श्रीनगर के सरकारी ललदेद अस्पताल में डॉक्टर के वायरल वीडियो से मचा बवाल? प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
श्रीनगर के लल्ला देद अस्पताल में एक डॉक्टर का वीडियो वायरल होने से विवाद हो गया है। वीडियो में लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर जैसे संवेदनशील क्षेत्र दिखाए गए हैं जिससे मरीजों की निजता पर सवाल उठ रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों ने इसे संविधान और चिकित्सा नैतिकता का उल्लंघन बताया है जिसके चलते जाँच शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। गत दिनों श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ मारपीट की घटना से उत्पन्न हुई स्थिति अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुई थी कि शहर के एक और सरकारी अस्पताल में घटित हुई घटना ने बवाल मचा दिया है।
यह घटना श्रीनगर में स्थित एक मात्र सरकारी जच्चा बच्चा अस्पताल ललदेद की है। जहां के एक डॉक्टर द्वारा शूट किए गए वीडियो ने लोगों में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। मरीजाें की निजता और पेशेवर नैतिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो में, एक सक्रिय सर्जरी के दौरान लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर सहित प्रतिबंधित क्षेत्र दिखाई दे रहे हैं।
बुधवार शाम को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो में एक डॉक्टर अस्पताल के संवेदनशील क्षेत्रों में आराम से घूमते हुए खुद और अपने साथियों का वीडियो बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने लाइव सर्जरी की रिकॉर्डिंग भी की और अन्य कर्मचारियों के साथ सेल्फी भी खिंचवाई।
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वीडियो के लापरवाह लहजे और मरीजों की गरिमा के प्रति स्पष्ट उपेक्षा की चिकित्सकों और आम जनता दोनों ने तीखी आलोचना की है।
कानूनी विशेषज्ञों ने कहा है कि इस तरह की हरकतें संविधान के अनुच्छेद 21, जो निजता के अधिकार की रक्षा करता है, और साथ ही भारतीय चिकित्सा परिषद के नैतिक दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन करती हैं।
इस कृत्य के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ई के तहत सख्त कार्रवाई भी हो सकती है। जिस तरह से डॉक्टर ने बिना सहमति के किसी की निजी तस्वीरें ली और बाद में उसे साझा भी कर दिया।
इस आक्रोश के बीच, श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। जीएमसी ने एक बयान में कहा, श्रीनगर के लल्ला देद अस्पताल के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो की जाँच के लिए एक जाँच समिति गठित की गई है। चिकित्सा और आईटी विशेषज्ञों वाली यह समिति 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
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यह घटना एसएमएचएस अस्पताल में डॉक्टरों की एक बड़ी हड़ताल के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जिससे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में जवाबदेही को लेकर जनता का गुस्सा और बढ़ गया है।
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