Dhanbad News: धनबाद में बालू माफिया ने माइनिंग टीम पर किया हमला, दो इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल
Dhanbad News झारखंड के धनबाद में बालू माफिया ने खनन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया है। जिसमें दो खनन निरीक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस ने तीनों को सुरक्षा घेरे में लेकर कार्यालय तक पहुंचाया और मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। वहीं एक पुलिसकर्मी ने जैसे-तैसे भागकर अपनी जान बचाई है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। Dhanbad News: झारखंड के धनबाद में बालू माफिया ने एक बार अंचलाधिकारी के बाद खनन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। घटना गुरुवार सुबह की है। जब खनन विभाग की टीम अवैध बालू परिवहन की सूचना पर धनबाद व सरायढेला थाना क्षेत्र में छापामारी की।
धनबाद थाना में 4 वाहन जब्त करने के बाद टीम ने जैसे ही सरायढेला थाना क्षेत्र के बलियापुर रोड स्थित बालाजी पेट्रोल पंप के पास अवैध बालू लदा दो वाहन जब्त किया वैसे ही बालू माफिया ने खनन विभाग की टीम पर हमला कर दिया।
दो खनन निरीक्षक बुरी तरह से घायल हो गए
जिससे दो खनन निरीक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। एक ने भाग कर जान बचाई। बालू माफिया राजेंद्र सिंह का नाम इस घटना को अंजाम देने में खनन निरीक्षक ने बताया है।
इनके साथ सात आठ लोग शामिल थे। खनन निरीक्षक सुमित प्रसाद, बसंत उरांव से मोबाइल भी छीन कर क्षतिग्रस्त कर दिया। वाहन में रखे लेपटाप को उठा कर फैंक दिया। साथ ही वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
घटना के बाद पुलिस ने तीनों को सुरक्षा घेरे में लेकर कार्यालय तक पहुंची। समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी। इस घटना के बाद खनन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बालू चोरी से सरकार के राजस्व को नुकसान
बिना रोक टोक रात-दिन बालू की चोरी जारी रहने से झारखंड सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। लगातार पुलिस टीम की छापामारी के बाद भी बालू माफियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र के दामोदर नदी के इन घाटों से रोजाना 100 से अधिक ट्रैक्टर की बालू चोरी की जा रही है। बालू चोरी रात में तो होती ही है। दिन के उजाले में भी यह काला कारोबार निडरता से जारी है। ये सारी चीजें प्रशासन के नाक के नीचे से हो रही है। पुलिस इन चीजों से अंजान है।
बालू खनन से कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं
- पर्यावरणीय नुकसान: बालू खनन से नदियों और जल स्रोतों का सूखना, जल प्रदूषण, और वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं के आवासों का नुकसान हो सकता है।
- भूमि क्षरण: बालू खनन से भूमि क्षरण हो सकता है, जिससे भूमि की उर्वरता कम हो सकती है और कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
- जल स्तर में कमी: बालू खनन से जल स्तर में कमी आ सकती है, जिससे जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- मिट्टी का कटाव: बालू खनन से मिट्टी का कटाव हो सकता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता कम हो सकती है और कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
- सामाजिक नुकसान: बालू खनन से स्थानीय समुदायों को नुकसान पहुंच सकता है, जैसे कि उनके घरों और खेतों का नुकसान।
- आर्थिक नुकसान: बालू खनन से आर्थिक नुकसान भी हो सकता है, जैसे कि कृषि उत्पादन में कमी और जल संकट के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।