Dengue Cases: ऊधमपुर में डेंगू का डंक हुआ जानलेवा, दो मौतों की पुष्टि; प्रभावित इलाकों की छिडकी जा रही दवाई
ऊधमपुर जिले में डेंगू जानलेवा होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि दोनों ही मौतें जम्मू में हुई हैं जिसकी जानकारी देर से विभाग को मिली। वहीं स्थानीय लोगों के दावों को मानें तो डेंगू से मौत का आंकड़ा इससे अधिक है। वीरवार रात भी आदर्श कालोनी में एक महिला की मौत डेंगू से हुई बताई जा रही है।

अमित माही, ऊधमपुर। लगातार बढ़ते मामलों के साथ ऊधमपुर जिले में डेंगू जानलेवा (Dengue Cases in Udhampur) होने लगा है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि दोनों ही मौतें जम्मू में हुई हैं, जिसकी जानकारी देर से विभाग को मिली। वहीं, स्थानीय लोगों के दावों को मानें तो डेंगू से मौत (Death Case Due to Dengue) का आंकड़ा इससे अधिक है। वीरवार रात भी आदर्श कालोनी में एक महिला की मौत डेंगू से हुई बताई जा रही है। अगस्त से जिले में डेंगू के मामले आने शुरू हो गए और सितंबर शुरू होने के साथ इसमें वृद्धि होने लगी।
सितंबर के अंत होने के साथ जिले में डेंगू जानलेवा होने लगा है। आधिकारिक रूप से जिले में डेंगू से दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, मगर स्थानीय लोग डेंगू से हुई मौतों का वास्तविक आंकड़ा अधिक बता रहे हैं। डेंगू की वजह से आदर्श कॉलोनी वार्ड तीन में ही तीन मौतें होने की बात लोग कर रहे हैं, जिसमें से एक मौत तो गत दिवस हुई है।
उपचार के दौरान महिला ने तोड़ा दम
महिला को गंभीर हालत में जीएमसी ऊधमपुर लाया गया, जहां से उसे जीएमसी रेफर कर दिया गया और वहां पर उपचार के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। लोगों के मुताबिक जिले में डेंगू से होने वाली मौतों का आंकड़ा कहीं अधिक हैं। इस बारे में जिला मलेरिया अधिकारी गोपाल दास ने बताया कि अभी तक डेंगू से दो मौतों की पुष्टि हुई है। दोनों ही मरीजों को जीएमसी ले जाया गया था, जहां पर उनकी जांच में डेंगू पाया गया। उन्होंने बताया कि आदर्श कालोनी निवासी रियाज मोहम्मद की मृत्यु 24 सितंबर को हुई थी, जिसकी जानकारी विभाग को 26 सितंबर को मिली।
वहीं, दूसरी मौत कल्लर निवासी चरणदास की हुई, जिसकी जानकारी 27 सितंबर को विभाग को दी गई। उन्होंने बताया कि वीरवार रात जिस महिला की मौत हुई है, उसकी मृत्यु जम्मू में हुई है। जम्मू से रिपोर्ट आने पर ही पुष्टि की जा सकेगी। अभी तक विभाग के पास दो ही लोगों की डेंगू से मौत की पुष्टि हुई है और दोनों ही पुरुष हैं। किसी महिला की डेंगू से मौत की पुष्टि विभाग के पास नहीं है।
14 नए मरीज, 11 का हुआ सत्यापन
जिले में डेंगू के 14 नए मरीज, 11 का हुआ सत्यापन सितंबर के शुरू से ही जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सितंबर के दूसरे पखवाड़े में सबसे अधिक मामले आने के साथ डेंगू की वजह से मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। अगस्त अंत तक जिले में डेंगू के कुल तीन ही मरीज थे। बुधवार तक जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 82 हो गई थी। वीरवार शाम को आई रिपोर्ट में डेंगू के 14 मामले पाजिटिव पाए गए।
इनमें से जिला मलेरिया विभाग ने 11 मरीजों का सत्यापन कर लिया है, जबकि तीन मरीजों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। सत्यापन के बाद तीन मरीजों का आंकड़ा कुल मामलों में शामिल होगा। इसके साथ ही जिले में डेंगू के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 93 हो गई है। पाए गए 93 मरीजों में से 32 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि दो मरीज उपचार के लिए जीएमसी जम्मू में उपचाराधीन हैं और 59 का उपचार घरों पर हो रहा है।
डुडु बसंतगढ़ ब्लाक ही बचा है डेंगू के डंक से ऊधमपुर जिले में छह मेडिकल ब्लाक हैं और सिर्फ डुडु बसंतगढ़ ऐसा मेडिकल ब्लाक है, जहां पर डेंगू का डंक नहीं पहुंच पाया है। एक पखवाड़े पहले तक पंचैरी भी डेंगू से सुरक्षित था, मगर हाल ही में पंचैरी में भी डेंगू का एक मामला पाया गया है।
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मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण है, मगर स्थिति गंभीर नहीं
ऊधमपुर में डेंगू की वजह से मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण है, मगर स्थिति गंभीर नहीं है। लापरवाही और खुद से उपचार इन मौतों की वजह है। पिछले वर्ष सितंबर अंत तक डेंगू के करीब सवा सौ मामले पाए गए थे। इस बार अभी तक कुल 93 पाए गए हैं, जिनमें से 32 स्वस्थ हो चुके हैं। बुखार और शरीर में दर्द होने पर डेंगू जांच करवाएं और डाक्टरी परामर्श के बिना कोई भी एनलजेसिक दवा न लें। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए पानी को जमा न करें। किसी कारण से पानी जमा करना भी हो तो उसे ढककर रखें। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसलिए दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहने कर रखें। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले में फागिंग और स्प्रे के साथ जागरूकता और सैंपलिंग बढ़ा दी गई है। अब तक कुल मिलाकर 877 सैंपल लिए जा चुके हैं। - डा. मोहम्मद यासीन, डिप्टी सीएमओ ऊधमपुर
जिले में कहां पर कितने डेंगू के मामले टिकरी-51 चिनैनी-32 रामनगर-06 मजालता -03 पंचैरी- 01 कुल - 93
लक्षण
डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं और यह तीन दिन से एक सप्ताह तक रह सकते हैं। -मच्छर के काटने के बाद मरीज में चार से 10 दिन में डेंगू पूरी तरह फैल जाता है। -शुरू में सिरदर्द, आंखों की पुतलियों के पीछे दर्द, मिचली आना, उल्टी होना, हड्डियों या मांसपेशी में दर्द, रैशेस हो जाते हैं। -समय पर सही उपचार से डेंगू ठीक हो जाता है, मगर सही से इलाज न करने पर डेंगू गंभीर हो जाता है। ऐसी स्थिति में पेटदर्द, खून की उल्टी, सांस तेज चलने, मसूड़ों से खून आने जैसी समस्याएं हो जाती हैं। -डीएचएफ (डेंगू रक्तस्राव बुखार) में मरीज के शरीर पर लाल चकत्ते, नाक, मसूड़ों और पेशाब में खून आना और हल्की खुजली हो सकता है। - डेंगू के लक्षण नजर आने पर फौरन चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए, गंभीर हालत में तो अस्पताल जाने में देर नहीं करनी चाहिए।
बचाव
डेंगू फैलाने वाले मच्छर (एडीज) जमा पानी में तेजी से पनपते हैं। मलेरिया के मच्छरों के विपरीत एडीज मच्छर खुली जगह परकूलर, बाल्टी, टब, गमलों में जमा साफ पानी में अंडे देते हैं। 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में ये अंडे देते हैं। इसलिए कहीं पर भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। -एडीज मच्छर अधिक ऊंचा नहीं उड़ता, जिससे यह कमर से नीचे के हिस्सों में ज्यादा काटता है। मलेरिया के मच्छर जहां रात में काटते हैं, वहीं एडीज मच्छर दिन में काटते हैं। इसलिए टांगों और बाजुओं को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें। - मच्छर भगाने वाली क्रीम, मारने वाली स्प्रे और डिवाइस का प्रयोग करें।
तरल पदार्थों का करना चाहिए सेवन
डेंगू के मरीजों को अधिक से अधिक तरल पदार्थों का करना चाहिए सेवन डेंगू से बचाव के लिए कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए चिकित्सक मरीजों का उपचार उनमें पाए जाने वाले लक्षणों के आधार पर करते हैं। डेंगू में अपना खुद उपचार (सेल्फ ट्रीटमेंट) करना खतरनाक होता है, इसलिए खुद से एस्प्रिन, ब्रुफेन या कोई एनालजेसिक दवा दवा नहीं लेनी चाहिए। जरूरी हो तो साधारण पैरासिटामोल ले। इससे अधिक नहीं। डाक्टर से उपचार कराना ही बेहतर होता है। डेंगू होने पर मरीज को पूरा आराम करना चाहिए और अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। पानी पीने के अलावा लस्सी, नारियल पानी और नींबू पानी, मौसमी या संतरे का जूस जैसे तरल पदार्थ समय समय पर लेने चाहिए।
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