Dhanbad Fire: दैनिक जागरण की खबर का असर, अब स्वास्थ्य संस्थानों में अग्निशमन व्यवस्था की होगी जांच
झारखंड के धनबाद के प्रसिद्ध डा. सीसी हाजरा अस्पताल में शनिवार की देर रात आग डॉक्टर दंपत्ति समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य संस्थानों में अग्निशमन व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं जिनकी अब जांच की जानी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। हाजरा मेमोरियल अस्पताल में अगलगी की घटना के बाद अब धनबाद के सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, पॉलीक्लिनिक समेत अन्य निजी स्वास्थ्य संस्थानों में अग्निशमन व्यवस्था की जांच होगी। उपायुक्त संदीप सिंह ने इस संबंध में कमेटी गठित करके भौतिक सत्यापन करने का निर्देश जारी किया है। अग्निशमन व्यवस्था की जांच जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी करेंगे। उपायुक्त के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के स्तर से कमेटी का गठन शुरु कर दिया गया है।
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का असर
दैनिक जागरण ने 29 जनवरी को पृष्ठ 4 पर खबर प्रकाशित की है। इसमें बताया गया है कि धनबाद में 80 से ज्यादा निजी अस्पताल और नर्सिंग होम का अग्निशमन यंत्र के लिए रिनुअल फेल हो गया है। इसके बावजूद अस्पताल चल रहे हैं। इसे संज्ञान में लेते हुए उपायुक्त संदीप सिंह ने यह निर्देश जारी किया है।
बिना अग्निशमन की व्यवस्था के नहीं चलाए जा सकेंगे अस्पताल
इधर, सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि क्लीनिक इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत निजी अस्पताल, नर्सिंग होम समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को अग्निशमन और प्रदूषण का लाइसेंस लेना अनिवार्य है। हर वर्ष तय समय पर इसका रिनुअल कराना अति आवश्यक है, लेकिन धनबाद के कई निजी अस्पताल नर्सिंग होम लाइसेंस का रिनुअल नहीं करवा रहे हैं। जल्द इन सभी स्वास्थ्य संस्थानों की आवश्यक बैठक बुलाई जा रही है। बैठक में चेतावनी के बाद इन सभी अस्पतालों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि बिना नियम और कानून के किसी भी अस्पताल को चलने नहीं दिया जाएगा।
सरकारी अस्पताल और केंद्रों का भी कराएं ऑडिट: IMA
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला सचिव डॉ सुशील कुमार ने उपायुक्त के निर्देश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यदि हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल में अग्निशमन की बेहतर व्यवस्था होती, तो शायद ऐसी घटना नहीं होती। जिला प्रशासन को चाहिए कि निजी अस्पतालों के साथ ही सरकारी अस्पतालों में भी अग्निशमन की व्यवस्था का ऑडिट कराएं। सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज आते हैं। ऐसे में निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी अस्पतालों में भी अग्निशमन व्यवस्था की जांच करानी चाहिए। इस कमेटी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों को भी शामिल करना चाहिए।
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