Move to Jagran APP

शहर को मिलेगी राहत, ग्रामीणों के लिए आफत

जागरण संवाददाता देवघर निर्माणाधीन पुनासी डैम का काम पूरा होने के बाद देवघर शहर में

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 09:00 AM (IST)
शहर को मिलेगी राहत, ग्रामीणों के लिए आफत

जागरण संवाददाता, देवघर : निर्माणाधीन पुनासी डैम का काम पूरा होने के बाद देवघर शहर में पेयजल की समस्या का लगभग समाधान हो जाएगा। इसका दूसरा पहलू यह है कि डैम अब कई गांवों के लिए आफत भी बन गया है।

loksabha election banner

आस्ता व पथरघट्टा के ग्रामीण परेशान हैं। अब यहां के ग्रामीणों को पंचायत मुख्यालय का सफर तय करने के लिए 20 किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है, जो कामकाजी ग्रामीणों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में पंचायत बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। ग्रामीण सहित पंचायत प्रतिनिधि भी इसकी मांग कर रहे हैं। क्या है मामला

पुनासी डैम का काम अजय नदी पर हो रहा है। आस्ता व पथरघट्टा गांव, ग्वालबदिया पंचायत के अंतर्गत आता है। पुनासी डैम के तहत रीवर क्लोजर बनने के पूर्व ग्रामीण अजय नदी से आसानी से तीन किमी का सफर तय कर पंचायत भवन, ग्वालबदिया पहुंच जाते थे, जहां आसानी से पंचायत सेवक व रोजगार सेवक से मुलाकात हो जाती थी। ग्रामीणों ने बताया कि पानी इतना ही रहता था कि उसमें साइकिल के अलावा दोपहिया वाहन भी आसानी से निकल जाता था। रीवर क्लोजर बन जाने के बाद पिछले वर्ष से पूरा पानी जमा रहता है। ऐसे में उन्हें अब ग्वालबदिया पंचायत भवन जाने के लिए घूमकर 20 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। अधिकांश ग्रामीणों का परिवार मजदूरी व खेती पर निर्भर है। ऐसे में ग्वालबदिया पंचायत जाने के लिए पूरा एक दिन का समय बर्बाद होता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पंचायत मुख्यालय बदलने की मांग की है। इन दोनों गांव में तकरीबन दो सौ परिवार निवास करते हैं।

--------------

ग्वालबदिया पंचायत भवन जाना अब ग्रामीणों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। 20 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए प्रशासन को सहानुभूति विचार करते हुए दोनों गांव को झिलुआ चांदडीह पंचायत में कर देना चाहिए।

मंटू राणा, वार्ड सदस्य

-----------------

अजय नदी में हर समय पानी जमा रहेगा। पुल बनाना भी संभव नहीं है। ऐसे में ग्वालबदिया पंचायत भवन की दूरी 20 किमी तय करना ग्रामीणों के परेशानी का सबब है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए पंचायत बदल देना चाहिए।

सिकंदर यादव, ग्रामीण, आस्ता गांव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.