बोकारो के इस क्षेत्र में संकट में है हजारों ग्रामीणों की जान, CCL प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप
कथारा कोलियरी में आग लगने से हुए भू-धसान के कारण झिरकी गांव के लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है क्योंकि उन्होंने आग पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने सरकार और सीसीएल प्रबंधन से झिरकी को झरिया बनने से बचाने की गुहार लगाई है क्योंकि इस घटना से हजारों लोगों की जान खतरे में है।

संवाद सहयोगी, कथारा। सीसीएल कथारा कोलियरी परियोजना के तीन नंबर क्वायरी के समीप स्थित तालाब के पास शनिवार की देर रात माइंस में लगी अगलगी के कारण भू धसान से बड़ा गोफ बन गया।
भू धसान जोरदार विस्फोटक आवाज के कारण घटना स्थल से महज 50 - 60 मीटर की दूरी पर रहने वाले झिरकी यादव टोला के ग्रामीणों के बीच अफरा तफरी का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने इसकी तत्काल सूचना प्रबंधन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को दी।
इधर सूचना पाकर कथारा कोलियरी के प्रभारी पीओ कृष्ण मुरारी एवं कथारा ओपी के थाना प्रभारी राजेश कुमार प्रजापति घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। यहां प्रबंधन ने डोजर मशीन के माध्यम से गोफ को मिट्टी से भर दिया।
इधर ग्रामीण विस्थापितों में प्रबंधन के कार्य प्रणाली को लेकर काफी आक्रोश था। ग्रामीणों का कहना था कि अनेकों बार माइंस में लगी भीषण आग पर काबू पाने को लेकर पत्राचार किया गया, लेकिन प्रबंधन ने इस पर ठोस कदम उठाने की जगह सिर्फ अगलगी स्थलों पर मिट्टी डालकर उसे ढकने का काम किया है।
संकट में ग्रामीणों की जान
जिसके कारण माइंस के कोयला फेस में लगी भीषण आग ने जमीन के अंदर ही अंदर गांव कि तरफ अपना दायरा बढ़ा लिया है। इससे झिरकी गांव के मुस्लिम, यादव एवं रविदास टोला के लगभग दस से पंद्रह हजार की आबादी डर के साए में जीवन व्यतीत करने को विवश है।
उन्होंने कहा कि झिरकी को झरिया बनने से बचाने के लिए झारखंड सरकार एवं सीसीएल प्रबंधन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस समस्या का ठोस समाधान करना होगा, ताकि हजारों लोगों की जिंदगी सुरक्षित हो सके।
ज्ञात हो कि वर्ष 2024 में माइंस से सटे लगभग 80 से 100 मीटर के दूरी पर मुस्लिम टोला के पास विस्फोट होकर अगलगी के कारण गोफ बन गया था।
जिसपर आग की भयावह लपटों को देखकर आक्रोशित ग्रामीणों ने सीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कथारा कोलियरी का कार्य ठप कर दिया था।
वार्ता के दौरान निवर्तमान पीओ दुर्गेश कुमार सिन्हा ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि अगलगी पर काबू पाने की दिशा एवं ग्रामीणों के जीवन की सुरक्षा एवं सेहत को लेकर सीसीएल प्रबंधन काफी गंभीर है।
उन्होंने कहा था कि सीएमपीडीआई से अप्रूवल मिल चुका है और जल्द ही टेक्निकल एक्सपर्ट अगलगी स्थल आकर निरीक्षण एवं जांच पड़ताल करेंगे, फिर टेक्निकल एक्सपर्ट के रिपोर्ट के आधार एवं सुझाव पर आग पर काबू पाने को लेकर प्रबंधन द्वारा युद्ध स्तर पर काम करेगी।
जिसपर ग्रामीणों का कहना है कि घटना के 1 वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बावजूद प्रबंधन द्वारा अगलगी पर काबू पाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कई बार वार्ता के बाद भी नहीं निकला समाधान
ज्ञात हो कि पूर्व विधायक डा लंबोदर महतो द्वारा इस मामले को गंभीरता से कई बार उठाया गया। उन्होंने हमेशा पत्राचार एवं वार्ता के माध्यम से अंदेशा जाहिर किया कि जिस तरह से आग बेकाबू हो रहा है, उसकी वजह से झिरकी कहीं झरिया ना बन जाए।
उन्होंने सीसीएल मुख्यालय, राज्य सरकार सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं संस्थानों को अवगत कराते हुए इस समस्या का ठोस समाधान करने की मांग हमेशा से की है।
उनका कहना है कि एक बहुत बड़ी आबादी के जीवन को बचाने के लिए सीसीएल प्रबंधन एवं राज्य सरकार को इस मामले पर गंभीर होना पड़ेगा।
उन्होंने इधर एक-दो दिन पूर्व ही फिर अंदेशा जाहिर किया था कि उक्त अगलगी से किसी तरह की कोई अप्रिय घटना घटित ना हो जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि सीसीएल प्रबंधन के साथ दर्जनों वार्ताएं हुईं, लेकिन आज तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। झिरकी के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। अगलगी और जहरीले गैस के रिसाव से गांव के लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं।
इसके कारण कई लोगों ने अपनी जान गवां दी है। प्रबंधन के लापरवाही और वादाखिलाफी के कारण दिन प्रतिदिन झिरकी की स्थिति भयावह होती जा रही है। उन्होंने सरकार सीसीएल एवं जनप्रतिनिधि से मांग की है कि झिरकी को झरिया बनने से बचाया जाए।
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