Jharkhand News: 'आदिवासी, SC-ST वर्ग को दक्ष बनाएं' IIT-ISM के कार्यक्रम में बोले झारखंड के राज्यपाल
राज्यपाल शनिवार को आइआइटी-आइएसएम के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा झारखंड खनिज संपदा में तो धनी है। हालांकि यहां के लोग गरीब हैं। आइआइटी-आइएसएम जैसे संस्थान अपने यहां विशेषज्ञों की टीम बनाए और राज्य के आदिवासी एसएसी-एसटी जैसे वंचित वर्ग को दक्ष बनाने का काम शुरू करे ताकि ये बच्चे भी इंजीनियरिंग की तैयारी कर अपना और प्रदेश के विकास में भूमिका निभा सकें।

जागरण संवाददाता, धनबाद। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शनिवार को गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में आयोजित आइआइटी आइएसएम के 98वें स्थापना समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड खनिज संपदा में धनी हैं, लेकिन यहां के लोग गरीब हैं।
आइआइटी-आइएसएम जैसे संस्थान अपने यहां विशेषज्ञों की टीम बनाकर झारखंड के आदिवासी, एसएसी-एसटी आदि वंचित वर्ग को दक्ष बनाने का काम करें ताकि ये बच्चे भी इंजीनियरिंग की तैयारी कर अपना और प्रदेश के विकास में भूमिका निभा सकें।
स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा बेहतर मिलने पर ही इनकी स्थिति सुधर सकती है। आइआइटी-आइएसएम जैसे तकनीकी संस्थान कम से कम पांच प्रतिशत टेक्नोक्रेट को उद्यमी बनने को प्रेरित करें। यही आगे चलकर देश के विकास में आर्थिक रूप से भागीदारी निभाएंगे।
'स्मार्ट थिंकिंग, नए आइडिया, इनोवेशन पर ध्यान दें'
राज्यपाल ने संबोधन के दौरान कहा कि आप सभी ने समाज से काफी कुछ लिया है, अब वापस करने का समय है। यही वास्तविक सफलता होगी। स्मार्ट थिंकिंग, नए आइडिया और इनोवेशन पर ध्यान दें। पहले कंप्यूटर आकार काफी बड़ा हुआ करता था, आज आपके पॉकेट में है। यह तकनीक से संभव हो पाया है।
जरूरतें आपको सिखाती हैं। इसलिए, हमेशा सीखते रहें। अच्छी थ्योरी लागू करें, इससे बेहतर परिणाम निकलता है। शिक्षा नेक्स्ट जनरेशन लीडर बनाता है। तकनीक तेजी से बदल रही है और जरूरतें तकनीक पैदा करती हैं। हम समाज और देश की भलाई के लिए क्या तैयार कर रहे हैं यह मायने रखता है। शिक्षा आत्मविश्वास बढ़ाता है।
शॉर्ट टर्म एवं लॉन्ग टर्म योजना बनाएं- राज्यपाल
सीपी राधाकृष्णन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि इसके लिए शॉर्ट टर्म एवं लॉन्ग टर्म योजना बनाएं। शिक्षा से ही समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अब पूरे विश्व को शांति चाहिए। उदाहरण के तौर पर रशिया-यूक्रेन के बाद यूरोपियन देशों ने मुद्रास्फीती के उतार-चढ़ाव के बारे में जाना। अब हमास भी इस चीज को समझ गया है और वो भी शांति चाहता है। इसलिए, पूरे विश्व में शांति स्थापित होने से ही विकास संभव है।
स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, विशिष्ट अतिथि सांसद पीएन सिंह, बीओजी चेयरमैन प्रो.प्रेम व्रत, आइएसएम के निदेशक प्रो.जेके पटनायक, सिंफर निदेशक प्रो.एके मिश्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
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सांसद पीएन सिंह ने कहा कि स्थापना दिवस समारोह में आकर उन्हें खुशी मिल रही है। इस दौरान मुख्य अतिथि ने संस्थान के 73 फैकेल्टी, छात्रों, कर्मचारियों एवं रिसर्च स्कालर्स को सम्मानित करेंगे।
25 साल सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व फैकल्टी सम्मानित
समारोह में 25 साल सेवा पूरी कर चुके 11 कर्मचारी व फैकल्टी, 16 रिसर्च स्कॉलर को इंदर मोहन थापर रिसर्च अवार्ड, विश्व के दो प्रतिशत श्रेष्ठ विज्ञानियों की सूची में शामिल 30 प्रोफेसर, तीन प्रोफेसर को स्पेशल कैटेगरी अवार्ड, चार महिला प्रोफेसर को वूमेन अचीवर्स अवार्ड, चार छात्रों को स्टूडेंट अचीवर्स अवार्ड और सात को प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप अवार्ड दिया गया।
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