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    Holi 2025: अमेरिका पहुंची झारखंड की गुझिया की मिठास, होली में लोगों को भा रहा पारंपरिक पकवान

    होली के पर्व पर लोग अपने घर में खूब पकवान बनाते हैं। झारखंड के बोकारो की सुरभि केंद्र सेक्टर चार में कार्यरत महिलाएं होली को लेकर गुझिया गुड़ का ठेकुआ कचौरी नमकीन तैयार कर रही हैं। इनके द्वारा बनाए गए घरेलू स्नैक स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की पसंद बन गए हैं। यहां की गुझिया की मिठास अमेरिका तक पहुंच गई है।

    By Ram Murti Prasad Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 13 Mar 2025 04:12 PM (IST)
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    अमेरिका पहुंच रही झारखंड की गुझिया। (फोटो जागरण)

    राममूर्ति प्रसाद, बोकारो। सुरभि केंद्र सेक्टर चार में कार्यरत महिलाएं होली को लेकर गुझिया, गुड़ का ठेकुआ, कचौरी, नमकीन तैयार कर रही हैं। स्वाद और शुद्धता की गारंटी के साथ इनके बनाए गए घरेलू स्नैक स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की पसंद बन गए हैं।

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    अमेरिका में रहने वाले एनआरआई एवं भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले बोकारो के निवासियों को भी यहां की गुझिया, गुड़ का ठेकुआ, कचौरी और नमकीन काफी पसंद है।

    लोग केंद्र से संपर्क कर इसे मंगाते हैं। यहां की गुझिया की मिठास अमेरिका तक पहुंच गई है। घरेलू स्नैक्स की बिक्री से यहां कार्यरत गरीब महिलाएं आर्थिक रुप से सबल बन रही हैं।

    दिव्यांग और अभिवंचित वर्ग की महिलाओं को बनाया जा रहा स्वावलंबी

    महिला समिति बोकारो की ओर से सेक्टर चार में सुरभि केंद्र का संचालन किया जा रहा है। होली पर पारंपरिक पकवान और स्नैक्स की मांग बढ़ गई है। बढ़ते ऑर्डर को पूरा करने के लिए समूह की महिलाएं अथक प्रयास कर रही हैं।

    समिति की यह पहल न केवल पारंपरिक पाक कला को बढ़ावा दे रही है, अपितु आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है।

    सुरभि केंद्र सेक्टर चार में गुजिया तैयार करती महिलाएं।

    यहां एक दर्जन से अधिक दिव्यांग और अभिवंचित वर्ग की महिलाएं काम कर रही हैं, जिनमें से अधिकतर विधवा, दिव्यांग और गरीब पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके लिए यह केवल रोजगार का माध्यम ही नहीं, बल्कि सम्मानजनक आजीविका और आत्मनिर्भरता का माध्यम है।

    केंद्र में बनाए जा रहे 28 तरह के उत्पाद

    महिला समिति बोकारो की अध्यक्ष अनीता तिवारी के निर्देशन में सुरभि का प्रबंधन किया जाता है। समूह की कोषाध्यक्ष अभिरुचि के अनुसार लगभग 40 वर्ष पूर्व सुरभि केंद्र की शुरुआत हुई थी।

    यहां मसाला गेहूं का आटा तैयार किया जाता था। उत्पादों की शुद्धता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इस वजह से हमेशा शानदार प्रतिक्रिया मिली है। केंद्र में महिलाएं मसाला, सत्तू, बेसन, गुझिया, गुड़ का ठेकुआ, कचौरी और नमकीन आदि तैयार करती हैं।

    अब यहां 28 से अधिक उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इस बार गुझिया की मांग सबसे अधिक है, जिससे हमारी टीम काफी उत्साहित है। अनीता तिवारी ने कहा कि यहां तैयार उत्पाद सुरभि केंद्र सेक्टर चार सी, बोकारो जनरल अस्पताल और स्वाद सदन एडीएम बिल्डिंग के काउंटर के माध्यम से बिक्री किए जाते हैं।

    समूह को होने वाली आय महिलाओं के विकास और कल्याण में निवेश किया जाता है। यहां कार्यरत महिलाओं को प्रत्येक माह चार से पांच हजार रुपए की आय होती है।

    वर्ष भर रहती है सूखे नाश्ते की मांग

    सुरभि केंद्र की प्रभारी जया ने कहा कि सूखे नाश्ते की मांग वर्ष भर रहती है, लेकिन होली में गुझिया, गुड़ का ठेकुआ, कचौरी और नमकीन की मांग बढ़ जाती है।

    उन्होंने बताया कि बढ़ते ऑर्डर को पूरा करने के लिए हमारी टीम लगातार काम कर रही है। ग्राहक हमारे उत्पादों की गुणवत्ता और पारंपरिक स्वाद को पसंद करते हैं। जिससे हमें प्रोत्साहन मिलता है।

    समूह की यह पहल न केवल पारंपरिक भारतीय पकवान और स्नैक्स को संरक्षित कर रहा है। साथ ही महिला स्वावलंबन और भारतीय संस्कृति का परिचायक है।

    सुरभि केंद्र में कार्यरत शकुंतला ने कहा कि यहां 2008 से काम कर रही हूं। होली में गुझिया की मांग में वृद्धि हुई है। अमेरिका के अलावा देश के अन्य राज्यों से ऑर्डर मिल रहा है। पकवान और स्नैक्स की बिक्री से आय होती है।

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