Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना के दस्‍तक देते ही आई पिछले साल खरीदे गए उपकरणों की याद, धूल फांक रहे करोड़ों के सामान फिर से करेंगे मदद

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Tue, 27 Dec 2022 11:42 AM (IST)

    पिछले साल आई कोरोना की दूसरी लहर के समय में धनबाद को पीएम केयर्स फंड के तहत लगभग 10 करोड़ रुपये के उपकरण और सामान मिले थे जो अब सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य ...और पढ़ें

    Hero Image
    कोरोना के दस्‍तक देते ही आई पिछले साल खरीदे गए उपकरणों की याद

    जागरण संवाददाता, धनबाद। कोरोना वायरस की दूसरी लहर वर्ष 2021 में धनबाद को पीएम केयर्स फंड के तहत लगभग 10 करोड़ रुपये के उपकरण और सामान मिले थे, जो अभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रखे हुए हैं। इनमें से कई मशीनों का अब तक बाक्स भी नहीं खुला है। सदर अस्पताल के स्टोर रूम में करोड़ों रुपये का सामान भी पैक हुआ पड़ा है। अब कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग इनकी खोजबीन में जुटी है। अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह है जुलाई और अगस्त 2021 में सदर अस्पताल से प्रखंडों को भेजी गई मशीन को अब जाकर खोला जा रहा है। ऐसे में अब मशीन कितने काम की बची है, टेस्ट करने के बाद पता चलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धनबाद को मिला 10 करोड़ का सामान

    पीएम केयर्स फंड के तहत धनबाद को लगभग 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपकरण और सामान वर्ष 2021 में मिले हैं। इनमें चार आक्सीजन प्लांट शामिल हैं। दो आक्सीजन प्लांट मेडिकल कालेज और दो सदर अस्पताल में स्थापित किए गए हैं। इन चारों की कीमत लगभग छह करोड़ रुपये से ज्यादा है। लगभग चार करोड़ रुपये के आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन सपोर्टेड बेड, स्क्रीनिंग मशीन हैं। दो करोड़ रुपये के लगभग आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन हैं। एक करोड़ रुपये के आक्सीजन सपोर्ट बेड, एक करोड़ रुपये के लगभग वेंटीलेटर है।

    बीडीओ ने रुचि नहीं दिखाई, प्रभारी चिकित्सक भी उदासीन

    कोरोना संक्रमण बढ़ने पर वर्ष 2021 में जिला प्रशासन की ओर से सभी प्रखंडों में कमेटी गठित की गई थी। सभी प्रखंडों में वहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी की निगरानी में 20-20 आक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार करने को कहा गया था। अधिकारियों के रुचि नहीं दिखाने के कारण एक वर्ष बाद भी प्रखंडों में आक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार नहीं हो पाए हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाके में कोरोना बढ़ने पर मरीजों को जिला अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ेगा।

    फिर निजी डाक्टरों पर होना पड़ेगा निर्भर

    कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों का सहारा लिया गया था। सरकार की ओर से डाक्टरों और कर्मचारियों की बहाली करने का वादा किया गया था। एक वर्ष बीतने के बाद भी डाक्टर और कर्मचारियों की बहाली नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग के पास 125 स्वीकृत पदों की तुलना में 63 डाक्टर कार्यरत हैं। लगभग 700 नर्स, पैरा मेडिकल कर्मचारियों की जगह 256 नर्स और पारा मेडिकल कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें अधिकांश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध पर हैं।

    Live Covid-19 News India: कोरोना से निपटने के लिए देशभर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल जारी, देखें तस्वीरें

    Covid-19 News: कोरोना पर सीएम सोरेन ने अधिकारियों संग की बैठक, तैयारियों को अलर्ट मोड पर रखने का दिया निर्देश