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    Operation Sindoor: भारत का एअर डिफेंस अभेद्य, आकाश की ताकत से पंगु हो गया था पाकिस्तान का ग्राउंड रडार सिस्टम

    Updated: Wed, 14 May 2025 09:56 PM (IST)

    भारत-पाकिस्तान के बीच हुए ताजा सैन्य टकराव में आकाशतीर ने अपने एयर डिफेंस के साथ दुश्मन पर सटीक जवाबी प्रहार की दोहरी क्षमता को प्रदर्शित कर एक तरह से यह भी साबित किया है कि वह दुनिया की किसी भी चीज से ज्यादा तेजी से संभावित खतरे को देखता निर्णय लेता और हमला करता है।

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    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित है आकाशतीर का एयर डिफेंस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    संजय मिश्र, जागरण। ऑपरेशन सिंदूर की भारतीय सेनाओं की कार्रवाई के दौरान स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाशतीर के बचाव के साथ मारक क्षमता की दोहरी ताकत ने पाकिस्तान के अमेरिका से हासिल अवाक्स ग्राउंड रडार सिस्टम को भी तबाह कर दिया था।

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    रक्षा तथा सामरिक क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञ ऑपरेशन में आकाश की क्षमता और कामयाबी को पश्चिमी देशों को हैरान करने वाला मान रहे हैं। खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित आकाशतीर की ऑटोमेटिक लड़ाकू क्षमता को इसका सबसे विध्वंसक फीचर मान रहे हैं, क्योंकि कई संकेतकों मौसम, भूभाग, रडार इंटरसेप्शन से डेटा जुटा वास्तविक समय में यह खुद मिशनों का मार्ग दुश्मन के प्रहार पर जवाबी हमले करता है।

    भारत का एयर डिफेंस अभैद्य

    इस लिहाज से विशेषज्ञ आकाश के इस फीचर को कई नाटो देश के युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले एआई आधारित लूप्स को मात देने में भी सक्षम आंक रहे हैं। पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर के नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेनाओं के सटीक विध्वंसकारी हमले के बाद पाकिस्तानी वायुसेना के पहले ड्रोन-यूएवी और उसके बाद लड़ाकू जेट से मिसाइलों से जवाबी हमलों की बौछार भारत के एयर डिफेंस को भेद नहीं पायी।

    इसमें एस-400 के साथ आकाशतीर की सबसे अहम भूमिकाएं रही। शायद इसीलिए संघर्ष विराम के बाद ऑपरेशन सिदूर की कार्रवाइयों का विश्लेषण कर रहे दुनिया के कई विशेषज्ञ अब आकाशतीर को युद्ध रणनीति में एक बड़ा बदलाव बता रहे हैं। खास बात यह है कि आकाशतीर के जरिए स्वदेश निर्मित ड्रोन तथा स्वार्म ड्रोन, स्वदेशी उपग्रह निगरानी और एआई युद्धक्षेत्र समन्वय को वास्तविक समय में सफलतापूर्वक एकीकृत करने वाला भारत पहला गैर-पश्चिमी देश बन गया है।

    युद्ध क्षेत्र के लिए काफी सहज

    • पारंपरिक एयर डिफेंस प्रणालियों से अलग आकाशतीर ऑटोमेटिक कार्य करता है जिसमें ड्रोन उड़ान पथों को बदलने, लक्ष्यों का चयन करने और आपरेटर इनपुट के बिना हमलों का समन्वय करने में सक्षम हैं। आकाशतीर की विशेषता यह भी है कि यह सैन्य वाहन प्रणाली पर आधारित है जो इसे मोबाइल बनाती है।
    • इसकी वजह से युद्ध क्षेत्र में जरूरत के हिसाब से तैनाती से लेकर इसकी सुरक्षा को संभालना अपेक्षाकृत आसान है। इतना ही नहीं विवादित हवाई क्षेत्र में मित्रवत विमानों की सुरक्षा की भी इसमें गारंटी होती है। इसके एकीकृत सेंसर में 3डी टैक्टिकल रडार, लो-लेवल लाइटवेट रडार और आकाश हथियार प्रणाली शामिल हैं।
    • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रविवार को दोनों देशों के बीच हुए सैन्य टकराव में आकाशतीर का समन्वित ड्रोन हमला पाकिस्तान के संवेदनशील कमांड जोन में उनको गच्चा देकर प्रवेश कर गया। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के लाहौर स्थित अवाक्स और ग्राउंडर रडार सिस्टम पंगु हो गए।

    आकाशतीर ने पैदा की चुनौती

    पाकिस्तान ने यह आवाक्स और रडार सिस्टम अमेरिका से खरीदा है और इसपर कई पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों हैरानी जताते हुए कहा कि हमने पहले जो कुछ भी देखा है यह उससे परे है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9-10 मई की मध्यरात्रि को जब पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन के साथ भारतीय सैन्य तथा नागरिक क्षेत्रों पर अपना सबसे घातक हमला किया तो उन्हें अभेद्य लौह गुंबद आत्मरक्षा की भारतीय दीवार आकाशतीर से ही चुनौती मिली।

    यह आकाशतीर ही था जिसने सभी पाकिस्तानी इनबाउंड एयरबोर्न ड्रोन, मिसाइलों, अन्य माइक्रो यूएवी और अन्य हथियारों को भारतीय हवाई सीमा में आने से रोक दिया। जबकि आकाशतीर की तुलना में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम एचक्यू-9 और एचक्यू-16 भारतीय सेनाओं के हमले को पूरी तरह रोकने में विफल रहे।

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