श्रीनगर तक रेल सेवा से सफर आसान, यात्रियों को ही नहीं जम्मू-कश्मीर की जनता को भी सॉलिड फायदा; पता है कैसे?
श्रीनगर तक रेल सेवा से न केवल यात्रियों को फायदा होगा बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। फल उत्पादक और व्यापारी अब अपने ताजे फल देश के अन्य हिस्सों में आसानी से भेज सकेंगे। इस रेल सेवा से पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। मौजूदा समय में श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर बर्फबारी या किसी अन्य समस्या से रास्ते अवरोध हो जाते हैं।

रजिया नूर, श्रीनगर। Train to Kashmir: विकास की डगर पर तेजी से आगे बढ़ रहे जम्मू कश्मीर को इस नव वर्ष पर वंदेभारत रेल की सूरत में एक खूबसूरत तोहफा मिलने जा रहा है। दिल्ली से श्रीनगर मात्र 13 घंटों तक पहुंचाने वाली इस रेल सेवा से न केवल लोगों का सफर आसान होगा बल्कि यह सेवा यहां की अर्थव्यवस्था को भी चार चांद लगाएगी।
इस रेल सेवा के शुरू होने पर स्थानीय फल उत्पादक व व्यापारी काफी उत्साहित हैं। उनके अनुसार अब देश के अन्य हिस्सों में भेजे जाने वाले उनके फल श्रीनगर जम्मू हाइवे पर सड़ेगें नही बल्कि चंद घंटों के भीतर ही वह अपने ये ताजा ताजा फल देश की अन्य मंडियों तक पहुंचा सकते हैं।
80 फीसदी लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ेंगे
पर्यटन उद्योग के साथ साथ कृषि क्षेत्र घाटी के लोगों का मुख्य पेशा है और यह क्षेत्र यहां की अर्थव्यवस्था में रीड़ की हड्डी की हैसियत रखता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र से 80 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र के साथ जुड़े हैं।
इसमें से फल उत्पादन व इसके व्यापार की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार 35 लाख लोग इसके साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। फल अद्योग का जहां तक संबंध है तो सेब घाटी का सब से ज्यादा काश्त होने वाले फल है और 3.5 लाख हैक्टेयर जमीन पर इसकी काश्त होती है।
हर साल 10 हजार करोड़ की आमदनी
फल उद्योग से घाटी में प्रति वर्ष 10,000 करोड़ की आमदनी होती है। सेब के साथ साथ घाटी में उगाए जाने वाले अन्य फल देश व दुनिया के अन्य हिस्सों में सप्लाई किए जाते हैं और देश व दुनिया के शेष हिस्सों तक पहुंचाने के लिए यह फल घाटी की शह रग कहलाने वाले श्रीनगर-जम्मू हाइवे से पहुंचाए जाते थे।
अब यह सब कुछ इसी हाइवे पर निर्भर होता था कि इसकी स्थिति कैसी है। मौसम और सड़क ही हालत ठीक होती तो फल फ्रूट अपने गंतव्यों पर पहुंच जाते, मौसम खलनायकी पर उतर आता तो ट्रकों में लदे यह फल फ्रूट हाइवे पर कई दिनों तक ऐसे ही सड़ गल जाते और फल उत्पादकों व व्यापारियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ता था।
लेकिन अब फल उद्योग से जुड़े इन लोगों को श्रीनगर जम्मू हाइवे के रहम व करम पर नही रहना पड़ेगा बल्कि अब इस उद्योग से जुड़े लोग चंद घंटों के भीतर ही अपना यह माल देश की मंडियों में पहुंचा सकते हैं और वह भी ताजा और बिल्कुल फ्रेश।
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श्रीनगर-जम्मू हाईवे को लेकर क्या बोले व्यापारी
मोहम्मद रफीक वगे नामक एक फल उत्पादक ने कहा, सच मानो तो हमारे घरों में चूल्हा जलने या ठंडा रहने का सारा दारोमदार श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर है। मौसम साथ दे तो हमारा माल देश की मंडियों तक पहुंचेगा और हमारा चूल्हा जलेगा मौसम खलनायक रहा तो माल नहीं जाएगा और हमारा चूल्हा ठंडा।
लेकिन इस रेल सेवा की सहूलियत से हम जैसे छोटे व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा। अब चाहे बारिश हो, बर्फ हो या आंधी तूफान, हमारा माल देश की मंडियों तक पहुंचेगा।
रफीक ने कहा, मैं मेरा चार कनाल के बाग में सेब,नाशपाती व आडू काश्त करता हूं। इससे मुझे हर साल 300-400 पेटियां फल का उत्पादन होता है। मुझे अभी तक अपने इस माल को दूसरे व्यापारियों के माल के साथ ट्रक में दुगने किराए पर एडजेस्ट कर बाहर भेजना पड़ता था। लेकिन अब मैं अपने इस माल को इस रेल के जरिए कम किराए पर आसानी से बाहर भेज सकता हूं।
फल उद्योग पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
इधर, फ्रूट ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने इस सेवा के शुरू होने पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे फल उद्योग पर काफी सकारात्मक प्रभाव बड़ेगा।
बशीर ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और हम इसका दिल से स्वागत करते हैं। अध्यक्ष ने कहा, इस सेवा का सब से ज्यादा फायदे हमारे छूटे फ्रूट व्यापारियों को होगा। वह आराम से अपना माल इस रेल के जरिए कम किराए पर बाहर भेज सकते हैं।
अध्यक्ष ने कहा कि इस रेल की तरह दिल्ली से एक मालगाड़ी की सेवा भी शुरू की जाए। अध्यक्ष के अनुसार उस रेल सेवा से यहां के फल उद्योग में एक क्रांति आएगी। अध्यक्ष ने कहा, हमने इस सिलसिले में प्रशासन को एक प्रस्ताव भी सौंप दिया है। हमें उम्मीद है कि हमारी यह मांग पूरी की जाएगी।
13 घंटों में तय होगा सफर
बता हैं कि दिल्ली से श्रीनगर तक वंदे भारत रेल सेवा इसी महीने शुरू की जाएगी। इस रेल सेवा के माध्यम से दिल्ली से श्रीनगर तक का सफर मात्र 13 घंटों के भीतर तय किया जाएगा। सेवा के हवाले से जहां प्रशासन ने सारी तैयारियां मुकम्मल की है वहीं इस सेवा को लेकर घाटी के लोगों में खासा उत्साह है।
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