देवघर एम्स में ड्रोन के जरिए मिलेगी हेल्थ सर्विस, अब तक देश के दो अस्पतालों में ही है ये सुविधा
देवघर एम्स ऋषिकेश और जोधपुर के बाद देश का तीसरा एम्स होगा जो ड्रोन के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। बिहार-झारखंड में यह अपनी तरह की पहली सेवा होगी। इस सेवा के तहत दूरदराज के मरीजों के रक्त के नमूने ड्रोन से एम्स में जांच के लिए लाए जाएंगे और रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सीय परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

आरसी सिन्हा, देवघर। देश में ऋषिकेश व जोधपुर एम्स के बाद देवघर तीसरा एम्स होगा, जो ड्रोन से सुदूर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देगा। बिहार-झारखंड में इस तरह की यह पहली सेवा होगी। ड्रोन से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
सुदूर इलाके के मरीजों का ब्लड टेस्ट एम्स में होगा। उसकी रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सीय परामर्श मिलेगा। परामर्श के मुताबिक उनको दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। पालोजोरी स्वास्थ्य केंद्र का चयन पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया गया है।
इसके बाद सेवा का विस्तार होगा। एयरपोर्ट आथोरिटी से क्लियरेंस लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ड्रोन चलाने वाली ड्रोन दीदी को प्रशिक्षण मिल चुका है।
ड्रोन सेवा के लिए एम्स में बनी टीम और सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के पारा मेडिकलकर्मी के साथ समन्वय कर प्रशिक्षण हो चुका है।एम्स ने इसका ट्रायल रन कर लिया है।
कार्यकारी निदेशक, एम्स, देवघर, डॉ. सौरभ वार्ष्णेय के अनुसार 15 सितंबर के बाद और 15 अक्टूबर के बीच कभी भी ड्रोन से यह सेवा शुरू कर दी जाएगी।
बताते चलें कि संताल परगना के दुर्गम स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की व्यापक पहल देवघर एम्स ने की है। इसमें ड्रोन की मदद डाकिया के तौर पर ली जाएगी। एम्स से यह ड्रोन आपरेट होगा। एम्स प्रबंधन राज्य सरकार के स्वास्थ्य उपकेंद्रों को अपने नेटवर्क से इसका लाभ देगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देवघर के 50 किमी में इसकी शुरुआत की जा रही है। दरअसल, ड्रोन में एक बाक्स होगा, जिसमें मेडिकल उपकरण और दवाएं होंगी। जहां रक्त जांच की सुविधा नहीं है, वहां पीएचसी में बैठे कर्मी रक्त लेकर ड्रोन से भेज देंगे।
ब्लड की जांच एम्स में होगी। पूरा सिस्टम इसके लिए विकसित कर लिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर मरीज को परामर्श के साथ-साथ दवा भी मुहैया कराई जाएगी।
दूसरे चरण में गोड्डा व साहिबगंज पहुंचेगा ड्रोन
संताल परगना के सुदूर और दुर्गम स्थान पर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का एम्स का पहला सपना इस प्रोजेक्ट से पूरा करने का प्रयास होगा। आज भी साहिबगंज, पाकुड़ और सुंदरपहाड़ी के कुछ गांव में स्वास्थ्य सुविधा सुलभता से नहीं पहुंच पा रही है।
दूसरे चरण में संताल के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका की ओर इस सेवा का रुख हो सकता है। यह पहले चरण की सफलता पर निर्भर करेगा। फिलहाल, ओपीडी में प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज इलाज करा रहे हैं।
एलोपैथ के साथ-साथ यहां आयुर्वेद और होमियोपैथिक का ओपीडी चालू हो गया है। योगा के प्रशिक्षक हैं। एम्स का परिसर तंबाकू फ्री है। इमरजेंसी सेवा बहाल हो गई है। प्रधानमंत्री जन औषधी केंद्र है। 24 अगस्त 2021 से ओपीडी और 12 जुलाई 2022 से आइपीडी चल रहा है।
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