओं पर भी ध्यान दिया और वित्तीय बाधाओं को दूर करने का आश्वासन दिया।
जागरण संवाददाता, धनबाद। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी रविवार की शाम सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण पर पहुंचे। अस्पताल में व्यवस्था देखकर वह काफी नाराज हो गए। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन को जमकर फटकार लगाई।
निरीक्षण में स्वास्थ्य मंत्री ने पाया कि कई डॉक्टर और कर्मचारी ड्यूटी से गायब हैं, इस पर मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने सिविल सर्जन से पूछा डॉक्टर काम करने के लिए है, कि छुट्टी लेने के लिए। उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टरों को हटाइए। अस्पताल में ड्यूटी छोड़कर सभी प्राइवेट प्रैक्टिस करने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल के डॉक्टर कहां है, सबको बुलाए। सिविल सर्जन कोई जवाब नहीं दे पाए। मंत्री ने कहा कि जितने भी डॉक्टर है उसका लिस्ट मुझे दीजिए, जो काम नहीं कर रहा मैं सबको हटाता हूं। मौके पर नोडल पदाधिकारी डॉ. राजकुमार सिंह भी मौजूद थे।
नर्स से पूछा बेड गंदा कैसे, नर्स ने कहा मैनेजर नहीं सुनते
स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के दौरान मरीजों के वार्ड में गए। यहां भर्ती मरीज से उन्होंने बातचीत की। इस दौरान मरीज का बेड काफी गंदा पाया गया। उसने यहां काम कर नर्स से पूछा कि बेड इतना गंदा कैसे हो गया है, बेड बदला नहीं जाता है क्या?
नर्स ने कहा कि बेड गंदा होने की जानकारी मैनेजर को दी थी, लेकिन बेड बदली नहीं गई। इस पर मंत्री ने सिविल सर्जन और अस्पताल के नोडल पदाधिकारी पर नाराजगी जताई।
टीकाकरण का रजिस्टर देख, साफ सफाई से असंतुष्ट
मंत्री ने इस दौरान टीकाकरण केंद्र पहुंचकर खुद से रजिस्टर देखा। उन्होंने टीकाकरण में उपलब्ध मरीजों के नाम, टीका समेत अन्य चीजें देखी। इसके बाद इमरजेंसी विभाग पहुंचे। यहां पर डॉक्टर पीपी पांडे सेवा दे रहे थे। उन्होंने कहा कि और डाक्टर साहब कहां गए हैं, इसके बाद कोई स्पष्ट बताने वाला नहीं था।
डॉक्टर को मंत्री ने किया फोन
इस दौरान पता चला कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉक्टर सुमन की ड्यूटी है। वह ऑन काल पर थी। मंत्री ने इस पर नाराजगी जताई और डॉ. सुमन को फोन किया।
उन्होंने डॉ. सुमन से पूछा कि आप कहां हैं, डॉ. सुमन ने बताया कि वह बाहर हैं, जैसे पता चला मंत्री फोन कर रहे हैं, डॉक्टर सकते में आ गई। मंत्री काफी नाराज हुए, उन्होंने कहा कि ऑन कॉल की ड्यूटी क्या होती है।
अस्पताल में उठा वित्तीय पावर का मामला
बताया गया कि सदर अस्पताल में कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन नोडल पदाधिकारी को वित्तीय अधिकार नहीं मिला हुआ है, इस वजह से काम बाधित हो रहा है।
मंत्री ने कहा कि सिविल सर्जन को वित्तीय अधिकार हैं, तो सिविल सर्जन क्यों नहीं काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी परेशानी हो रही है, मैं इसे जल्द दूर कर दूंगा।
मंत्री ने कहा कि वित्तीय मामले के बीच मरीज को परेशानी नहीं आनी चाहिए, यह सोच लीजिए। उन्होंने बताया कि अब फाइल नहीं घूमने दूंगा, जो पदाधिकारी और कर्मी फाइल घुमाएगा, अब उसे मैं घुमा दूंगा।
सीएस ने हाथ जोड़कर कहा, बिल्डिंग बनवा दीजिए
सिविल सर्जन ने इस दौरान हाथ जोड़कर मंत्री से कहा कि सदर अस्पताल की कुछ बिल्डिंग बची हुई है, उसे बनवा दीजिए। इस पर मंत्री काफी नाराज हो गए।
उन्होंने कहा कि आप इससे पहले मेरे से रांची में मिले हैं, उस समय बिल्डिंग की बात क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि अभी मैं अस्पताल की व्यवस्था देखने आया हूं और इसे सुधारिए, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।