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    Chatra Election Result : चतरा में 40 से नहीं टूटा कांग्रेस का वनवास, चुनावी अखाड़े में दिग्गज को मिली मात

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 07:17 PM (IST)

    Jharkhand Lok Sabha Eelction Result झारखंड में चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी का 40 का सूखा इस बार भी खत्म नहीं हो सका है। साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उठी सहानुभूति की लहर में कांग्रेस ने अपना परचम यहां लहराया था। परंतु इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने यहां अपने पैर जमा लिए।

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    Chatra Election Result : चतरा में 40 से नहीं टूटा कांग्रेस का वनवास, चुनावी अखाड़े में दिग्गज को मिली मात

    संजय शर्मा, इटखोरी (चतरा)। चतरा लोकसभा क्षेत्र में इस बार भी कांग्रेस के चालीस वर्ष का वनवास नहीं टूट पाया। यहां से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को पुनः हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस के उम्मीदवार ने चतरा से जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया। लेकिन सफलता नहीं मिली।

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    चतरा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को आखिरी बार 1984 में जीत मिली थी। उस चुनाव में इंदिरा गांधी की हत्या की सहानुभूति की लहर पर सवार होकर योगेश प्रसाद योगेश चतरा के सांसद बने थे। लेकिन 1984 के बाद कांग्रेस पार्टी को चतरा से फिर कभी जीत नसीब नहीं हो सकी।

    चुनाव में पूरा दमखम लगाया

    हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने चतरा से जीत हासिल करने के लिए लगभग हर चुनाव में पूरा दमखम लगाया है। लेकिन किसी भी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को चतरा से सफलता हाथ नहीं लगी है। इस बार हुए चुनाव में कांग्रेस ने झारखंड के दिग्गज कांग्रेसी नेता डालटनगंज के पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी को चतरा के चुनावी अखाड़े में उतारा था।

    पार्टी को उम्मीद थी कि केएन त्रिपाठी के चेहरे की बदौलत कांग्रेस इस बार चतरा का किला फतह कर लेगी। इसके लिए कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने भी पूरा जोर लगाया। लेकिन तीन दशक से कांग्रेस के लिए बंजर बनी चतरा की राजनीतिक जमीन पर कांग्रेस जीत की फसल बोने में कामयाब नहीं हो सकी।

    दरअसल, जानकारों का कहना है कि चतरा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का संगठन भाजपा के जैसा मजबूत नहीं है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ चुनाव के वक्त ही चतरा में अपनी खोई जमीन तलाशने में जोर लगाती है। चुनाव के बाद कांग्रेस का संगठन भगवान भरोसे रहता है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी चतरा से लगातार हार का सामना करते आ रही है।

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