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    Dhanbad: उलझ गई अमित हत्याकांड की गुत्थी, गोली मारी या चाकू घोंपा... कोयले के काले धंधे में भरोसे का हुआ कत्ल

    By Balwant KumarEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 17 Aug 2023 06:42 PM (IST)

    धनबाद में रविवार को हुई अमित की हत्याकांड की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। पुलिस अब तक ये तय नही कर पाई है कि अमित की हत्या कैसे हुई। वहीं मृतक के पर ...और पढ़ें

    उलझ गई अमित हत्याकांड की गुत्थी, कोयले के काले धंधे में भरोसे का हुआ कत्ल

    जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में रविवार को हुई अमित की हत्या की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। पुलिस अब तक ये तय नही कर पाई है कि अमित की हत्या कैसे हुई। मृतक के परिवार भी गोली से हत्या की बात नाकार रहे हैं।

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    बताया जा रहा है कि जगदीश पासवान और अमित सिंह के बीच कोयला कारोबार में वर्चस्व को लेकर तनाव था। एक माह पहले जगदीश पासवान और अमित कुमार सिंह के बीच विवाद हो गया था। दोनों पक्षों के बीच जमकर फायरिंग हुई थी। बाद में फिर समझौता भी हो गया। 

    क्या है पूरा मामला

    दरअसल, जोड़ापोखर के भूलन बरारी में बीसीसीएल की बंद कोयला खदान है। यहां से जगदीश पासवान एवं उसके गुर्गे कोयला निकालते थे। यहीं से अमित और उसके साथी भी कोयला निकालने लगे। इसके लिए गणेश यादव के गुर्गों ने उसको हरी झंडी दी थी। कोयले के धंधे के लिए अमित को बड़े घराने का आशीर्वाद था।

    जगदीश पासवान को यह बात नागवार गुजरी। इसके बाद एक माह पहले हत्याकांड के मुख्य आरोपित जगदीश पासवान और अमित कुमार सिंह में विवाद हो गया था। दोनों पक्षों के बीच जमकर फायरिंग हुई। बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया गया।

    समझौते के बाद जगदीश और अमित दोनों साथ उठने-बैठने लगे थे। अमित ने समझौते पर विश्वास भी कर लिया था। इसके बाद रविवार को अमित की हत्या कर दी गई।

    मृतक के शरीर पर चोट के  निशान

    मृतक के भाई मनीष ने बताया, 'अमित के पीठ पर गहरे जख्म हैं। उसने गोली लगने से इनकार किया। दाईं आंख काली हो गई थी। छाती पर चाकू के वार थे।'

    मामले में मृतक के पिता अशोक सिंह ने कहा, 'घटना के बाद अमित के साथी तबरेज ने जिनके नाम बताए उन्हीं पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वे नहीं जानते कि हत्या किसने की है।'

    मामले में पिता-भाई ने क्या कहा

    जानकारी के अनुसार, अमित क्या करता था, पिता और भाई को इसकी जानकारी नहीं थी। दोनों ने कहा कि वह अधिकांश समय बहन के घर में डिगवाडीह में रहता था। उन्हें नहीं पता था कि वह कोयले के धंधे से जुड़ा है। हमलोगों को घटना के बाद काफी कुछ पता चला है।

    इस मामले को जोड़ापोखर थाना पुलिस आपसी रंजिश, लेन-देन बता रही। जोड़ापोखर थाना प्रभारी बिनोद उरांव ने कहा, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। घटना के बाद जिन सात लोगों को आरोपित बनाया है उन्हें पकड़ने को लेकर छापेमारी जारी है।'