Jammu: अनुच्छेद 370 पर निर्णय आने से पहले कश्मीर में बढ़ी सुरक्षा, उमर व महबूबा ने जताई मुख्यधारा के नेताओं को नजरबंद करने की आशंका
अनुच्छेद 370 में संबंधिक याचिकाओं पर सोमवार को फैसला आने वाला है। इसको लेकर कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। इसके साथ ही नेकां और पीडीपी ने मुख्यधारा के सभी नेताओं को नजरबंद करने की आशंका जताई है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक कर लगातार सुरक्षा परिदृश्य का जायजा ले रहे हैं।
साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई अफवाह फैलाकर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस बीच, नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आशंका जताई कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले कश्मीर में मुख्यधारा के सभी नेताओं को नजरबंद या हिरासत में लिया जा सकता है।
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
कुलगाम के देवसर में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि मैं अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सिर्फ दुआ ही कर सकता हूं कि यह जम्मू कश्मीर के लोगों के हक में हो। निर्णय को लेकर जितने हम आशंकित हैं, उतनी ही सरकार भी है। अगर अनुच्छेद 370 हटाने वालों को निर्णय के बारे में पता है तो फिर यह जांच का विषय है। उमर ने कहा, मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं कि मैं आज ही बता दूं कि अनुच्छेद 370 पर सुनवाई करने वाले पांच न्यायाधीशों के दिल में क्या चल रहा है, उन्होंने अपने निर्णय में क्या लिखा है ? हम सभी निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। फैसले के बाद ही हम अपने अगले कदम का एलान करेंगे। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर उमर ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। हमें इस बात का अफसोस है कि उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए संसद में बोलने तक नहीं दिया गया।
हिरासत में लिए जा सकते कई दलों के राजनेता
अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा ने कहा कि हमें कुछ ऐसी सूचियां मिल रही हैं जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों विशेषकर पीडीपी के नेताओं व कार्यकर्ताओे के नाम हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जाएगा। इसे देखते हुए लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न जम्मू कश्मीर के हित में होगा और न राष्ट्रहित में। निर्णय सिर्फ भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला होगा और इसलिए यहां एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
महबूबा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी बनती है कि वह सुनिश्चित बनाए कि भाजपा के एजेंडे को किसी भी तरह से अदालत के जरिए गति न मिले। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 के संदर्भ में दायर याचिकाओं की सुनवाई में काफी लंबा समय लिया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए।
जम्मू में वरिष्ठ अधिकारियों की हुई बैठक
इससे पहले शुक्रवार को अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) विजय कुमार ने पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जो कोई शांति भंग करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में जमीनी हालात की लगातार निगरानी करें और स्थिति की समीक्षा कर तदनुसार तत्काल कार्रवाई करें।
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