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    Kashmir News: 'यह जम्मू-कश्मीर है, अमेरिका नहीं...' स्कूल खुलने के समय पर बार-बार उठ रहे सवालों पर क्यों भड़क गई शिक्षामंत्री इट्टू

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 04:02 PM (IST)

    कश्मीर में स्कूलों के समय को लेकर मीडिया और अभिभावकों के सवालों पर शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर है अमेरिका नहीं। उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण स्कूलों का समय बदला गया था और अब बारिश आने के बाद इस पर पुनर्विचार किया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार प्रयास कर रही है लेकिन वर्षों की उपेक्षा के कारण चुनौतियाँ अभी भी हैं।

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    सकीना इट्टू ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। गर्मियों की छुट्टियाें के बाद कश्मीर घाटी में खुले सरकारी व निजी स्कूलों के समय को लेकर बच्चों-अभिभावकों के बाद अब मीडिया द्वारा भी बार-बार सवाल पूछे जाने पर तंग आ चुकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू ने कहा है कि यह जम्मू-कश्मीर है, अमेरिका नहीं। हमें अपने मौसम और परिस्थितियों के अनुसार योजना बनानी होगी। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, कि सभी निर्णय क्षेत्र के बदलते जलवायु और जमीनी हकीकतों को ध्यान में रखते हुए लिए जाएं।

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    पत्रकारों से बात करते हुए सकीना इट्टू ने कहा कि स्कूलों का समय सुबह जल्दी करने का हालिया फैसला घाटी में अभूतपूर्व गर्मी के कारण लिया गया था। यह कदम छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

    "इतनी तेज़ गर्मी थी, शायद कश्मीर में ऐसा तापमान पहले कभी नहीं देखा गया। हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि आखिरकार बारिश आ गई। स्कूलों के समय में बदलाव जरूरी था क्योंकि अब परीक्षाएं अक्टूबर-नवंबर में होनी हैं, और जुलाई आ चुका है।"

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    मंत्री ने स्वीकार किया कि कई अभिभावकों और हितधारकों ने नए स्कूल शेड्यूल पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया है। मैंने संबंधित अधिकारियों से बात कर ली है और हम साथ मिलकर काम करेंगे। छात्रों और कर्मचारियों के लिए जो भी सबसे सुविधाजनक और फायदेमंद होगा, वह किया जाएगा।

    स्वास्थ्य सेवा के मुद्दे पर शिक्षामंत्री ने कहा कि वर्षों की उपेक्षा के कारण यह व्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है। जो काम दस सालों में नहीं हुआ, उसे आप आठ महीनों में ठीक नहीं कर सकते। ऐसे इलाके हैं जहां छह साल से कोई डॉक्टर तैनात नहीं था और बुनियादी ढांचा ही नहीं था।

    उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान दूरदराज के इलाकों में सेवा देने और मरीज़ों की देखभाल में सुधार के लिए योग्य युवाओं को 309 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। इट्टू ने यह भी कहा कि सलाहकारों की नियुक्तियां नियमित रूप से की जा रही हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से तैनात करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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    हालांकि, उन्होंने बताया कि कई स्वास्थ्य भवनों को बिना उचित योजना के जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया, जिससे उनमें उपकरण, दवा की दुकानें या आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं। इस स्थिति को सुधारने की ज़रूरत है। हमें अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए मीडिया, जनता और सभी विभागों के सहयोग की आवश्यकता है।

    सर्दियों के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए इट्टू ने कहा कि इस क्षेत्र के लगभग 1,000 स्कूलों में खासकर जहां इमारतों में पर्याप्त ढांचा नहीं है, हीटिंग सिस्टम लगाना असंभव है। उन्होंने कहा कि क्या हम सिर्फ़ बर्फबारी या ठंड के कारण परीक्षाएं रद कर सकते हैं? स्वास्थ्य के बाद, शिक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।