Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    भरी सभा में झारखंड CM की किरकिरी! छात्राओं से योजनाओं के लाभ के बारे में पूछा; उधर से ना में आई आवाज, अधिकारी पर गिरी गाज

    By Vidhu VinodEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Sat, 09 Dec 2023 08:57 PM (IST)

    शुक्रवार को सीएम सोरेन गोड्डा के मुंदरकोठी मैदान में लाभुकों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान छात्राओं से सीएम ने योजनाओं के बारे में सवाल पूछा। सीएम ने पूछा कि सावित्री बाई फुले योजना की राशि मिली तो छात्राओं ने राशि नहीं मिलने की बात कही। इस पर सीएम ने तुरंत संज्ञान लेते हुए डीडब्ल्यूओ अनीशा कुजूर को निलंबित करने का आदेश दे दिया।

    Hero Image
    भरी सभा में झारखंड CM की किरकिरी! छात्राओं से योजनाओं के लाभ के बारे में पूछा

    जागरण संवाददाता, गोड्डा। गोड्डा की समाज कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) अनीशा कुजूर को सरकार ने निलंबित कर दिया गया है। इस आशय का पत्र शुक्रवार की देर शाम राज्य मुख्यालय से जारी कर दिया गया।

    महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अपर सचिव अभय नंदन अम्बष्ठ के हस्ताक्षर से डीडब्ल्यूओ को निलंबन संबंधी आदेश जारी किया गया।

    दरअसल, शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन गोड्डा के पथरगामा प्रखंड अंतर्गत मुंदरकोठी मैदान में आयोजित 'सरकार आपके द्वार' शिविर में लाभुकों से संवाद कर रहे थे। इसी दौरान छात्राओं से जब सीएम ने पूछा कि उन्हें सावित्री बाई फुले योजना की राशि मिली तो कई छात्राओं ने राशि नहीं मिलने की बात बताई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसी पर सीएम ने संज्ञान लेते हुए कार्यक्रम में मौजूद सचिव विनय कुमार चौबे को जिम्मेदार अधिकारी अर्थात डीडब्ल्यूओ अनीशा कुजूर को तत्काल निलंबित करने का आदेश दे दिया।

    किशोरियों के खाते में पैसे नहीं भेजने पर डीडब्ल्यूओ निलंबित

    इसके बाद सरकार के अपर सचिव की ओर से निलंबन से संबंधित आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अन्तर्गत राज्य के योग्य किशोरियों के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विवाह उन्मूलन, स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

    ऐसी स्थिति में योजना के लाभुक बालिकाओं को सही समय योजना का लाभ नहीं पहुंचा कर समाज कल्याण पदाधिकारी ने अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही एवं पूर्व से दिये गये सरकारी निदेशों के अवहेलना एवं उदासीनता को दर्शाया है। लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए डीडब्ल्यूओ कुजूर को झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम 9 (1) (क) के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

    ये भी पढ़ें: झारखंड में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल, एक शिक्षक के भरोसे विद्यालय; कैसे संवरेगा बच्चों का भविष्य?

    निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय, दुमका रहेगा, जहां वे प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगी तथा दर्ज उपस्थिति के आधार पर झारखंड सरकारी सेवक नियमावली के तहत उन्हें देय जीवन निर्वाह भत्ता की अनुमान्यता होगी।

    ये भी पढ़ें: Jharkhand News: किशोरी समृद्धि योजना को लेकर आया बड़ा अपडेट, बस करनी होगा ये शर्त पूरी; तुरंत मिल जाएंगे हजारों रुपये