धनबाद में था आशीष रंजन का आपराधिक साम्राज्य; रंगदारी, हत्या और आतंक का है लंबा इतिहास
प्रयागराज में आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह की मौत के बाद धनबाद में उसके आपराधिक नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित हो गया है। रंगदारी जमीन हड़पने और हिंसा के आरोपों से घिरे आशीष का नाम कई हत्याओं से जुड़ा था। वह कोयलांचल में व्यापारियों से रंगदारी मांगता था जिससे भय का माहौल था। पुलिस को उम्मीद है कि इससे संगठित अपराध पर लगाम लगेगी।

डिजिटल डेस्क, धनबाद। प्रयागराज में कुख्यात अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के अंत से धनबाद में उसके आपराधिक नेटवर्क और गतिविधियों पर फिर से ध्यान केंद्रित हुआ है। धनबाद पुलिस की ओर से आशीष रंजन पर चार लाख रुपए का ईनाम घोषित था।
जोड़ा फाटक रोड, धनबाद का निवासी आशीष रंजन, कोयलांचल क्षेत्र में रंगदारी, जमीन हड़पने, और हिंसक अपराधों के लिए कथित तौर पर जाना जाता है।
आपराधिक शुरुआत और बढ़ता प्रभाव
आशीष रंजन का आपराधिक सफर सरायढेला में भूमि डीलर समीर मंडल की हत्या के मामले से शुरू हुआ, जिसके बाद उसे पहली बार जेल हुई।
इस घटना ने उसे धनबाद के आपराधिक जगत में पहचान दिलाई। धनबाद जिले के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें कथित तौर पर रंगदारी, बमबारी, और हत्या जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
आशीष रंजन का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों से जुड़ा रहा है :
- वह नीरज सिंह हत्याकांड में कथित तौर पर शामिल था।
- 12 मई, 2021 को वासेपुर में भूमि डीलर सरफुल हसन उर्फ लाला की हत्या के मामले में वह एक प्रमुख आरोपी था और घटना के बाद से फरार था।
- झरिया के टायर व्यवसायी रणजीत सिंह की हत्या का आरोप भी उस पर है।
रंगदारी और व्यापारियों में भय
आशीष रंजन कोयलांचल में रंगदारी के नेटवर्क का हिस्सा था। वे कोयला व्यापारियों और बिल्डरों को धमकी भरे संदेश भेजकर रंगदारी की मांग करता था, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल था।
उसके गुर्गों के माध्यम से रेकी और फायरिंग की घटनाओं ने कई व्यवसायियों को डर के साये में जीने को मजबूर किया।
जेल से बाहर तक फैला नेटवर्क
पुलिस सूत्रों के अनुसार आशीष रंजन का नेटवर्क धनबाद तक सीमित नहीं था। धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह धनबाद जेल से अमन गैंग को संचालित करता था, जबकि आशीष बाहर से गिरोह की गतिविधियों को नियंत्रित करता था। उनका प्रभाव उत्तर प्रदेश और बिहार तक फैला था, जहां उन्होंने कई कथित अपराधों को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां
धनबाद पुलिस लंबे समय से आशीष रंजन की तलाश में थी। नीरज तिवारी और लाला खान हत्याकांड में फरार आशीष के जोड़ा फाटक रोड स्थित घर की कुर्की-जब्ती भी की गई थी। हालांकि, वे लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बचते रहे।
आशीष रंजन के मुठभेड़ में मृत होने से धनबाद के आपराधिक परिदृश्य में हलचल मची है। पुलिस को उम्मीद है कि इससे संगठित अपराध पर लगाम लगेगी, लेकिन उनके नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना एक बड़ी चुनौती है।
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