26 जनवरी पर जम्मू-कश्मीर को दहलाने की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने जब्त किए हथियार; PoK से लाए गए थे
गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) यानी 26 जनवरी को जम्मू-कश्मीर को दहलाने की बड़ी साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया। गुलाम जम्मू-कश्मीर (PoK) में बैठे आतंकियों के आकाओं ने बॉर्डर से सटे कुपवाड़ा में हथियारों का एक बड़ा जखीरा भेजा था जिसे सुरक्षाबलों ने बरामद कर लिया। इसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में किसी बड़े आतंकी हमले में होना था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) के दौरान जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकी हमले का षड्यंत्र शुक्रवार को विफल कर दिया। इस षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए गुलाम जम्मू-कश्मीर में बैठे आतंकी हैंडलरों ने उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे कुपवाड़ा में हथियारों का एक बड़ा जखीरा भेजा था। आतंकियों के हाथ लगने से पहले ही सुरक्षाबलों ने इन हथियारों को बरामद कर लिया।
सेना और BSF ने चलाया था सर्च ऑपरेशन
अधिकारियों ने बताया कि गत सोमवार को विशेष सूचना के आधार पर पुलिस ने सेना और बीएसएफ के जवानों के साथ मिलकर कुपवाड़ा में करालपोरा के जंगलों में तलाशी अभियान चलाया था।
सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से पता चला था कि गुलाम जम्मू-कश्मीर से हथियारों की एक खेप करालपोरा में एलओसी के साथ सटे जंगल में कहीं पहुंचाई गई है। इसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में किसी बड़े आतंकी हमले में होगा।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
यह तलाशी अभियान लगातार तीन दिन चला। इसी दौरान टीपी जंगल में जवानों ने उस जगह का पता लगा लिया, जहां यह हथियार छिपाकर रखे गए थे। बरामद हथियारों में एक पिस्तौल, एक मैगजीन, आठ कारतूस, पांच हथगोले और एसाल्ट राइफल के 270 कारतूस हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जिस इलाके में यह जखीरा बरामद किया गया है, वह पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन टीपी जंगल के आसपास रहने वाले सभी संदिग्ध तत्वों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह सामान कौन लाया है और इसे कौन आगे लेकर जाने वाला था।
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13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर आएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 13 जनवरी के प्रस्तावित कश्मीर दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (एसपीजी) का दल शुक्रवार को श्रीनगर पहुंच गया।
एसपीजी के दल ने जिला गांदरबल में जेड मोड़ और गगनगीर क्षेत्र का भी दौरा किया। इस संबंध में पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ बैठक में सुरक्षा चक्र की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया।
सुरंग पर निर्माण कार्य के दौरान गत वर्ष 22 अक्तूबर 2024 आतंकियों ने सुरंग के कर्मचारियों पर हमला किया था जिसके नतीजे में 6 बाहरी श्रमिकों समेत 7 कर्मचारी जिनमें एक स्थानीय डॉक्टर भी शामिल था,की मौत हो गई थी।
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