बगलिहार और सलाल बैराज का गेट दो दिनों से बंद, आधा पानी ही जा रहा पाकिस्तान; PM मोदी ने दिया था साफ संदेश
भारत ने चिनाब नदी के पानी के बहाव को कम कर दिया है। रामबन में बगलिहार बांध और रियासी में सलाल बांध के गेट सीमित रूप से खोले गए हैं जिससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी में भारी कमी आई है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।

जागरण टीम, उधमपुर/रियासी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेगा और हो भी वैसा ही रहा है। सीमाएं भले ही शांत हैं, लेकिन पानी को लेकर सरकार अडिग है। सरकार अपनी जरूरत के अनुसार नदियों का पानी इस्तेमाल कर रही है। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिला में चिनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना पर बने बैराज के सभी गेट बुधवार को दूसरे दिन भी बंद रहे।
चिनाब नदी में पानी का बहाव आधा
इसी तरह रियासी जिला में भी लगातार दूसरे दिन सलाल बांध के छह में से मात्र एक गेट खुला रहा, जिससे पाकिस्तान की तरह से बहने वाली चिनाब नदी में पानी का बहाव आधा ही रह गया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है।
बता दें कि किश्तवाड़, रामबन, सलाल बांध, रियासी और फिर अखनूर से बहते हुए चिनाब नदी का जल प्रवाह पाकिस्तान की तरफ जाता है। ऐसे में भारत में चिनाब के जलस्तर की परिस्थितियों का सीधा असर पाकिस्तान पर भी होता है।
सलाल बांध का सिर्फ एक गेट खुला
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था।
जानकारी के अनुसार, बगलिहार बांध से सिर्फ उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है जितना टरबाइन चलाने के लिए आवश्यक है। परिणाम स्वरूप चिनाब में जलस्तर सामान्य से 50 प्रतिशत तक कम हो गया है। हालांकि पानी रोकने के कारण बांध में अब पहले से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा है।
गर्मी के मौसम में ग्लेशियर पिघलने से आमतौर पर चिनाब में जलप्रवाह लगभग 25,000 क्यूसिक तक रहता है, इस समय यह 12,000 से भी नीचे गिर गया है। वहीं, रियासी जिला के सलाल में भी मंगलवार के बाद बुधवार को छह में से मात्र एक गेट खुला रहा, जिससे निचले हिस्से के चिनाब नदी में पानी काफी कम हो गया है।
फिलहाल स्थगित रहेगी सिंधु जल समझौता
बता दें कि कुछ दिन पहले भी सलाल बांध के गेट बंद करने से चिनाब का जलस्तर इतना कम हो गया था कि लोग पैदल अखनूर में चिनाब नदी को आर-पार कर रहे थे। उसके बाद बांध के गेट खुलने से काफी तेजी से चिनाब का जल प्रवाह बढ़ गया था।
अब चंद रोज से दोबारा बांध के अधिकतर गेट बंद हैं। बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी साफ कहा था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करेगा, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।
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