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    धनबाद जेल में अमन सिंह हत्याकांड: आशीष रंजन की खूनी साजिश और जेल-अपराधियों का गठजोड़

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:22 AM (IST)

    प्रयागराज में आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या का मामला फिर चर्चा में है। आशीष रंजन ने कथित तौर पर जेल के अंदर से इस हत्या की साजिश रची थी। पुलिस जांच में पता चला कि आशीष रंजन ने उत्तर प्रदेश के शूटर सुंदर महतो को झूठी पहचान के तहत जेल भेजा था।

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    कुख्यात अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह की फाइल फोटो। (जागरण)

    डिजिटल डेस्क, धनबाद। प्रयागराज में कुख्यात अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद, धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या में उनकी कथित भूमिका फिर से सुर्खियों में है। इस हत्याकांड ने जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।

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    अमन सिंह हत्याकांड में कथित भूमिका

    3 दिसंबर, 2023 को धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद एक ऑडियो संदेश वायरल हुआ, जिसमें आशीष रंजन ने हत्या की जिम्मेदारी ली और पुलिस को चुनौती दी।

    पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार तीन आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने आशीष रंजन के इशारे पर हत्या को अंजाम दिया, जिससे उनकी मास्टरमाइंड के रूप में भूमिका की पुष्टि हुई।

    गुर्गे से मास्टरमाइंड तक

    आशीष रंजन कभी अमन सिंह का सहयोगी था, लेकिन बाद में उनके बीच मतभेद हो गए, जिसने आपराधिक गिरोह में शक्ति परिवर्तन को दर्शाया। जेल सूत्रों के अनुसार, अमन सिंह के गिरोह में बढ़ते विवाद और आशीष को उनसे खतरे की आशंका ने उन्हें इस साजिश के लिए प्रेरित किया।

    जेल के वार्ड नंबर 3 में रची गई साजिश

    पुलिस के अनुसार आशीष रंजन ने धनबाद जेल के कैदी वार्ड नंबर 3 में हत्या की साजिश रची। शुरुआती योजना अमन सिंह की अदालत पेशी के दौरान हत्या की थी, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के कारण यह योजना विफल रही।

    झूठी पहचान से सुंदर को जेल भेजा

    आशीष रंजन ने उत्तर प्रदेश के शूटर सुंदर महतो को झूठी पहचान के तहत जेल में भेजने में कथित तौर पर भूमिका निभाई। जेल में प्रवेश के बाद, सुंदर को वार्ड 3 में अमर रवानी और सतीश गांधी के साथ रखा गया, जो आशीष के सहयोगी थे।

    हत्या से पहले, अमन सिंह का सतीश गांधी के साथ अस्पताल वार्ड में टकराव हुआ, जो हिंसक झड़प में बदल गया। इसके बाद, सुंदर ने अपनी पिस्तौल से अमन सिंह पर गोलियां चलाईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अमन सिंह को 11 गोलियां लगी थीं, जिनमें 5 सिर में और 4 पेट में थीं।

    जांच और जेल सुरक्षा पर सवाल

    हत्याकांड के बाद, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने धनबाद मंडल कारागार में सीआईडी जांच के आदेश दिए। यह घटना जेल की सुरक्षा खामियों को उजागर करती है, जहां एक अपराधी जेल के भीतर से इतनी जटिल साजिश रच सका।

    आशीष रंजन के मुठभेड़ में मारे जाने के बावजूद, जेल सुरक्षा और खुफिया तंत्र में सुधार एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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