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    साइलो में 120 फीट की ऊंचाई पर फंसे कर्मी का 10 घंटे बाद रेस्क्यू, सारे तंत्र फेल हुए तो साथी ने दिखाई हिम्मत

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 11:33 PM (IST)

    धनबाद के मधुबन वाशरी में एक साइलो गिरने से ऑपरेटर धर्मेंद्र नापित फंस गए। दस घंटे बाद उनके साथी हरेंद्र महतो ने बहादुरी से उन्हें बचाया। बीसीसीएल के पास उचित संसाधन नहीं थे इसलिए बोकारो स्टील प्लांट से मदद मांगी गई। हरेंद्र ने रस्सी की मदद से धर्मेंद्र को सुरक्षित नीचे उतारा जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

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    साइलो में फंसे कर्मी को निकाला गया। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, बाघमारा (धनबाद)। मधुबन वाशरी का 120 फीट ऊंचा साइलो (कोयला, सीमेंट आदि के भंडारण से संबंधित बेलनाकार टावर) शुक्रवार की रात करीब एक बजे ढह गया था। इसमें ऑपरेटर धर्मेंद्र नापित फंस गया था।

    10 घंटे तक फंसे रहे धर्मेंद्र को उनके एक साथी हरेंद्र ने दिलेरी दिखाकर शनिवार को करीब 11 बजे बाहर निकाला। दस घंटे तक ऊंचाई पर फंसे धर्मेंद्र की सांसें अटकी रहीं।

    दरअसल, शुक्रवार रात ब्लाक दो क्षेत्र की न्यू मधुबन वाशरी में साइलो के गिरने पर उसमें मौजूद धर्मेंद्र टाप पर किसी प्रकार चढ़ गया। उसे उतारने के लिए बीसीसीएल के पास संसाधन नहीं थे।

    तब बोकारो स्टील प्लांट से फायर सर्विस का लिफ्टर मंगवाया गया। लिफ्टर 90 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया। सुबह करीब छह बजे फायर सर्विस के कर्मी लिफ्टर से साइलो पर चढ़े।

    चार घंटे की मशक्कत के बाद भी ऑपरेटर को उतारने में कठिनाई आने लगी। तभी महुदा-कपुरिया के बांधडीह निवासी हरेंद्र महतो आए। उन्होंने उसे खुद निकालने की ठानी। उनको लिफ्टर से ऊपर ले जाया गया।

    इसके बाद वह रस्सी के सहारे साइलो के ऊपरी हिस्से में चढ़कर साथी ऑपरेटर को सेफ्टी बेल्ट से बांध कर उतारे। इसके बाद खुद उतरे। रेस्क्यू के बाद ऑपरेटर को अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने जांच के बाद छोड़ दिया।

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    मालूम हो कि वाशरी के मेंटेनेंस में चेन्नई राधा कंपनी लगी है। दूसरी ओर रात से बीसीसीएल कोयला भवन मुख्यालय के साथ ब्लाक दो व बरोरा क्षेत्र के दर्जनों अधिकारी, सीआइएसएफ जवान व पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य में लग गई थी।

    120 फीट से अधिक ऊंचे साइलो के टाप पर चढ़े कर्मी को बचाने की हर कोई जुगत लगा रहा था। बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों से क्रेन मंगवाई गई। मगर उससे रेस्क्यू नहीं हो सका था।

    इधर, आपरेशन रेस्क्यू देखने को सुबह से ही भीड़ घटनास्थल पर लग गई। सीआइएसएफ जवानों ने ड्रोन की मदद से साइलो में फंसे ऑपरेटर को पानी व खाने का सामान पहुंचाया गया। रस्सी भेजी गई। उससे मोबाइल पर संपर्क किया गया और मनोबल बढ़ाया गया। विधायक शत्रुघ्न महतो भी पहुंचे।

    ऑपरेटर के सुरक्षित निकलने के बाद वे लौटे। जब उतनी ऊंचाई पर रेस्क्यू का कोई जुगाड़ नजर नहीं आ रहा था। तब बीसीसीएल अधिकारियों ने रांची तथा कोलकाता से हेलीकाप्टर मंगवाने का प्रयास किया, मगर दोनों जगह से हेलीकाप्टर उपलब्ध नहीं था।

    सांसद ढुलू महतो ने वाशरी के पीओ राजेश कुमार से जानकारी ली। कहा कि करोड़ों रुपये से बने साइलो का धराशायी होना गंभीर बात है। मामले को लोकसभा में उठाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

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